मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना (PMMY) लॉन्च करते समय वादा किया था कि इसके माध्यम से छोटे उद्योग-धंधों को आसानी से कर्ज़ मिल सकेगा। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे अलग है। न्यूज़क्लिक की ग्राउंड रिपोर्ट
मोदी सरकार ने प्रधानमंत्री मुद्रा योजना ( PMMY ) लॉन्च करते समय वादा किया था कि इसके माध्यम से छोटे उद्योग-धंधों को आसानी से कर्ज़ मिल सकेगा। लेकिन ज़मीनी हक़ीक़त इससे अलग है। इतना ही नहीं , आंकड़े भी सरकार के दावे का समर्थन नहीं करते हैं। मुद्रा योजना के तहत डूबत ऋण चालू वित्त वर्ष 2018-19 के पहले नौ महीनों के दौरान लगभग 53% बढ़कर 14,930.98 करोड़ रुपये हो गया है , जबकि पिछले साल यह 9,769.99 करोड़ रुपये था।
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