NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
मेरी अपनी आवाज़ में: कश्मीरियत
हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और शांति वापस लाने की दिशा में काम करना चाहिए, यही कश्मीरियत है - लाल डेड और कश्मीर की सच्ची विरासत।
सागरी छाबरा
28 Feb 2019
Translated by महेश कुमार
kashmir
image courtesy- zubair sofi

‘मेरे सामने वाली खिड़की में 
एक चांद का टुकड़ा रहता है; 
अफसोस ये है कि वो हमसे;
कुछ उखड़ा उखड़ा रहता है.’ 
(सामने वाली खिड़की में, चांद का एक टुकड़ा रहता है, लेकिन दुख की बात है कि वह मुझसे थोड़ा नाराज़ सा रहता  है।)

हिंदी फिल्म पडोसन के इस गीत से मेरा उस वक्त स्वगात किया, जब मैं लाहौर में जानी-मानी मानवाधिकार कार्यकर्ता अस्मा जहाँगीर के घर गयी थी। गायकों में खुद अस्मा जहाँगीर और उनके अन्य साथी पाकिस्तानी सामाजिक कार्यकर्ता थे, क्योंकि उन्होंने सन्‌ 2000 में लाहौर में महिला पहल के लिए दक्षिण एशिया में (WIPSA) प्रतिनिधिमंडल के अन्य सदस्यों के साथ मेरा स्वागत किया था। गांधीवादी निर्मला देशपांडे के नेतृत्व में, हमने लाहौर, इस्लामाबाद, तक्षशिला और नान्का साहिब की यात्रा की थी, और हमने बँटवारे पर एक-दूसरे के देश की कहानियों को सुना, दोस्ताना स्वागत हुआ और हमारी उत्कट अभिलाषाओं की अदला-बदली के रूप में बधाई दी गयी एक-दुसरे के देश की यात्रा की इच्छा भी जताई गयी। हर कोई शांति चाहता है, और बातों में एक दुसरे के प्रति प्यार झलकता था। वह समय लगभग एक अन्य ही युग लगता था।

26 फरवरी को, विदेश सचिव विजय गोखले ने कहा कि भारत ने पाकिस्तान के हवाई क्षेत्र में हवाई हमला किया था, और बालाकोट में आतंकी शिविर को ध्वस्त कर दिया था। उन्होंने 'गैर-सैन्य पूर्व-निर्धारित हमला' शब्द का इस्तेमाल किया था, जो कि उस आतंकवादी समूह जैश-ए-मोहम्मद द्वारा चलाए जा रहे शिविर पर हमले करने के वर्णन करने के लिए किया गया है, जिसने उस आतंकवादी समूह की कश्मीर के पुलवामा में गंभीर आतंकवादी हमले की जिम्मेदारी ली है, जिसमें 40 से अधिक जवान मारे गए हैं।

चूंकि भारत में कोई आतंकी शिविर मौजूद नहीं है, इसलिए हमारा मानना था कि इस हमले का कोई प्रतिशोध नहीं होगा। मैं कैसे कामना करूँ कि यह सच हो! आज, सरकार ने दावा किया है कि उसने एक पाकिस्तानी विमान को मार गिराया है, लेकिन दुर्भाग्य से एक भारतीय पायलट भी लापता है। पाकिस्तान का दावा है कि वह उनकी हिरासत में है। हम उसकी सुरक्षा के लिए प्रार्थना करते हैं। हिंसा का दायरा बढ़ेगा, और यह मत भूलिए कि दोनों देशों के पास परमाणु बम हैं! इस बीच, पाकिस्तान के पीएम इमरान खान ने बातचीत के लिए कहा है; सौम्य पाठकगण, बस किसी तरह से युद्ध को रोकने के लिए, पुरी तरह तैयार हूँ! टेलीविज़न की बहसों में मजबूत दृष्टिकोण पर एक विवाद है और बीजेपी ने कोने-कोने के चुनावों के मद्देनज़र चुनावी लाभ के लिए इसका पूरा फायदा उठाया है।


लेकिन एक कदम पीछे हटिए और खुद से पूछिए। क्या कभी कश्मीर समस्या का सैन्य समाधान किया जा सकता है? यदि ऐसा है, तो पहले युद्ध में, जब महाराजा हरि सिंह ने 1947 में भारत में प्रवेश पत्र पर हस्ताक्षर किए थे, तो आदिवासी समूहों ने कश्मीर के पश्चिमी भाग पर लड़ाई नहीं की होती और न ही कब्जा किया होता। एक कश्मीरी युवक ने "1947 से एके 47 तक" पर चुटकी लेते हुआ कहा। लेकिन लंबे समय तक जारी संघर्ष से  वास्तविक अर्थ में, कश्मीरी युवाओं ने उनकी अपनी असली आज़ादी (स्वतंत्रता) को क्रूर उग्रवाद और सेना की चल रही उपस्थिति दोनों ने तबाह कर दिया है। कश्मीरी युवाओं के बीच अलगाव की भावना चिंता की बात है, और 168 युवाओं को अंधाधुंध छर्रों के जरी अंधा बना देना – वह भी सुरक्षा बलों की गोली बंदूकों द्वारा - जैसा कि उनके पथराव करने के जवाब में किया गया, एक विचलित करने वाला क्षण था।

पाकिस्तान के पास एक ऐसी सेना है जो भारत को एक हज़ार जगहों से खून बहाना चहती है 'और यही आतंकवाद करता है। हमें नहीं पता कि यह कब और कहां पर हमला करेगा, और इस तरह के हमले शांति, सुरक्षा और मुक्त गतिशीलता को लोगों को आंतरिक तौर पर मुक्त रहने की भावना को दूर ले जाता है।
दक्षिण एशिया, सिंधु घाटी सभ्यता का ख़जाना है - दुनिया की सबसे प्रारंभिक सभ्यताओं में से एक है – इसे हमेशा के लिए संघर्ष के मैदान में उतरने की अनुमति नहीं दी जा सकती है। जबकि यूरोप एक मुद्रा और एक पासपोर्ट उपयोग करने की तरफ बढ़ रहा है, तो हम ऐसे में संभवतः कांटेदार तारों को स्थापित नहीं कर सकते हैं और सीमाओं पर रक्त नहीं बहा सकते हैं।

सबसे जरूरी चीज युद्ध को रोकना है, और शांति बनाए रखना है। इसके लिए हमें अंतर्राष्ट्रीय समर्थन प्राप्त करना चाहिए; संयुक्त राष्ट्र और वित्तीय कार्रवाई कार्य बल आतंकवाद को आर्थिक सहायता देने के लिए किसी भी देश को ब्लैकलिस्ट कर सकता है। आइए हम सभी देशों से समर्थन प्राप्त करने के लिए अपने राजनयिक चैनलों का उपयोग करें, फिर नियंत्रण रेखा का पालन करने के लिए वार्ता को फिर से शुरू करें। यदि बर्लिन की दीवार को ध्वस्त किया जा सकता है, तो कोई कारण नहीं है कि कश्मीरी लोगों की सद्भावना सुनिश्चित करने के लिए संघर्ष का एक सौहार्दपूर्ण समाधान नहीं खोजा जा सकता है।

कश्मीर ऐतिहासिक रूप से सूफीवाद का देश रहा है, जो प्रेम और मानवता पर आधारित है। बहती नदियों और प्राचीन जंगलों के साथ स्वर्ग की इस भूमि में, लल्लेश्वरी (1320 -1392) का जन्म हुआ, जो घर में ही शिक्षित हुई थीं, और उनकी शादी पंपोर में एक ब्राह्मण परिवार में हुई थी। जब वह पानी इकट्ठा करने के लिए नदी के तट पर जाती थी, तब वह प्रार्थना करने के लिए नौका से नट केशव भैरव मंदिर जाती थी। उस पर बेवफाई का झूठा आरोप लगाया गया था, और उसकी सास और यहाँ तक कि उसके पति ने भी क्रूरता का व्यवहार किया था। उसने घर छोड़ दिया और एक भटकने वाली भाट बन गई, जिसमें 'वाक्स' की रचना की और जिसका शाब्दिक अर्थ है भाषण।

उन्हौने लिखा:
‘मैंने खुद को पहना, खुद को ढूंढा 
संहिता को तोड़ने के लिए कोई भी इतनी कड़ी मेहनत नहीं कर सकता था।
मैंने खुद को खो दिया और एक शराब के तहखाने में, अमृत पाया, मैं आपको बताती हूं।
अच्छे सामान से भरे जार ही जार थे वहां और इन्हे पीने के लिए कोई नहीं था। '
कश्मीरी में उनकी कविताओं ने संस्कृत के कब्ज़े को तोड़ दिया।
 मूर्ति केवल एक पत्थर है
मंदिर पत्थर का है,
ऊपर से नीचे तक सब पत्थर है,
आप किसकी पूजा करेंगे,
हे जिद्दी पंडित? '


उसने अपनी कविता और प्रेम के माध्यम से  साथ दमनकारी ब्राह्मणवादी संरचनाओं का गला को तोड़ दिया था, और यह वही है जो अंत तक चला है। भारत के लोगों के इतिहास को बंदूक चलाने वाले सम्राटों से नहीं, बल्कि उसके कवियों, घुमक्कड संतों और शास्त्रों द्वारा जाना जाता है।
इस बार, हमें कश्मीरी लोगों की आवाज को गहरे प्रेम से सुनने की जरूरत है। हमें युद्ध नहीं शांति की जरूरत है। हमें आत्मनिरीक्षण करना चाहिए और शांति लाने की दिशा में काम करना चाहिए, यही कश्मीरियत है - लाल डेड और कश्मीर की सच्ची विरासत।
‘मेरे सामने वाली खिड़की में 
एक चांद का टुकड़ा रहता है...

लेखक एक पुरस्कार विजेता लेखक और फिल्म निर्देशक हैं।
 

kahsmir
lal ded
India
pakisatan
kashmiriyat
pulwama attack
non militry

Related Stories

भारत में धार्मिक असहिष्णुता और पूजा-स्थलों पर हमले को लेकर अमेरिकी रिपोर्ट में फिर उठे सवाल

भारत में तंबाकू से जुड़ी बीमारियों से हर साल 1.3 मिलियन लोगों की मौत

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा

UN में भारत: देश में 30 करोड़ लोग आजीविका के लिए जंगलों पर निर्भर, सरकार उनके अधिकारों की रक्षा को प्रतिबद्ध

वर्ष 2030 तक हार्ट अटैक से सबसे ज़्यादा मौत भारत में होगी

लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार

वित्त मंत्री जी आप बिल्कुल गलत हैं! महंगाई की मार ग़रीबों पर पड़ती है, अमीरों पर नहीं

रूस की नए बाज़ारों की तलाश, भारत और चीन को दे सकती  है सबसे अधिक लाभ

प्रेस फ्रीडम सूचकांक में भारत 150वे स्थान पर क्यों पहुंचा

‘जलवायु परिवर्तन’ के चलते दुनियाभर में बढ़ रही प्रचंड गर्मी, भारत में भी बढ़ेगा तापमान


बाकी खबरें

  • indian student in ukraine
    मोहम्मद ताहिर
    यूक्रेन संकट : वतन वापसी की जद्दोजहद करते छात्र की आपबीती
    03 Mar 2022
    “हम 1 मार्च को सुबह 8:00 बजे उजहोड़ सिटी से बॉर्डर के लिए निकले थे। हमें लगभग 17 घंटे बॉर्डर क्रॉस करने में लगे। पैदल भी चलना पड़ा। जब हम मदद के लिए इंडियन एंबेसी में गए तो वहां कोई नहीं था और फोन…
  • MNREGA
    अजय कुमार
    बिहार मनरेगा: 393 करोड़ की वित्तीय अनियमितता, 11 करोड़ 79 लाख की चोरी और वसूली केवल 1593 रुपये
    03 Mar 2022
    बिहार सरकार के सामाजिक अंकेक्षण समिति ने बिहार के तकरीबन 30% ग्राम पंचायतों का अध्ययन कर बताया कि मनरेगा की योजना में 393 करोड रुपए की वित्तीय अनियमितता पाई गई और 11 करोड़ 90 लाख की चोरी हुई जबकि…
  • covid
    न्यूज़क्लिक टीम
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 6,561 नए मामले, 142 मरीज़ों की मौत
    03 Mar 2022
    देश में कोरोना से अब तक 5 लाख 14 हज़ार 388 लोगों अपनी जान गँवा चुके है।
  • Civil demonstration in Lucknow
    असद रिज़वी
    लखनऊ में नागरिक प्रदर्शन: रूस युद्ध रोके और नेटो-अमेरिका अपनी दख़लअंदाज़ी बंद करें
    03 Mar 2022
    युद्ध भले ही हज़ारों मील दूर यूक्रेन-रूस में चल रहा हो लेकिन शांति प्रिय लोग हर जगह इसका विरोध कर रहे हैं। लखनऊ के नागरिकों को भी यूक्रेन में फँसे भारतीय छात्रों के साथ युद्ध में मारे जा रहे लोगों के…
  • aaj ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    यूपी चुनाव : पूर्वांचल में 'अपर-कास्ट हिन्दुत्व' की दरार, सिमटी BSP और पिछड़ों की बढ़ी एकता
    03 Mar 2022
    यूपी चुनाव के छठें चरण मे पूर्वांचल की 57 सीटों पर गुरुवार को मतदान होगे. पिछले चुनाव में यहां भाजपा ने प्रचंड बहुमत पाया था. लेकिन इस बार वह ज्यादा आश्वस्त नहीं नज़र आ रही है. भाजपा के साथ कमोबेश…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License