NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मंदसौर गोलीकांड जाँच रिपोर्ट, अफ़्सरों की बहाली में जल्दबाज़ी से उठे सवाल
मंदसौर गोलीकांड की रिपोर्ट आने के महीने भर के अंदर ही शिवराज सिंह चौहान ने निलंबित पुलिसकर्मियों को किया बहाल
शारिब अहमद खान
03 Jul 2018
मन्दौसर गोलीकांड

मंदसौर गोलीकांड में निलंबित पुलिसकर्मियों को मध्यप्रदेश सरकार ने बहाल कर दिया है।  स्थानीय अखबार में छपी एक रिपोर्ट के मुताबिक मंदसौर गोलीकांड में निलंबित कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह, पुलिस अधीक्षक ओपी त्रिपाठी व अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक साई कृष्ण थोटा को राज्य की भाजपा सरकार ने शुक्रवार 30 जून को बहाल कर दिया।

घटना की जाँच करने के लिए राज्य सरकार ने सेवानिवृत न्यायाधीश जेके जैन आयोग का गठन किया था और आयोग को 3 महीने के अंदर रिपोर्ट सौंपने को कहा था। आयोग ने यह रिपोर्ट देने में एक साल से अधिक का समय लगा दिया और यह रिपोर्ट 11 जून 2018 को सौंपी।

कलेक्टर स्वतंत्र कुमार सिंह का निलंबन वापस लेने के साथ हीउन्हें मंत्रालय में उप सचिव बनाया गया हैI वहीं ओपी त्रिपाठी व साई कृष्ण थोटा को सरकार ने पुलिस मुख्यालय में नियुक्त किया है।

पिछले वर्ष महाराष्ट्र और मध्यप्रदेश के साथ-साथ लगभग तमाम राज्यों के किसानों ने अपनी माँगमाँग को लेकर आंदोलन किया था। इसी आंदोलन में 6 जून 2017 को मध्यप्रदेश में किसानों पर पुलिसवालों ने गोली चला दी थी।

इस घटना में प्रदर्शन कर रहे किसानों के ऊपर पुलिसबलों ने अंधाधुंध गोलीबारी कर दी थी। गोलीबारी में छह किसानों की मौत हो गई थी। घटना के बाद राज्य सरकार ने कार्यवाही करते हुए कलेक्टर, पुलिस अधीक्षक और अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक को निलंबित कर दिया था और गृह सचिव मधु खड़े को स्थानांतरित कर दिया था।

 

 इसे भी पढ़े :नई ऊँचाइयां छूता राष्ट्रव्यापी किसान आंदोलन

ऑल इंडिया किसान सभा मध्यप्रदेश के राज्य सचिव जसविंदर सिंह ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि जैन आयोग[NP1]  बनने के समय उनकी माँग थी कि उसका मुख्यालय मंदसौर में रखा जाए। लेकिन सरकार ने इसे मंदसौर से लगभग 250 किलोमीटर दूर रखा। उनके अनुसार एक तरफ रिपोर्ट यह कहती है कि गोली चलाना नितांत आवश्यक था, वहीं दूसरी तरफ यह भी कहती है कि गोली चलाने का आदेश किसी ने नहीं दिया यह अपने आप में विरोधाभासी है।

उन्होंने आगे बात करते हुए कहा कि घटना के बाद प्रदेश के मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान ने कहा था कि असामाजिक तत्वों के हंगामे के बाद पुलिसबलों ने गोली चलाई थी, आयोग ने रिपोर्ट में इस बारे में कोई चर्चा नहीं की। उनके अनुसार तमाम बातें इसी तरफ इशारा कर रहीं हैं कि आयोग पर सरकार का दबाव था।

इसे भी पढ़े : मंदसौर गोलीकांड में जाँच कमेटी ने पुलिस और सुरक्षा बलों को निर्दोष बतया

मानसुन सत्र में जेके जैन आयोग की रिपोर्ट को विधानसभा में पटल पर रखना था और इस पर चर्चा होनी थी लेकिन सत्र के दो दिन में ही खत्म होने से इस विषय पर चर्चा संभव नहीं हो सकी।  सदन में बिना चर्चा  के सरकार ने कैसे इन अफसरों की बहाली कर दी?

 

सामाजिक कार्यकर्ता व नर्मदा बचाओ आंदोलन की जनक मेधा पाटकर ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए बताया कि वह इस रिपोर्ट से काफी चिंतीत हैं। वह आयोग पर सवालिया निशान उठाते हुए कहती हैं कि आयोग ने जाँच में बहुत अनियमितता बरती है। उनके अनुसार

 

राज्य के विपक्षी दल कांग्रेस ने भी इस बहाली पर सवाल खड़ा किया है। पार्टी के प्रदेश अध्यक्ष कमलनाथ ने कहा है कि बिना विधानसभा में चर्चा के पुलिसवालों की बहाली कैसे हो गई? सरकार को जनता को जवाब देना चाहिए कि उसने ऐसा क्युँ किया?

इसे भी पढ़े :मंदसौर गोलीकांड के एक वर्ष और इस दौरान किसानो का किसान विरोधी सरकार के विरुद्ध संघर्ष

 

किसान नेता व दो बार विधायक रह चुके डॉक्टर सुनीलम ने न्यूज़क्लिक से  बात करते हुए कहा कि उन्हें आयोग पर पहले से ही शंका थी। रिपोर्ट ने किसानों को अपराधी करार दिया है और जो अपराधी थे उन्हें आयोग ने बरी कर दिया है। सरकार ने जिस तरह से रिपोर्ट आने के तुरंत बाद निलंबित पुलिस वालों की बहाली की है इससे तो साफ ज़ाहिर होता है कि रिपोर्ट सुनियोजित थी।

 


 

मंदसौर गोलीकांड
BJP government
MP
Shiv Raj Chouhan
kisan andolan

Related Stories

विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी

किसानों और सत्ता-प्रतिष्ठान के बीच जंग जारी है

मध्य प्रदेश : खरगोन हिंसा के एक महीने बाद नीमच में दो समुदायों के बीच टकराव

केवल विरोध करना ही काफ़ी नहीं, हमें निर्माण भी करना होगा: कोर्बिन

एमपी ग़ज़ब है: अब दहेज ग़ैर क़ानूनी और वर्जित शब्द नहीं रह गया

लखीमपुर खीरी हत्याकांड: आशीष मिश्रा के साथियों की ज़मानत ख़ारिज, मंत्री टेनी के आचरण पर कोर्ट की तीखी टिप्पणी

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

इस आग को किसी भी तरह बुझाना ही होगा - क्योंकि, यह सब की बात है दो चार दस की बात नहीं

MSP पर लड़ने के सिवा किसानों के पास रास्ता ही क्या है?

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा


बाकी खबरें

  • बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहार में ज़िला व अनुमंडलीय अस्पतालों में डॉक्टरों की भारी कमी
    18 May 2022
    ज़िला अस्पतालों में डॉक्टरों के लिए स्वीकृत पद 1872 हैं, जिनमें 1204 डॉक्टर ही पदस्थापित हैं, जबकि 668 पद खाली हैं। अनुमंडल अस्पतालों में 1595 पद स्वीकृत हैं, जिनमें 547 ही पदस्थापित हैं, जबकि 1048…
  • heat
    मोहम्मद इमरान खान
    लू का कहर: विशेषज्ञों ने कहा झुलसाती गर्मी से निबटने की योजनाओं पर अमल करे सरकार
    18 May 2022
    उत्तर भारत के कई-कई शहरों में 45 डिग्री सेल्सियस से ऊपर पारा चढ़ने के दो दिन बाद, विशेषज्ञ जलवायु परिवर्तन के चलते पड़ रही प्रचंड गर्मी की मार से आम लोगों के बचाव के लिए सरकार पर जोर दे रहे हैं।
  • hardik
    रवि शंकर दुबे
    हार्दिक पटेल का अगला राजनीतिक ठिकाना... भाजपा या AAP?
    18 May 2022
    गुजरात विधानसभा चुनाव से पहले हार्दिक पटेल ने कांग्रेस को बड़ा झटका दिया है। हार्दिक पटेल ने पार्टी पर तमाम आरोप मढ़ते हुए इस्तीफा दे दिया है।
  • masjid
    अजय कुमार
    समझिये पूजा स्थल अधिनियम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां
    18 May 2022
    पूजा स्थल अधिनयम 1991 से जुड़ी सारी बारीकियां तब खुलकर सामने आती हैं जब इसके ख़िलाफ़ दायर की गयी याचिका से जुड़े सवालों का भी इस क़ानून के आधार पर जवाब दिया जाता है।  
  • PROTEST
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    पंजाब: आप सरकार के ख़िलाफ़ किसानों ने खोला बड़ा मोर्चा, चंडीगढ़-मोहाली बॉर्डर पर डाला डेरा
    18 May 2022
    पंजाब के किसान अपनी विभिन्न मांगों को लेकर राजधानी में प्रदर्शन करना चाहते हैं, लेकिन राज्य की राजधानी जाने से रोके जाने के बाद वे मंगलवार से ही चंडीगढ़-मोहाली सीमा के पास धरने पर बैठ गए हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License