NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
मज़दूर-किसान
भारत
राजनीति
मप्र में "पीले सोने" पर सेमीलूपर इल्ली का हमला, पीड़ित किसानों ने मांगा मुआवजा
"प्रदेश सरकार को इस कीट व्याधि से सोयाबीन की फसल को हुए नुकसान का विस्तृत सर्वेक्षण करना चाहिये। पीड़ित किसानों को 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से मुआवजा दिया जाना चाहिये।"

भाषा
28 Aug 2019
mp farmer

 देश के सबसे बड़े सोयाबीन उत्पादक मध्यप्रदेश के अलग-अलग हिस्सों के किसानों ने इस तिलहन फसल पर सेमीलूपर इल्ली के हमले की शिकायत करते हुए सरकारी मुआवजे की मांग की है। हालांकि, राज्य के कृषि विभाग ने सेमीलूपर से सोयाबीन की फसल को बड़े नुकसान की खबरें नकारते हुए कहा है कि इस इल्ली के प्रकोप का क्षेत्र बेहद सीमित है।

किसान संगठन ‘आम किसान यूनियन’ के संस्थापक सदस्य केदार सिरोही ने बुधवार को "पीटीआई-भाषा" को बताया, "प्रदेश के कई जिलों में लगातार बारिश के कारण किसान अपने खेतों में कीटनाशकों का सही समय पर छिड़काव नहीं कर सके। इससे सोयाबीन के पौधों में लगी सेमीलूपर इल्ली इनके फूल चट कर गयी। नतीजतन पौधों में सोयाबीन की फली नहीं लगी और किसानों को नुकसान हुआ।"

सिरोही के मुताबिक इंदौर, उज्जैन, भोपाल और नर्मदापुरम संभाग के जिलों में सेमीलूपर इल्ली के हमले से सोयाबीन के पौधों में फली नहीं लगने की शिकायतें मिल रही हैं।

प्रदेश के एक अन्य कृषक संगठन किसान सेना के सचिव जगदीश रावलिया ने भी कहा कि सूबे के कई जिलों में सेमीलूपर इल्ली के प्रकोप से सोयाबीन की फसल को नुकसान हुआ है। रावलिया ने मांग की, "प्रदेश सरकार को इस कीट व्याधि से सोयाबीन की फसल को हुए नुकसान का विस्तृत सर्वेक्षण करना चाहिये। पीड़ित किसानों को 40,000 रुपये प्रति हेक्टेयर के मान से मुआवजा दिया जाना चाहिये।"

उधर, प्रदेश के कृषि विभाग के निदेशक मुकेश शुक्ला ने कहा, "राज्य में इस बार करीब 53 लाख हेक्टेयर में सोयाबीन बोया गया है। इसमें से केवल 30,000 से 35,000 हेक्टेयर में सेमीलूपर इल्ली के प्रकोप की शिकायतें सामने आयी हैं। इस इल्ली का प्रकोप बेहद सीमित रकबे में छितराये रूप से है।"

 

उन्होंने जोर देकर कहा, "स्थिति ऐसी कतई नहीं है कि इल्ली के प्रकोप से किसी पूरे खेत में सोयाबीन की फसल बर्बाद हो गयी हो।"

कृषि विभाग के निदेशक ने बताया कि कीट प्रकोप को लेकर सोयाबीन उत्पादक किसानों की शिकायतों के मद्देनजर प्रदेश सरकार संबंधित इलाकों में खेतों का सर्वेक्षण करा रही है।

 

सोयाबीन, मध्यप्रदेश की प्रमुख नकदी फसल है और स्थानीय किसानों में "पीले सोने" के रूप में मशहूर है। पूरे देश के सोयाबीन उत्पादन का आधा हिस्सा अकेले मध्यप्रदेश में पैदा होता है। हालांकि, जानकारों का कहना है कि पिछले दो-तीन सालों में "पीले सोने" के उचित दाम नहीं मिलने से सूबे के कई परंपरागत सोयाबीन उत्पादक किसान दलहनों और अन्य फसलों की खेती की ओर मुड़ गये हैं।

        

MP
soybean
farmers protest
Congress

Related Stories

छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

छत्तीसगढ़: भूपेश सरकार से नाराज़ विस्थापित किसानों का सत्याग्रह, कांग्रेस-भाजपा दोनों से नहीं मिला न्याय

उत्तराखंड चुनाव: भाजपा एक बार फिर मोदी लहर पर सवार, कांग्रेस को सत्ता विरोधी लहर से उम्मीद

यूपी चुनाव: किसान-आंदोलन के गढ़ से चली परिवर्तन की पछुआ बयार

किसानों ने 2021 में जो उम्मीद जगाई है, आशा है 2022 में वे इसे नयी ऊंचाई पर ले जाएंगे

पंजाब : किसानों को सीएम चन्नी ने दिया आश्वासन, आंदोलन पर 24 दिसंबर को फ़ैसला

लखीमपुर कांड की पूरी कहानी: नहीं छुप सका किसानों को रौंदने का सच- ''ये हत्या की साज़िश थी'’

किसान आंदोलन@378 : कब, क्या और कैसे… पूरे 13 महीने का ब्योरा

जीत कर घर लौट रहा है किसान !


बाकी खबरें

  • संदीपन तालुकदार
    वैज्ञानिकों ने कहा- धरती के 44% हिस्से को बायोडायवर्सिटी और इकोसिस्टम के की सुरक्षा के लिए संरक्षण की आवश्यकता है
    04 Jun 2022
    यह अध्ययन अत्यंत महत्वपूर्ण है क्योंकि दुनिया भर की सरकारें जैव विविधता संरक्षण के लिए अपने  लक्ष्य निर्धारित करना शुरू कर चुकी हैं, जो विशेषज्ञों को लगता है कि अगले दशक के लिए एजेंडा बनाएगा।
  • सोनिया यादव
    हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?
    04 Jun 2022
    17 साल की नाबालिग़ से कथित गैंगरेप का मामला हाई-प्रोफ़ाइल होने की वजह से प्रदेश में एक राजनीतिक विवाद का कारण बन गया है।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ : दो सूत्रीय मांगों को लेकर बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दिया
    04 Jun 2022
    राज्य में बड़ी संख्या में मनरेगा कर्मियों ने इस्तीफ़ा दे दिया है। दो दिन पहले इन कर्मियों के महासंघ की ओर से मांग न मानने पर सामूहिक इस्तीफ़े का ऐलान किया गया था।
  • bulldozer politics
    न्यूज़क्लिक टीम
    वे डरते हैं...तमाम गोला-बारूद पुलिस-फ़ौज और बुलडोज़र के बावजूद!
    04 Jun 2022
    बुलडोज़र क्या है? सत्ता का यंत्र… ताक़त का नशा, जो कुचल देता है ग़रीबों के आशियाने... और यह कोई यह ऐरा-गैरा बुलडोज़र नहीं यह हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र है, इस्लामोफ़ोबिया के मंत्र से यह चलता है……
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: उनकी ‘शाखा’, उनके ‘पौधे’
    04 Jun 2022
    यूं तो आरएसएस पौधे नहीं ‘शाखा’ लगाता है, लेकिन उसके छात्र संगठन अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) ने एक करोड़ पौधे लगाने का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License