NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
मध्यप्रदेश: मेधा पाटकर ने 9 दिन बाद तोड़ा अनशन, 9 सितंबर को सरकार से होगी चर्चा
मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध के मध्यप्रदेश के विस्थापितों के उचित पुर्नवास और ग्रामीणों को डूब से राहत के लिये बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर 26 अगस्त से अनशन कर रही थी। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
03 Sep 2019
megha patkar

भोपाल: सरदार सरोवर बांध के डूब प्रभावितों के अधिकार को लेकर जारी मेधा पाटकर का अनशन 9वें दिन सोमवार को खत्म हो गया। रात 10.30 बजे पूर्व मुख्य सचिव शरदचंद्र बेहार ने नींबू पानी पिलाकर पाटकर का अनशन तुड़वाया।

बेहार भोपाल से बड़वानी सीएम कमलनाथ के संदेशवाहक बनकर पहुंचे थे। उन्होंने भरोसा दिलाया कि सरदार सरोवर बांध को 139 मीटर तक न भरने व डूब प्रभावितों के पुनर्वास सहित सभी मुद्दों पर 9 सितंबर को भोपाल में सीएम चर्चा के लिए तैयार हैं।

आपको बता दें कि नर्मदा वैली विकास प्राधिकरण (एनवीडीए) के इंदौर कमिश्नर पवन शर्मा और दो स्वतंत्र दूत राजेंद्र कोठारी और राकेश दीवान के साथ शरदचंद्र बेहार मेधा के पास पहुंचे थे और उनसे नर्मदा चुनौती सत्याग्रह समाप्त करने की अपील की थी।

इससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने इस मामले में एक वक्तव्य जारी कहा था, ‘मेधा पाटकर और एनबीए के समस्त साथियों को यह आश्वस्त करना चाहता हूं कि मेरी सरकार डूब प्रभावितों के पूर्ण पुनर्वास के लिये प्रतिबद्ध है। डूब प्रभावितों के समस्त दावों और मुद्दों का संपूर्ण निराकरण, नर्मदा घाटी के गांव-गांव में शिविर लगाकर किया जायेगा। मैं मेधा पाटकर जी से पुन: विनम्र आग्रह करता हूं कि वे अपना अनशन समाप्त करें और डूब प्रभावितों के मुद्दों के त्वरित निराकरण में हमारा सहयोग करें।’

मुख्यमंत्री ने कहा कि मध्यप्रदेश शासन का पूरा प्रयास होगा कि बांध के गेट खोले जावें एवं पूर्ण स्तर तक जल भराव वर्तमान में स्थगित रखा जावे। अपने वक्तव्य में उन्होंने बताया कि सरकार ने पुनर्वास कार्यो में विस्थापितों की जनसहभागिता सुनिश्चित करने के लिये प्रत्येक डूब ग्राम की ग्राम स्तरीय पुनर्वास समिति एवं जिला स्तरीय पुनर्वास समिति गठित की है। इन समितियों में जनप्रतिनिधि, सामाजिक कार्यकर्ता एवं विस्थापितगण शामिल गये गये हैं।

आपको बता दें कि मेधा पाटकर नर्मदा नदी पर गुजरात में निर्मित सरदार सरोवर बांध (एसएसडी) के मध्य प्रदेश के विस्थापितों के उचित पुर्नवास और ग्रामीणों को डूब से राहत के लिए बांध के गेट खोल पानी छोड़ने की मांग को लेकर 26 अगस्त से अनिश्चितकालीन 'सत्याग्रह' आंदोलन कर रही थीं। यह गांव एसएसडी के बैकवाटर के जलमग्न क्षेत्र में पड़ता है।

उससे पहले मुख्यमंत्री कमलनाथ ने भी मेधा पाटकर से अनशन खत्म करने की अपील की थी लेकिन मेधा ने इससे इनकार कर दिया था। सोमवार सुबह को प्रदेश की काबीना मंत्री विजयलक्ष्मी साघौ ने अनशन स्थल पर मेधा पाटकर से मिलकर उनसे अपना अनशन समाप्त करने का आग्रह किया और मुख्यमंत्री कमलनाथ से फोन पर उनकी बात भी करवाई। इसके बावजूद पाटकर ने अपना आंदोलन खत्म करने से इनकार कर दिया था।

गौरतलब है कि वर्तमान में एसएसडी में 134 मीटर स्तर तक जल भराव किया गया है जबकि इसकी अधिकतम क्षमता 138 मीटर है। यह बांध बनने के बाद पहली बार इतने अधिक स्तर पर इसमें जल भराव होने से मध्यप्रदेश का बड़ा इलाका इसके बैकवॉटर से जलमग्न हो गया है।

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)  

Madhya Pradesh
Medha patkar
Sardar sarovar Dam
kamalnath
NDA
SSD

Related Stories

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग

एमपी : ओबीसी चयनित शिक्षक कोटे के आधार पर नियुक्ति पत्र की मांग को लेकर आमरण अनशन पर बैठे

मध्य प्रदेश : आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पहले पुलिस ने किया यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार

बाल विवाह विधेयक: ग़ैर-बराबरी जब एक आदर्श बन जाती है, क़ानून तब निरर्थक हो जाते हैं!

सामूहिक वन अधिकार देने पर MP सरकार ने की वादाख़िलाफ़ी, तो आदिवासियों ने ख़ुद तय की गांव की सीमा

कोरबा : रोज़गार की मांग को लेकर एक माह से भू-विस्थापितों का धरना जारी

मध्यप्रदेश में खाद की किल्लत: 11 अक्टूबर को प्रदेशभर में होगा किसान आंदोलन

भोपाल : लखीमपुर नरसंहार के ख़िलाफ़ प्रदर्शन, राष्ट्रपति को भेजा ज्ञापन


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License