NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
ग़ाज़ीपुर से सत्याग्रहियों की पदयात्रा दोबारा शुरू, लेकिन पुलिस ने की फिर घेराबंदी
अब पुलिस ने इन सत्याग्रहियों को दो ग्रुप में बांट दिया है। पुलिस की गाड़ी में बैठे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र प्रियेश पांडे ने न्यूज़क्लिक को बताया, ‘हम लोग जहां रात में रुके थे, वहां आज सुबह पुलिस आई और हमें अपनी गाड़ी में ग़ाज़ीपुर के बाहर ले जा रही है...।'
सोनिया यादव
17 Feb 2020
Nagrik Sattyagrah

ग़ाज़ीपुर में गिरफ्तार सत्याग्रहियों को रविवार, 16 फरवरी की शाम पुलिस ने जेल से ज़मानत पर रिहा कर दिया। रिहा होते ही सत्याग्रहियों ने दोबारा पदयात्रा शुरू करने का ऐलान किया। जिसके बाद पुलिस ने एक बार फिर से इनकी घेराबंदी करनी शुरू कर दी।

आज, सोमवार, 17 जनवरी की सुबह जब सत्याग्रही फिर से यात्रा पर निकले तो पुलिस ने इनके समूह के 5-6 लोगों को हिरासत में ले लिया और कानून व्यवस्था का हवाला देते हुए इन्हें ग़ाज़ीपुर जिले से बाहर बनारस ले जाने लगी।

पुलिस की गाड़ी में बैठे बनारस हिंदू यूनिवर्सिटी के छात्र प्रियेश पांडे ने न्यूज़क्लिक को बताया, ‘हम लोग जहां रात में रुके थे, वहां आज सुबह पुलिस आई और हमें अपनी गाड़ी में ग़ाज़ीपुर के बाहर ले जा रही है। पुलिस का कहना है कि हम लोगों को अनुमति नहीं है, जिले की शांति व्यवस्था भंग होने का खतरा है, इसलिए हमें बाहर ले जाया जा रहा है। जैसे-जैसे पुलिस थानों से हम आगे बढ़ रहे हैं पुलिस बल और गाड़ियां भी बढ़ती जा रही है। अभी हम 5-6 छात्रों के साथ भारी पुलिस बल और लगभग 15 गाड़िया पीछे हैं। हमें बस यही बताया गया है कि हम लोगों को बनारस ले जाया जा रहा है।'

IMG-20200217-WA0003.jpg

इसे भी पढ़े : ग़ाज़ीपुर में गिरफ़्तार सत्याग्रहियों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू की

बता दें कि स्थाई रूप से पदयात्रा करने वाले सत्याग्रहियों में से चार लोगों ने इस यात्रा को आज सुबह ग़ाज़ीपुर से दोबारा शुरू किया है। इसमें बीएचयू के छात्र विकास सिंह, राज अभिषेक, पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत और सामाजिक कार्यकर्ता मनीष शामिल हैं।

राज अभिषेक ने न्यूज़क्लिक से बातचीत में कहा, ‘हमारी सत्याग्रह यात्रा चौरीचौरा से शुरू होकर राजघाट को जा रही थी। इसे पुलिस ने ग़ाज़ीपुर में रोक दिया। हमें गिरफ्तार कर जेल में डाल दिया गया, लेकिन इस गिरफ्तारी ने पूरे ग़ाज़ीपुर जिले को एकजुट कर दिया। आज जब हमने दोबारा यात्रा शुरू की है तो 20-25 स्थानीय लोग हमारे साथ जुड़ गए हैं। जिसमें छात्र और सामाजिक कार्यकर्ता भी शामिल हैं। हम अमन, शांति और सद्भावना का संदेश लेकर चल रहे हैं। हम देश को हिंदू-मुस्लिम, जात-पात और बंटवारे की बातें छोड़कर रोज़गार, शिक्षा, स्वास्थ्य आदि के मुद्दों पर चर्चा की बात कर रहे हैं।'

इसे भी पढ़ें: नागरिक सत्याग्रह पदयात्रियों से डरी पुलिस, गाजीपुर जिले से गिरफ्तार कर जेल में डाला

राज आगे बताते हैं, ‘पुलिस हमारी सत्याग्रह यात्रा को पीएम मोदी के बनारस आने से जोड़ कर देख रही है, लेकिन हम पुलिस प्रशासन को बता देना चाहते हैं कि हमारी यात्रा का अंतिम पड़ाव दिल्ली ही है, प्रधानमंत्री वहीं रहते हैं, अब इस सत्याग्रह में चाहें जितनी रुकावटें आए, हम पीछे नहीं हटेंगे।'

IMG-20200217-WA0008.jpg

गौरतलब है कि लगभग 200 किलोमीटर की यात्रा करके 11फरवरी को नागरिक सत्याग्रह पदयात्रा गाजीपुर पहुंची थी। यहां पुलिस ने इन सत्याग्रहियोंं को गिरफ्तार कर लिया था। 12 फरवरी को इनकी ज़मानत के लिए एसडीएम ने अजीबो-गरीब शर्तें रखीं, इसके बाद13 फरवरी से इन सत्याग्रहियों ने जेल में भूख हड़ताल शुरू कर दी, जेल से भारतवासियों के नाम खत लिखा। शनिवार 15 फरवरी को इन लोगों के समर्थन में उपवास पर बैठे लोगों को भी पुलिस ने गिरफ्तार कर लिया था।

इसे भी पढ़ें: ग़ाज़ीपुर जेल में बंद सत्याग्रहियों के समर्थन में उतरे अन्य लोग भी गिरफ्तार !

इस दौरान महिला लेखक और पत्रकार प्रदीपिका सारस्वत ने जेल से देश के नागरिकों को संबोधित करते हुए एक चिट्ठी भी लिखी। इस चिट्ठी में प्रदीपिका ने जेल का अपना अनुभव लिखा है, साथ ही गाजीपुर जिले के जेल की अंदर की स्थिति को बयां किया है।

प्रदीपिका लेटर.jpeg

प्रदीपिका के खत के अनुसार, 'जेल के भीतर दो बैरकों में 40 से अधिक महिलाएं हैं जबकि एक बैरक मात्र 6 बंदियों के लिए है। अधिकारी तक मानते हैं कि यहां पूरी व्यवस्थाएं नहीं है। अधिकतर महिलाएं दहेज प्रताड़ना के मामले में कैद हैं। कुछ महिलाएं ऐसी भी हैं जिनका मामला पांच सालों से चल रहा है पर अब तक फैसला नहीं हुआ है। पांच साल तक निरपराध जेल में रहना? कानूनन जब तक जुर्म साबित नहीं हो जाता आप निरपराध ही तो होते हैं। यदि न्यायालय इन बंदियों को निरपराध घोषित कर दे तब? इनके पांच साल कौन लौटा सकेगा? यहां कुछ ऐसी भी महिलाएं हैं जिनकी जमानत के आदेश हो चुके हैं पर उनकी जमानत कराने वाला कोई नहीं।

इनकी जिम्मेदारी आखिर किसकी है? क्या किसी की नहीं? जेल में आकर आप एक ऐसे भारत से मिलते हैं, जो बेहद लाचार हैं। ये सब महिलाएं मुझे उम्मीद की नज़र से देखती हैं। इन्हें लगता है कि मैं इनके लिए कुछ कर सकूंगी। ये कहती हैं कि जैसे आपको बिना जुर्म जेल में लाया गया है, उसी तरह से हमें भी लाया गया है। यदि एक भी महिला सच कहती है तो ये हमारी न्याय-व्यवस्था की असफलता है।

Nagrik Sattyagrah
UttarPradesh
CAA
NRC
Protest against CAA
UP police
Ghazipur
yogi sarkar
Yogi Adityanath

Related Stories

उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा

ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन

यूपी में  पुरानी पेंशन बहाली व अन्य मांगों को लेकर राज्य कर्मचारियों का प्रदर्शन

UPSI भर्ती: 15-15 लाख में दरोगा बनने की स्कीम का ऐसे हो गया पर्दाफ़ाश

मनरेगा मज़दूरों के मेहनताने पर आख़िर कौन डाल रहा है डाका?

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

अनुदेशकों के साथ दोहरा व्यवहार क्यों? 17 हज़ार तनख़्वाह, मिलते हैं सिर्फ़ 7000...

बलिया: पत्रकारों की रिहाई के लिए आंदोलन तेज़, कलेक्ट्रेट घेरने आज़मगढ़-बनारस तक से पहुंचे पत्रकार व समाजसेवी

पत्रकारों के समर्थन में बलिया में ऐतिहासिक बंद, पूरे ज़िले में जुलूस-प्रदर्शन

यूपी: खुलेआम बलात्कार की धमकी देने वाला महंत, आख़िर अब तक गिरफ़्तार क्यों नहीं


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    भारत के लगभग आधे शहर वायु प्रदूषण की चपेट में, दिल्ली दुनिया की सबसे प्रदूषित कैपिटल सिटी: रिपोर्ट
    23 Mar 2022
    देश के 48 फीसदी शहरों में डब्लूएचओ द्वारा तय मानकों से 10 गुना ज्यादा वायु प्रदूषण का स्तर पाया गया। वहीं दुनिया के 100 सबसे प्रदूषित स्थानों की सूची में 63 भारतीय शहर शामिल रहे।
  • journalist
    कुमुदिनी पति
    रूस और यूक्रेन: हर मोर्चे पर डटीं महिलाएं युद्ध के विरोध में
    23 Mar 2022
    युद्ध हर देश के लिए बुरा है। इस लेख में हम यह जानने की कोशिश करेंगे कि इस युद्ध की वजह से यूक्रेन और रूस की महिलाओं को क्या कुछ झेलना पड़ रहा है और युद्ध लम्बा खिंचा तो उनपर और उनके बच्चों पर क्या…
  • china
    कैथरीन शायर
    सऊदी अरब और चीन: अब सबसे अच्छे नए दोस्त?
    23 Mar 2022
    मध्य पूर्व का यह देश चीन की तरफ झुक रहा है, जो संयुक्त राज्य अमेरिका के साथ उसके लंबे समय से चले रहे मजबूत संबंधों को खत्म करने की एक धमकी है। अब देखना है कि दोनों के बीच यह अनबन कितनी गंभीर है?
  • agriculture
    श्रुति एमडी
    तमिलनाडु राज्य और कृषि का बजट ‘संतोषजनक नहीं’ है
    23 Mar 2022
    राज्य एवं कृषि दोनों ही बजट में कई चुनावी वादे अछूते ही बने रहे। इसके अलावा, मुद्रास्फीति और महंगाई को देखते हुए वित्तीय आवंटन कम था।
  • Fire
    भाषा
    हैदराबाद: कबाड़ गोदाम में आग लगने से बिहार के 11 प्रवासी मज़दूरों की दर्दनाक मौत
    23 Mar 2022
    दमकल और पुलिस अधिकारियों ने बताया कि श्रमिक खुद को नहीं बचा सके क्योंकि वहां केवल एक ही सीढ़ी थी। हालांकि एक व्यक्ति कमरे से कूदकर बचने में सफल रहा।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License