NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मज़दूर संगठन समिति कर लगा प्रतिबंध , मानवाधिकार संगठन ने उठाये सवाल
 PUDR का मानना है कि सरकार की दमनकारी नीतियों पर सवाल उठाने की वजह से ही मज़दूर संगठन समिति पर ये पाबन्दी लगायी गयी है I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Dec 2017
mazdoor sangathan samiti
हस्तक्षेप

मज़दूर संगठन समिति जो कि झारखण्ड के धनबाद में काफी लम्बे समय से मज़दूरों को संगठित कर रहा है ,पर झारखण्ड सरकार ने प्रतिबंध लगा दिया है I झारखण्ड सरकार का कहना है कि ये संगठन कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ इंडिया (माओवादी) से जुड़ा हुआ है I सरकार ने कहा है कि इंटेलिजेंस रिपोर्ट्स के अनुसार ये संगठन काफी समय से पुलिस कि गतिविधियों पर नज़र रख रहा था, चंदा  इकट्ठा कर रहा था और कंगारू कोर्ट भी चला रहा था I झारखण्ड सरकार के प्रिनसिपल होम सेक्रेटरी का कहना है कि इस संगठन ने नक्सलबाड़ी आन्दोलन की 50वीं वर्षगांठ मनाई जिसमें उन्होंने वेरवेरा राव को बुलाया जो कि माओवादियों से जुड़ी हुई संस्था RDF के नेता हैं I

मानवाधिकार संगठन PUDR  ने इस फैसले की निंदा करते हुए, इस निर्णय को रद्द करने की माँग करी है I

PUDR ने अपने प्रेस स्टेटमेंट में इस मामले में काफ़ी सारे मुद्दों पर आपत्ति जताई है. उनकी पहली अपत्ति है कि जिस कानून ( क्रिमिनल लॉ अमेंडमेंट एक्ट 1908 ) के अंतर्गत समिति पर ये केस चलाया जा रहा है वह अंग्रेजों के ज़माने का कानून है,जिसकी विभिन्न धाराएँ आपत्ति जनक हैं I उदाहरण देते हुए स्टेटमेंट में कहा गया है कि इस कानून के अंतर्गत किसी भी संस्था पर इसीलिए प्रतिबंध लग सकता अगर सरकार के हिसाब से उसका संस्था का उद्देश्य कानून का उललंघन करना हो I

साथ ही तथाकथित “अतिवादी ” साहित्य को प्रकाशित करने और “उग्र” नीतियों को  आर्थिक सहायता देने को इस कानून के अंतर्गत अपराध माना गया है , PUDR के हिसाब से ये धाराएँ सही नहीं हैंI इसके अलावा सिर्फ नक्सलबाडी आन्दोलन की 50वीं वर्ष गांठ को मनाने पर केस का एक आधार मानने पर भी PUDR ने हैरानी ज़ाहिर करी हैI स्टेटमेंट में आगे बताया गया है कि मज़दूर संगठन समिति काफी समय से कोयला मजदूरों और “डोली” मज़दूरों के साथ भी कम करती रही है I वह मज़दूरों के लिए चंदा इक्कठा करती थी जिससे उनके लिए स्वास्थ्य सुविधाओं का बंदोबस्त किया जा सके I साथ ही बीजेपी सरकार की ज़मीन अदिग्रहण को आसान बनाने के लिए छोटानागपुर टेनैंसी एक्ट 1908 और संथाल परगना एक्ट 1949 में बदलाव करने की योजना के खिलाफ भी इन्होंने ,लोगों को संगठित किया था I इससे पहले जून में भी पुलिस द्वारा किये गए एक फेक इनकाउंटर को सामने लाने में मज़दूर संगठन समिति ने मुख्य भूमिका निभाई थी I PUDR का मानना है कि सरकार की दमनकारी नीतियों पर सवाल उठाने की वजह से ही मज़दूर संगठन समिति पर ये पाबन्दी लगायी गयी है I

mazdoor sangathan samiti
PUDR
Jharkhand government
BJP

Related Stories

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट

मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 

बॉलीवुड को हथियार की तरह इस्तेमाल कर रही है बीजेपी !

गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    यूपी : आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा उपचुनाव में सपा की साख़ बचेगी या बीजेपी सेंध मारेगी?
    31 May 2022
    बीते विधानसभा चुनाव में इन दोनों जगहों से सपा को जीत मिली थी, लेकिन लोकसभा उपचुनाव में ये आसान नहीं होगा, क्योंकि यहां सत्तारूढ़ भारतीय जनता पार्टी के पास खोने के लिए कुछ भी नहीं है तो वहीं मुख्य…
  • Himachal
    टिकेंदर सिंह पंवार
    हिमाचल में हाती समूह को आदिवासी समूह घोषित करने की तैयारी, क्या हैं इसके नुक़सान? 
    31 May 2022
    केंद्र को यह समझना चाहिए कि हाती कोई सजातीय समूह नहीं है। इसमें कई जातिगत उपसमूह भी शामिल हैं। जनजातीय दर्जा, काग़जों पर इनके अंतर को खत्म करता नज़र आएगा, लेकिन वास्तविकता में यह जातिगत पदानुक्रम को…
  • रबीन्द्र नाथ सिन्हा
    त्रिपुरा: सीपीआई(एम) उपचुनाव की तैयारियों में लगी, भाजपा को विश्वास सीएम बदलने से नहीं होगा नुकसान
    31 May 2022
    हाई-प्रोफाइल बिप्लब कुमार देब को पद से अपदस्थ कर, भाजपा के शीर्षस्थ नेतृत्व ने नए सीएम के तौर पर पूर्व-कांग्रेसी, प्रोफेसर और दंत चिकित्सक माणिक साहा को चुना है। 
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कर्नाटक पाठ्यपुस्तक संशोधन और कुवेम्पु के अपमान के विरोध में लेखकों का इस्तीफ़ा
    31 May 2022
    “राज्य की शिक्षा, संस्कृति तथा राजनीतिक परिदृ्श्य का दमन और हालिया असंवैधानिक हमलों ने हम लोगों को चिंता में डाल दिया है।"
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?
    31 May 2022
    न्यूज़चक्र के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं उमर खालिद के केस की। शुक्रवार को कोर्ट ने कहा कि उमर खालिद का भाषण अनुचित था, लेकिन यह यह आतंकवादी कृत्य नहीं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License