प्रधानमंत्री सहित सत्ताधारी दल के तमाम बड़े नेता हमेशा चुनाव की मुद्रा में रहते हैं! अपने हर विपक्षी, आलोचक या यहां तक कि असहमत लोगों के बारे में भी उनका रवैया बेहद शत्रुतापूर्ण होता है। चुनाव के इसी पहलू पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की ताज़ा टिप्पणी।
प्रधानमंत्री सहित सत्ताधारी दल के तमाम बड़े नेता हमेशा चुनाव की मुद्रा में रहते हैं! अपने हर विपक्षी , आलोचक या यहां तक कि असहमत लोगों के बारे में भी उनका रवैया बेहद शत्रुतापूर्ण होता है। हमारी संसदीय राजनीति में ऐसा पहले कभी नहीं होता था। चुनाव की प्रक्रिया के मौजूदा दौर में हालात और खराब दिख रहे हैं! सत्ताधारियों की गतिविधियों , मुद्राओं और भाषणों में और तीखापन आ गया है। स्वयं प्रधानमंत्री मोदी जिस तरह की भाषा और जुमलों का इस्तेमाल कर रहे हैं , वह संंसदीय राजनीति ही नहीं , आम मानवीय व्यवहार की मर्यादा भी तार-तार करते हैं! इससे हमारी राजनीति में भाषा और विचार का भयानक तुच्छीकरण ( Trivialisation) भी हुआ है! चुनाव के इसी पहलू पर वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश की ताज़ा टिप्पणी।
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