NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
महाराष्ट्र सरकार के स्कूलों को निजी हाथों में देने के फैसले के खिलाफ उठ रही है आवाज़े
बिल निजी स्कूलों में अध्यापकों के कम वेतन के मुद्दे को भी सामने ला रहा है I
रवि कौशल
13 Apr 2018
private schools

महाराष्ट्र सरकार का बिल Maharastra Self Finance school Act 2012 की शिक्षाविद, विधायक और अभिभावक सभी निंदा कर रहे हैं I ये बिल जो कि असेंबली से पास होकर अभी विधान परिषद् में लटका हुआ है, Company Act के सेक्शन 8 के अंतर्गत पंजीकृत कंपनियाँ राज्य में निजी स्कूल बना सकती हैं I अब तक सिर्फ कुछ पंजीकृत ट्रस्ट , पंजीकृत संस्थाएं और सरकारी संस्थाएं को ही स्कूल खोलने की अनुमति थी I चौकाने वाली बात ये है कि बिल ने स्कूल बनाने की शर्तें कम कर दीं हैं I मुंबई में कंपनियों को अब स्कूल खोलने के लिए 2000 स्वेयर मीटर की जगह सिर्फ 500 स्वेयर मीटर की जगह की ज़रुरत होगी I दुसरे इलाकों में 2 एकड़ की जगह अब सिर्फ 1 एकड़ ज़मीन की ज़रुरत होगी I

एक तरफ जहाँ शिक्षा मंत्री विनोद तावडे का कहना है कि इस नए बिल से अच्छे स्तर की शिक्षा उपलब्ध होगी, जानकारों का कहना है कि इस कानून से शिक्षा के निजीकारण की तरह एक और कदम है और वह भी उस राज्य में जहाँ शिक्षा व्यवस्था पहले से चर्मरा रही है I

ये नया कानून जो शिक्षा में निजी कंपनियों को खुला हाथ दे रहा है , संविधान के निर्देशक सिधांतों की अवहेलना करता हुआ दिखाई पड़ रहा है जो कि कहता है कि सबको 14 वर्ष की आयु तक मुफ्त शिक्षा मिलनी चाहिए I इसी तरह कई सुप्रीम कोर्ट के निर्णय भी ये कहते हुए दिखाई देते हैं कि शिक्षा एक लोक कल्याण कार्य है और उसे मुनाफा कमाने के लिए इस्तेमाल नहीं किया जाना चाहिए I 2002 में 7 जजों की एक बेंच ने TMA Pai Foundation vs State of Karnataka केस में ये कहा था “शिक्षा स्वभाविक तौर पर लोक कल्याण कार्य है I”

District information System for Education जो कि स्कूलों के डेटाबेस का केंद्रीय स्तर का सरकारी संस्थान है ,के आंकड़ों के अनुसार राज्यों में सरकारी मदद के बिना चलने वाले निजी स्कूलों की तादाद 1.93 लाख से बढ़कर अब 2.68 लाख हो गयी है ये 72% की बढौतरी है I इस कानून से इस प्रवृत्ति में बढ़ोतरी ही होगी I इस बिल पर बात करते हुए महाराष्ट्र SFI (Student Federation of India) के राज्य सचिब बालाजी ने कहा ये बिल लातूर की 11 कक्षा की छात्रा स्वाति की कहानी का मज़ाक उड़ता है जिसने 260 रुपये का मासिक बस पास वापस बनवाने  के पैसे न होने की वजह से आत्महत्या कर ली थी I

उन्होंने जोड़ा कि राज्य सरकार ने महाराष्ट्र के सुखा ग्रसित इलाकों में छात्राओं को मुफ्त बस पास देने की सुविधा को भी बंद कर दिया है , जो स्वाति की याद में शुरू की गयी थी I जब डिजिटल इंडिया के नारे दिए जा रहे हैं तब नासिक के चिंताला जो की सिर्फ गुजरात से 5 किलोमीटर दूर है , में मोबाईल की सुविधा तक नहीं है I

बिल निजी स्कूलों में अध्यापकों के कम वेतन के मुद्दे को भी सामने ला रहा है I कपिल पाटिल जो कि MLC हैं ने बताया कि महाराष्ट्र में निजी स्कूलों के बढ़ जाने से अध्यापकों का वेतन भी कम होगा और काम करने की स्थितियाँ भी ख़राब होंगी I बालाजी ने कपिल की बात को दोहराया और कहा कि महाराष्ट्र सरकार के पास शिक्षकों को एक प्रकार का वेतन देने का कोई तंत्र नहीं है I उन्होंने जोड़ा कि ग्रामीण इलाकों में निजी स्कूलों द्वारा अध्यापकों को कई जगह सिफ 5000 हज़ार रुपये मिल रहे हैं I

लेकिन पटेल के हिसाब से सरकार की कार्यों में बहुत से अंतर्विरोध हैं I उन्होंने आरोप लगाया कि महाराष्ट्र सरकार में सचिव नन्द कुमार ने निजी कंपनियों को लाने के लिए 80000 हज़ार स्कूलों को बंद करने की पेशकश की है I पाटिल ने न्यूज़क्लिक को कहा “हम कंपनी राज को  भारत में फिर से आते हुए देख रहे हैं I हमें कई 100 साल लगे अंग्रेज़ी हुकूमत को हटाने में I महाराष्ट्र सरकार का ये निर्णय शिक्षा को निजीकरण की तरफ और ज़्यादा धकेलेगा जिससे शिक्षा एक बाज़ार की चीज़ बन जाएगी I राज्य में सिर्फ उन लोगों की स्कूलों तक पहुँच होगी जो शिक्षा को खरीद पाएंगे I” उन्होंने आगे कहा “राज्य में रामदेव का पतंजलि भी स्कूल बनाने की तैयारी कर रहा है I इसीलिए ये निर्णय क्रोनी कैपिटलिज्म से प्रेरित है और स्कूलों से मुआनाफा कमाने के लिए है I

महाराष्ट्र सरकार
स्कूलों का निजीकरण
सरकारी स्कूल
शिक्षा में निजीकरण

Related Stories

दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार

दिल्ली सरकारी स्कूल: छात्र अपने मनचाहे विषय में दाखिला ले सकेंगे!

बूलेट ट्रेन योजना से प्रभावित किसान : "ज़बरदस्ती ज़मीन लिए जाने की कार्यवाही पर रोक लगे "

मुंबई में हज़ारों मज़दूरों ने किया महाराष्ट्र सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन

भीमा कोरेगांव मामले में 'दलित कार्यकर्ताओं और वकीलों' के घर पुणे पुलिस की छापेमारी

जज लोया केस में प्रशांत भूषण और दुष्यंत दवे ने कोर्ट में अपनी बात रखी


बाकी खबरें

  • कृष्णकांत
    भारत को मध्ययुग में ले जाने का राष्ट्रीय अभियान चल रहा है!
    10 May 2022
    भारत किसी एक मामले में फिसला होता तो गनीमत थी। चाहे गिरती अर्थव्यवस्था हो, कमजोर होता लोकतंत्र हो या फिर तेजी से उभरता बहुसंख्यकवाद हो, इस वक्त भारत कई मोर्चे पर वैश्विक आलोचनाएं झेल रहा है लेकिन…
  • सोनाली कोल्हटकर
    छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है
    10 May 2022
    छात्र ऋण अश्वेत एवं भूरे अमेरिकिर्यों को गैर-आनुपातिक रूप से प्रभावित करता है। समय आ गया है कि इस सामूहिक वित्तीय बोझ को समाप्त किया जाए, और राष्ट्रपति चाहें तो कलम के एक झटके से ऐसा कर सकते हैं।
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब झूठ मत बोलिए, सरकारी आंकड़ें बोलते- मुस्लिम आबादी में तेज़ गिरावट
    09 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से अंतर्राष्ट्रीय negative ranking से घिरी नरेंद्र मोदी सरकार को अब PR का भरोसा, मुस्लिम आबादी का झूठ NFHS से बेनक़ाब |
  • एम.ओबैद
    बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक कांड मामले में विपक्षी पार्टियों का हमला तेज़
    09 May 2022
    8 मई को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग के 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर…
  • सत्यम् तिवारी
    शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'
    09 May 2022
    एमसीडी की बुलडोज़र कार्रवाई का विरोध करते हुए और बुलडोज़र को वापस भेजते हुए शाहीन बाग़ के नागरिकों ने कहा कि "हम मुसलमानों के दिमाग़ पर बुलडोज़र नहीं चलने देंगे"।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License