NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मजदूर हड़ताल: तेलंगाना में 8 और 9 जनवरी के हड़ताल की जबरदस्त तैयारी
औद्योगिक मज़दूर, राज्य और केंद्र सरकार के कर्मचारी और असंगठित क्षेत्र के मज़दूर 2019 की पहली आम हड़ताल के लिए तैयार हो रहे हैं।
पृथ्वीराज रूपावत
03 Jan 2019
Translated by महेश कुमार
मजदूर
साभार -न्यू इन्डियन एक्सप्रेस

[8-9 जनवरी को दस ट्रेड यूनियनों के आहवान पर बुलायी जाने वाली ऐतिहासिक अखिल भारतीय औधोगिक हड़ताल के लिए लाखों कामगार मज़दूर तैयारी में जुटे हुए हैं, न्यूज़क्लिक आपके लिए देश के विभिन्न हिस्सों से औद्योगिक मज़दूरों के जीवन की झलक दिखा रहा है।]

जैसे-जैसे देश 8-9 जनवरी को मजदूरों की होने वाली आम हड़ताल के लिए अपनी पूरी कमर कस तैयार हो रहा है, बिल्कुल ऐसे ही  तेलंगाना की मजदूर यूनियनें नरेंद्र मोदी सरकार की मजदूर विरोधी नीतियों के खिलाफ हड़ताल के लिए मजदूरों को तैयार करने के लिए, राज्य भर में जिला और मंडल स्तर पर सम्मेलन आयोजित कर रही हैं।

 सी.आई.टी.यू.,आल इंडिया ट्रेड युनियन कांग्रेस, इंडियन नेशनल ट्रेड यूनियन कांग्रेस, हिंद मजदूर सभा, ऑल इंडिया यूनाइटेड ट्रेड यूनियन सेंटर, इंटरनेशनल फेडरेशन ऑफ़ ट्रेड यूनियंस, तेलंगाना राष्ट्र समिति कर्मिका विभागम और तेलुगु नाडू ट्रेड यूनियन काउंसिल सहित सभी ट्रेड यूनियनें सामूहिक रुप से 2019 की पहली आम हड़ताल के लिए मज़दूरों को लामबंद कर रही है।

राज्य में विरोध प्रदर्शन रैलियों की वजह से राज्य पूर्ण रुप से बंद होने के लिए तैयार है, क्योंकि राज्य और केंद्रीय सार्वजनिक क्षेत्र की इकाइयों, निर्माण मज़दूर, योजना मज़दूर,परिवहन मज़दूर (सार्वजनिक और निजी दोनों) में औद्योगिक मज़दूर,नियमित और अनुबंधित मज़दूर, हमली मज़दूर और बीड़ी मजदूर सहित सभी मज़दूर दो दिवसीय हड़ताल में शामिल होंगे।

8 जनवरी को, यूनियनों ने राज्य की राजधानी हैदराबाद के इंदिरा पार्क के पास एक सार्वजनिक सभा का का आह्वान किया है. यह सभा एक जन रैली के बाद होगी, जबकि राज्य भर में 600 से अधिक मंडल मुख्यालयों के सामने मज़दूर विरोध प्रदर्शन और रैलियां करेंगे। अगले दिन, जिला मुख्यालयों में यूनियनों ने 31 कलेक्ट्रेट पर विरोध प्रदर्शन करने का फैसला  किया हैं।

साई बाबा, सी.आई.टी.यू.तेलंगाना के महासचिव ने बताया “निजी और सार्वजनिक दोनों क्षेत्रों में ठेकेदारी प्रथा के तहत काम कर रहे मज़दूरों को स्थायी रोजगार देने की मांग राज्य में लंबे समय से रही है। हैदराबाद और आसपास के लगभग 3,000प्रमुख उद्योगों में से 70 प्रतिशत से अधिक लोग (5 लाख) मज़दूर ठेकेदारी प्रथा हैं। ये संगठित क्षेत्र के कर्मचारी उद्योगों के गेट के पास विरोध प्रदर्शन करेंगे और हैदराबाद में रैली में शामिल होंगे। उन्होंने कहा कि बीएसएनएल, बीमा और बैंकिंग क्षेत्र के कर्मचारी पहले ही हड़ताल में भाग लेने की घोषणा कर चुके हैं।

ट्रेड यूनियनें असंगठित क्षेत्र के मजदूरों के बीच बैठकें आयोजित करती रही हैं जिनमें बीड़ी मज़दूर, निर्माण मज़दूर और हमाली मज़दूर हड़ताल की तैयारी के लिए शामिल हो रहे हैं। ट्रेड यूनियनों के आकलन के अनुसार, लगभग 90 लाख लोग (राज्य की आबादी का एक चौथाई) असंगठित क्षेत्र में काम करते  हैं.

पिछले चार वर्षों में, आदिलाबाद की सिरपुर पेपर मिल सहित कई प्रमुख उद्योग; वार्डनपेट, मुलुग में एपी रेन्स का कारखाना;हैदराबाद में हिंदुस्तान केबल्स लिमिटेड; बोडन में निज़ाम सुगर फैक्ट्री; और भोंगीर में सूर्यवंशी स्पिनिंग मिल्स को बंद कर दिया गया है। अब हजारों बेरोजगार मज़दूर इन उद्योगों के सामने रोजगार की मांग कर रहे हैं। बंद उद्योगों के मज़दूर अपने से संबंधित मंडल या जिला मुख्यालय में विरोध प्रदर्शन और रैलियों में शामिल होंगे। भाजपा सरकार द्वारा जीएसटी लागू करने के बाद से, कम से कम 1,500 लघु और सूक्ष्म उद्योग बंद हो गए हैं. वी रत्नाकर राव, आल इंडिया ट्रेड युनियन कांग्रेस, के तेलंगाना महासचिव ने न्यूज़क्लिक को बताया कि सड़क परिवहन निगम (आरटीसी) के कर्मचारी और अन्य कर्मचारी, ऑटो चालक,टैक्सी चालक और लॉरी चालक सहित सभी सार्वजनिक और निजी परिवहन के कर्मचारी हड़ताल में भाग लेंगे।

 राज्य सरकार के कर्मचारी, नियमित और ठेके तहत काम करने वाले हड़ताल में शामिल होंगे. अंशदान पेंशन योजना (CPS)को वापस लेने और पुरानी योजना को फिर से शुरू करने की मांग करेंगे। लगभग 1.25 लाख कर्मचारी सीपीएस के तहत आते हैं। पिछली पेंशन योजना के तहत लाभार्थी सेवानिवृत्ति के बाद एक इकट्ठी राशि प्राप्त करते थे जिसे हर महीने उनके वेतन से काट लिया जाता था। इसके अलावा, आखरी वेतन का 50 प्रतिशत सेवानिवृत्त कर्मचारियों को पेंशन राशि के रूप में भुगतान किया जाता था। जबकि, सीपीएस के तहत, वेतन का 10 प्रतिशत काटा जाता है और सरकार द्वारा उतना ही योगदान किया जाता है। सेवानिवृत्ति के बाद, इकट्ठा हुई राशि का 60 प्रतिशत सेवानिवृत्त कर्मचारी को सौंप दिया जाता है, और शेष 40प्रतिशत जीवन बीमा निगम में निवेश किया जाता है। इस पर मिलने वाला ब्याज हर महीने सेवानिवृत्त कर्मचारी को दिया जाता है।

राज्य में आंगनवाड़ी मज़दूर, मध्याह्न भोजन मज़दूर, निर्माणमज़दूर, सफाई कर्मचारी और गिरिजा सहकारी निगम के साथ पंजीकृत आदिवासियों जैसे योजना मज़दूर ने बड़े पैमाने पर हड़ताल में शामिल होने की घोषणा की है।

ट्रेड यूनियनों ने जिन 12-सूत्रीय मांगों को उठाया है, उनमें मूल्य-वृद्धि और बेरोजगारी, सभी मज़दूरों के लिए सार्वभौमिक सामाजिक सुरक्षा कवर, न्यूनतम मजदूरी कम से कम 18,000 रुपये प्रति माह के लिए तत्काल  प्रावधानों के साथ, केंद्रीय / राज्य सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों में विनिवेश को रोकना और रणनीतिक बिक्री बंद करना, स्थायी बारहमासी काम में ठेकेदारी प्रथा को बंद करना और समान काम के लिए समान वेतन चाहे फिर वे नियमित मज़दूर हों या फिर अनुबंध मज़दूर हों आदि मांगे शामिल हैं |

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

 

workers protest
8-9 january 2019

Related Stories

आशा कार्यकर्ताओं को मिला 'ग्लोबल हेल्थ लीडर्स अवार्ड’  लेकिन उचित वेतन कब मिलेगा?

मुद्दा: आख़िर कब तक मरते रहेंगे सीवरों में हम सफ़ाई कर्मचारी?

#Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान

मध्य प्रदेश : आशा ऊषा कार्यकर्ताओं के प्रदर्शन से पहले पुलिस ने किया यूनियन नेताओं को गिरफ़्तार

झारखंड: हेमंत सरकार की वादाख़िलाफ़ी के विरोध में, भूख हड़ताल पर पोषण सखी

दिल्ली: सीटू के नेतृत्व वाली आंगनवाड़ी वर्कर्स यूनियन ने आप सरकार पर बातचीत के लिए दबाव बनाया

अधिकारों की लड़ाई लड़ रही स्कीम वर्कर्स

दिल्ली: डीबीसी कर्मचारियों ने की बेहतर कार्य स्थिति और वेतन की मांग, काली पट्टी लगाकर कर रहे काम

अर्बन कंपनी से जुड़ी महिला कर्मचारियों ने किया अपना धरना ख़त्म, कर्मचारियों ने कहा- संघर्ष रहेगा जारी!

एक बड़े आंदोलन की तैयारी में उत्तर प्रदेश की आशा बहनें, लखनऊ में हुआ हजारों का जुटान


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License