NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
समाज
भारत
राजनीति
महज जिहाद शब्द का इस्तेमाल करने पर किसी को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता: अदालत
‘‘बेशक उसने ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन इस निष्कर्ष पर पहुंचना दुस्साहस होगा कि महज ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उसे आतंकवादी करार देना चाहिए।’’
भाषा
19 Jun 2019
Court

महाराष्ट्र की एक अदालत ने आतंक के आरोपियों को बरी करते हुए कहा है कि महज ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर किसी व्यक्ति को आतंकवादी नहीं कहा जा सकता है। 

अकोला स्थित अदालत के विशेष न्यायाधीश एएस जाधव ने गैरकानूनी गतिविधि रोकथाम कानून (यूएपीए), शस्त्र अधिनियम और बॉम्बे पुलिस एक्ट के तहत तीन आरोपियों के खिलाफ एक मामले में यह टिप्पणी की।  

अकोला के पुसाद इलाके में 25 सितंबर 2015 को बकरीद के मौके पर एक मस्जिद के बाहर पुलिसकर्मियों पर हमले के बाद अब्दुल रजाक (24), शोएब खान (24) और सलीम मलिक (26) पर आईपीसी की विभिन्न धाराओं के तहत मामला दर्ज किया गया था। 

अभियोजन के मुताबिक रजाक मस्जिद पहुंचा, एक चाकू निकाला और उसने ड्यूटी पर मौजूद दो पुलिसकर्मियों पर वार कर दिया तथा उसने हमले से पहले कहा कि बीफ पर पाबंदी के कारण वह पुलिसकर्मियों को मार डालेगा। 

आतंकवाद रोधी दस्ता (एटीएस) ने दावा किया कि ये लोग मुस्लिम युवाओं को आतंकी संगठनों में शामिल होने के लिए प्रभावित करने के आरोपी थे। 

जाधव ने कहा, ‘‘यह प्रतीत होता है कि आरोपी रजाक ने गो-हत्या पर पाबंदी को लेकर हिंसा के जरिए सरकार और कुछ हिंदू संगठनों के खिलाफ अपना गुस्सा जाहिर किया।’’

उन्होंने कहा, ‘‘बेशक उसने ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल किया। लेकिन इस निष्कर्ष पर पहुंचना दुस्साहस होगा कि महज ‘जिहाद’ शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उसे आतंकवादी करार देना चाहिए। ’’ 

उन्होंने इस बात का जिक्र किया कि ‘जिहाद’ अरबी भाषा का एक शब्द है जिसका अर्थ ‘संघर्ष’ करना है...इसलिए महज जिहाद शब्द का इस्तेमाल करने को लेकर उसे आतंकवादी बताया जाना उचित नहीं है। 

पुलिसकर्मियों को चोट पहुंचाने को लेकर रजाक को दोषी ठहराते हुए तीन साल कैद की सजा सुनाई गई थी। चूंकि, वह 25 सितंबर 2015 से जेल में था और कैद में तीन साल गुजार चुका है इसलिए अदालती आदेश के बार रिहा कर दिया गया।

jihad
Maharashtra
maharashtra court
law and order
terror charges
Terrorism

Related Stories

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

महाराष्ट्र: 6 महीने में 400 लोगों ने किया नाबालिग का कथित दुष्कर्म, प्रशासन पर उठे सवाल!

महाराष्ट्र: महिला सुरक्षा को लेकर कितनी चिंतित है सरकार?

महाराष्ट्र: ‘काला जादू’ के शक में 7 दलितों की पिटाई, 70 साल के बुजुर्ग को भी नहीं छोड़ा

महाराष्ट्र: जलगांव के हॉस्टल में लड़कियों से अभद्रता हमारे सिस्टम पर कई सवाल खड़े करती है!

यूपी से एमपी तक महिलाओं के शोषण-उत्पीड़न की कहानी एक सी क्यों लगती है?

मध्यप्रदेश: महिलाओं के ख़िलाफ़ अपराध का लगातार बढ़ता ग्राफ़, बीस दिन में बलात्कार की पांच घटनाएं!

दिल्ली: महिला मज़दूर से सामूहिक दुष्कर्म, चार आरोपी गिरफ्तार

महाराष्ट्र: पालघर मॉब लिंचिंग पर राजनीति तेज़, हमले के आरोप में 110 गिरफ़्तार

तबरेज़ मॉब लिंचिंग : चार्जशीट में हत्या को गैरइरादतन हत्या में बदलने की कोशिश!


बाकी खबरें

  • bulldozer
    न्यूज़क्लिक टीम
    दिल्ली: बुलडोज़र राजनीति के ख़िलाफ़ वामदलों का जनता मार्च
    11 May 2022
    देश के मुसलमानों, गरीबों, दलितों पर चल रहे सरकारी बुल्डोज़र और सरकार की तानाशाही के खिलाफ राजधानी दिल्ली में तमाम वाम दलों के साथ-साथ युवाओं, महिलाओं और संघर्षशील संगठनों ने उपराज्यपाल अनिल बैजल के…
  • qutub minar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब क़ुतुब मीनार, ताज महल से हासिल होंगे वोट? मुग़ल दिलाएंगे रोज़गार?
    11 May 2022
    बोल के लब आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा सवाल पूछ रहे हैं कि देश में कभी क़ुतुब मीनार के नाम पर कभी ताज महल के नाम पर विवाद खड़ा करके, सरकार देश को किस दिशा में धकेल रही…
  • sedition
    विकास भदौरिया
    राजद्रोह पर सुप्रीम कोर्ट: घोर अंधकार में रौशनी की किरण
    11 May 2022
    सुप्रीम कोर्ट का आज का आदेश और न्यायधीश डीवाई चंद्रचूड़ का हाल का बयान, जिसमें उन्होंने कहा था कि नागरिकों के असंतोष या उत्पीड़न को दबाने के लिए आपराधिक क़ानून का दुरुपयोग नहीं किया जाना चाहिए, एक आशा…
  • RAVIKANT CASE
    असद रिज़वी
    लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!
    11 May 2022
    प्रोफ़ेसर रविकांत चंदन हमले की FIR लिखाने के लिए पुलिस के आला-अफ़सरों के पास दौड़ रहे हैं, लेकिन आरोपी छात्रों के विरुद्ध अभी तक न तो पुलिस की ओर से क़ानूनी कार्रवाई हुई है और न ही विवि प्रशासन की ओर…
  • jaysurya
    विवेक शर्मा
    श्रीलंका संकट : आम जनता के साथ खड़े हुए खिलाड़ी, सरकार और उसके समर्थकों की मुखर आलोचना
    11 May 2022
    श्रीलंका में ख़राब हालात के बीच अब वहां के खिलाड़ियों ने भी सरकार और सरकार के समर्थकों की कड़ी निंदा की है और जवाब मांगा है। क्रिकेट जगत के कई दिग्गज अपनी-अपनी तरह से आम जनता के साथ एकजुटता और सरकार…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License