NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
भारत
राजनीति
मोईन कुरैशी धन शोधन मामला : ईडी ने कारोबारी सतीश बाबू को किया गिरफ़्तार
सतीश बाबू के आरोपों से ही पिछले साल सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों के बीच युद्ध छिड़ गया था। उसे पहले इस धन शोधन मामले में गवाह के तौर पर बुलाया गया था लेकिन ताजा घटनाक्रम के साथ वह आरोपी बन गया।
भाषा
27 Jul 2019
ED
image courtesy: Outlookindia.com

दिल्ली : प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने विवादित मांस निर्यातक मोईन कुरैशी और अन्य लोगों के खिलाफ धन शोधन (मनी लॉन्ड्रिंग) मामले की जांच के संबंध में हैदराबाद के कारोबारी सना सतीश बाबू को गिरफ्तार किया है। अधिकारियों ने शनिवार को यह जानकारी दी।

बाबू के आरोपों से ही पिछले साल सीबीआई के शीर्ष अधिकारियों के बीच युद्ध छिड़ गया था।

कारोबारी को पहले इस धन शोधन मामले में गवाह के तौर पर बुलाया गया था लेकिन ताजा घटनाक्रम के साथ वह आरोपी बन गया।

अधिकारियों ने बताया कि बाबू को धन शोधन निवारण कानून (पीएमएलए) के प्रावधानों के तहत प्रवर्तन निदेशालय (ईडी) ने शुक्रवार देर रात गिरफ्तार किया।

उन्होंने बताया कि बाबू से कुछ घंटों तक पूछताछ की गई और जांच में ‘‘सहयोग न करने’’ पर उसे हिरासत में ले लिया गया।

एजेंसी कुछ वित्तीय लेन-देन समेत कुरैशी के साथ उसके संपर्क को संदिग्ध मान रही है और इसलिए वह उसे हिरासत में लेकर पूछताछ करना चाहती है।

सूत्रों ने आरोप लगाया कि वह रिश्वत के एक मामले में शामिल है और उसने कुरैशी को अवैध रूप से धन दिया है।

ऐसी संभावना है कि केंद्रीय जांच एजेंसी बाबू की हिरासत का अनुरोध करने के लिए उसे शनिवार को यहां एक विशेष अदालत के समक्ष पेश करेगी।

केंद्रीय जांच ब्यूरो ने एजेंसी में नंबर एक की हैसियत रखने वाले तत्कालीन सीबीआई निदेशक आलोक वर्मा और नंबर दो माने जाने वाले राकेश अस्थाना के बीच तनातनी के दौरान बाबू की ही शिकायत पर अपने पूर्व विशेष निदेशक अस्थाना के खिलाफ भ्रष्टाचार के आरोपों पर आपराधिक प्राथमिकी दर्ज की थी।

बाबू ने एक मजिस्ट्रेट के समक्ष आपराधिक दंड संहिता (सीआरपीसी) की धारा 164 के तहत बयान दर्ज कराया था जिसके बाद सीबीआई ने अस्थाना के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की।

सीबीआई को दिए अपने बयान में बाबू ने कहा था कि उसने कुरैशी से जुड़ी जांच में किसी तरह की कार्रवाई ना करने के लिए अस्थाना को दो करोड़ रुपये की रिश्वत दी थी। यह धन राशि दिसंबर 2017 से लेकर 10 महीने की अवधि में दी गई।

बाबू ने जब अस्थाना पर रिश्वत लेने का आरोप लगाया था तब अस्थाना के नेतृत्व में सीबीआई का विशेष जांच दल (एसआईटी) उससे पूछताछ कर रहा था।

बाबू की शिकायत पर संज्ञान लेते हुए सीबीआई ने अस्थाना और एजेंसी के कुछ अधिकारियों समेत अन्य लोगों के खिलाफ प्राथमिकी दर्ज की थी।

बाद में अस्थाना ने तत्कालीन सीबीआई निदेशक वर्मा पर भ्रष्टाचार करने का आरोप लगाया था और बाबू को बचाने और एसआईटी को उसके खिलाफ कार्रवाई ना करने देने के आरोप लगाते हुए उनके खिलाफ एक शिकायत दर्ज कराई।

उस समय सरकार के सूत्रों ने बताया था कि अस्थाना ने गत वर्ष 24 अगस्त को कैबिनेट सचिव को लिखे एक पत्र में वर्मा द्वारा कथित भ्रष्टाचार के 10 मामलों की सूची दी थी। इस पत्र में उन्होंने आरोप लगाया था कि बाबू ने इस मामले में क्लीन चिट पाने के लिए सीबीआई प्रमुख को दो करोड़ रुपये दिए थे।

अस्थाना और वर्मा दोनों ने आरोपों को खारिज कर दिया था।

ईडी ने सरकारी अधिकारियों के साथ मिली-भगत करके कथित भ्रष्टाचार करने के मामले में धन शोधन निवारण कानून के तहत कुरैशी के खिलाफ 2017 में आपराधिक मामला दर्ज किया था।

उसने जांच के तौर पर कुरैशी को गिरफ्तार भी किया था और उसकी संपत्तियां कुर्क की थी।

ईडी इस मामले में पूर्व सीबीआई निदेशक ए पी सिंह की भी जांच कर रही है।

Moin Qureshi case
ED
CBI
money laundering
Corruption

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

नौसेना लीक मामला: सीबीआई ने नौसेना के दो कमांडर के ख़िलाफ़ आरोप-पत्र दाख़िल किया

बिहारः खनन विभाग के अधिकारी बालू माफियाओं से सांठगांठ कर अवैध कमाई पर देते हैं ज़ोर

सीबीआई ने चिटफंड घोटाले में रोज वैली समूह के प्रमुख की पत्नी को किया गिरफ़्तार

हाथरस मामले में सीबीआई की चार्जशीट योगी सरकार और प्रशासन पर कई सवाल उठाती है!

'ऐश्वर्या ने आत्महत्या नहीं की, उन्हें सरकार के भ्रष्ट सिस्टम ने मारा है'

बाबरी विध्वंस फ़ैसला : नो कमेंट... नो कमेंट...प्लीज़

बाबरी मस्जिद ढहाए जाने के मामले में सभी आरोपी बरी, अदालत ने कहा- पूर्व नियोजित नहीं थी घटना

कोरोना वायरस से कम गंभीर नहीं है, उससे निपटने में होने वाला भ्रष्टाचार

INX मीडिया धनशोधन मामले में चिदंबरम को ज़मानत, 105 दिन बाद होंगे रिहा


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    खोज ख़बर : मस्जिद दर मस्जिद भगवान की खोज नहीं, नफ़रत है एजेंडा, हैदराबाद फ़र्ज़ी एनकाउंटर के बड़े सवाल
    24 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने एक के बाद एक मस्जिद में भगवान की खोज के नफ़रती एजेंडे को बेनक़ाब करते हुए सरकारों से पूछा कि क्या उपलब्धियों के नाम पर मुसलमानों के ख़िलाफ उठाए गये कदमों को…
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानव्यापी- क़ुतुब में उलझा भारत कब राह पर आएगा ?
    24 May 2022
    न्यूज़चक्र में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा बात कर रहे हैं कि सत्ता पक्ष आखिर क्यों देश को उलझा रहा है ज्ञानवापी, क़ुतब मीनार, ताज महल जैसे मुद्दों में। महंगाई, बेरोजगारी जैसे मुद्दों की बात कब होगी…
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    यूपी: भारी नाराज़गी के बाद सरकार का कहना है कि राशन कार्ड सरेंडर करने का ‘कोई आदेश नहीं’ दिया गया
    24 May 2022
    विपक्ष का कहना है कि ऐसे समय में सत्यापन के नाम पर राशन कार्ड रद्द किये जा रहे हैं जब महामारी का समय अधिकांश लोगों के लिए काफी मुश्किलों भरे रहे हैं।
  • सोनिया यादव
    देश में लापता होते हज़ारों बच्चे, लड़कियों की संख्या लड़कों की तुलना में 5 गुना तक अधिक: रिपोर्ट
    24 May 2022
    ये उन लापता बच्चों की जानकारी है जो रिपोर्ट हो पाई हैं। ज़्यादातर मामलों को तो पुलिस मानती ही नहीं, उनके मामले दर्ज करना और उनकी जाँच करना तो दूर की बात है। कुल मिलाकर देखें तो जिन परिवारों के बच्चे…
  • भाषा
    ज्ञानवापी मामला : मुकदमे की पोषणीयता पर सुनवाई के लिए 26 मई की तारीख नियत
    24 May 2022
    मुकदमा चलाने लायक है या नहीं, इस पर अदालत 26 मई को सुनवाई करेगी। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License