NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुखर हो रही है आवाज़ : हटाओ “ देशद्रोह “ और राज्य – दमन का राज !
25 जुलाई को राज्य की राजधानी में जाने – माने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश , मेधा पाटेकर व प्रशांत भूषण समेत कई अन्य वरिष्ठ जनआन्दोलनकारियों के नेतृत्व में विभीन्न सामाजिक जनसंगठनों और वाम दल व विपक्षी दलों के नेताओं - कार्यकर्त्ताओं द्वारा “ सामूहिक प्रतिवाद पदयात्रा “ निकाली गयी I
अनिल अंशुमन
28 Aug 2018
protest

लगभग एक माह पूर्व झारखण्ड सरकार ने खूंटी सदर के थाना प्रभारी द्वारा 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर लगाए गए “ राजद्रोह “ के खिलाफ विरोध की आवाज़ धीरे – धीरे रफ़्तार पकड़ने लगी है . 25 जुलाई को राज्य की राजधानी में जाने – माने सामाजिक कार्यकर्त्ता स्वामी अग्निवेश , मेधा पाटेकर व प्रशांत भूषण समेत कई अन्य वरिष्ठ जनआन्दोलनकारियों के नेतृत्व में विभीन्न सामाजिक जनसंगठनों और वाम दल व विपक्षी दलों के नेताओं - कार्यकर्त्ताओं द्वारा “ सामूहिक प्रतिवाद पदयात्रा “ निकाली गयी . जो राजभवन के समक्ष एक  विरोध सभा में तब्दील हो गयी . सभा को को उक्त वरिष्ठ जनों ने संबोधित करते हुए वर्तमान झारखण्ड से लेकर पुरे देश में भाजपा राज द्वारा अभिव्यक्ति की स्वतन्त्रता पर किये जा रहे हमलों को रेखांकित हुए कहा कि वर्तमान सरकार अपने कुशासन के विरोध की हर आवाज़ को कुचलने पर आमादा है . झारखण्ड में 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर आदिवासियों के सवालों के समर्थन में फेसबुक पर पोस्ट डालने को भी बर्दास्त नहीं कर पा रही है . सभा को राज्य के नेता प्रतिपक्ष हेमंत सोरेन ने संबोधित करते हुए कहा कि भाजपा शासन , लोकतंत्र नहीं लाठीतंत्र चला रहा है . सभा में मॉब- लिंचिंग समेत कई अन्य मुद्दों पर भी व्क्क्ताओं ने अपनी बातें रखीं .

वहीँ विपक्ष के प्राय: हर सवालों का हमलावर जवाब देनेवाली प्रदेश की रघुवार सरकार सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर फेसबुक पोस्ट लिखने पर “ राजद्रोह “ का मुकदमा किये जाने पर विपक्ष द्वारा उठाये गए सवालों पर मौन है . पिछले दिनों राजधानी के बिहार क्लब में जन संगठनों के साझा अभियान और राज्य के प्रमुख विपक्षी दलों के नेताओं ने प्रेस – वार्ता कर सरकार को खुली चुनौती देते हुए पूछा कि वे “ राजद्रोह “ में आरोपित किये गए सभी सामाजिक कार्यकर्त्ताओं के साथ खड़े हैं , हिम्मत है तो उन्हें भी राजद्रोही करार दे . इस प्रेस वार्ता को पूर्व केन्द्रीय मंत्री सुबोधकांत सहाय , राज्य के पूर्व मुख्यमंत्री बाबूलाल मरांडी , विधायक का. अरूप चटर्जी , माले के पर्व विधायक का. विनोद सिंह , झामुमो नेता अंतु तिर्की तथा आदिवासी मामलों के पूर्व राष्ट्रीय अध्यक्ष रामेश्वर उराँव इत्यादि ने कहा कि सरकार द्वारा विरोध की आवाज़ को दबाने पर आमादा है . राजद्रोह के आरोपी राज्य के पूर्व मंत्री थियोडोर किरो , वरिष्ठ लेखक-उपन्यासकार विनोद कुमार तथा मानवाधिकार कार्यकर्त्ता फादर स्टेन स्वामी समेत कई अन्य सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने मीडिया के समक्ष उपस्थित होकर अपना पक्ष भी रखा . सबों ने सरकार से यह भी पूछा कि फेसबुक पोस्ट लिखने को लेकर धारा 66 A के तहत प्रतिबन्ध लगाये जाने को 2015 में ही देश का सुप्रीम कोर्ट खारिज कर चुका है , फिर कैसे राजद्रोह का मुकदमा किया गया ? क्या यह माननीय सुप्रीम कोर्ट की अवमानना नहीं है ? लेकिन सरकार इस पर पूरी तरह खामोश है . 

 ख़बरों की मानें तो गत 28 जुलाई को झारखण्ड सरकार ने खूंटी पुलिस के जरिये 20 सामाजिक कार्यकर्त्ताओं पर पत्थलगड़ी के समर्थन में तथाकथित विवादास्पद फेसबुक पोस्ट लिखने का आरोप लगाकर “ राजद्रोह “ का केस करवाया है . जिसमें “ 1. धारा 121 , भारत सरकार के विरुद्ध युद्ध करना व युद्ध करने का प्रयत्न करना से लेकर सरकार के खिलाफ राजद्रोह करने जैसे अन्य कई संगीन आरोप जो लगाए गए हैं , उसे प्रमाणित करने वाला एक भी मजबूत साक्ष्य एफआईआर में नहीं है . इसलिए इसे कानूनी स्तर पर चुनौती देने के लिए समर्थक वकीलों की टीम जुट गयी है . वहीँ मामले को प्रशासनिक स्तर पर भी ले जाने के लिए विपक्षी नेताओं व साझा अभियान के सदस्यों का प्रतिनिधि मंडल राज्य के गृह सचिव से जाकर मिल चुका है . 
 
इसी 10 अगस्त को “ बोल कि लब आज़ाद हैं तेरे ... “ के आह्वान के साथ संस्कृतिकर्मियों , बुद्धिजीवियों व सामाजिक कार्यकर्त्ताओं ने ‘ नागरिक प्रतिवाद ‘ कर सरकार से उक्त मुकदमा वापस लेने की मांग की . कार्यक्रम में जाने – माने अर्थशाष्त्री व सामाजिक कार्यकर्त्ता ज्यां द्रेज़ , वरिष्ठ साहित्यकार व जसम के राष्ट्रिय कार्यकारी अध्यक्ष रविभूषण , कई अंतरराष्ट्रीय – राष्ट्रीय पुरस्कारों से सम्मानित फिल्मकार मेघनाथ , वरिष्ठ पत्रकार किसलय समेत झारखण्ड जन संस्कृति मंच व जनवादी लेखक संघ समेत कई अन्य सामाजिक – सांस्कृतिक संगठनों के प्रतिनिधियों ने भाग लिया . इसके अलावे मानवाधिकार संगठनों ने भी अपनी जांच रिपोर्टें जारी कर साकार से मुकदमा वापस लेने की मांग की है . इसी 7 अगस्त को दिल्ली स्थित ‘ झारखण्ड भवन ‘ के समक्ष भी आदिवासी छात्रो व एक्टिविष्टों द्वारा विरोध प्रदर्शन कर राजद्रोह का मुकदमा वापस लेने की मांग की गयी . 

लोगों का मानना है कि सरकार ने इस मुक़दमे के जरिये आदिवासी सवालों पर कहीं कोई भी विरोध का स्वर नहीं उठाने देने पर अमादा है . जिसके प्रारंभिक प्रयोग के तौर पर विशेषकर आदिवासी एक्टिविष्टों को निशाना बनाया गया है . इसके पहले आन्दोलन में सक्रिय लोगों पर तरह – तरह के फर्जी मुकदमे थोपकर जेलों में डाला जा रहा था , फेसबुक पर पोस्ट डालने पर राजद्रोह लगाया जाना पहली घटना है . जिसके जरिये वर्तमान सरकार के खिलाफ संघर्ष करनेवाली सभी शक्तियों , जनसंगठनों और विपक्ष तक को ये चेतावनी दी गयी है कि आनेवाले दिनों में सरकार किस हद तक जा सकती है . इसीलिए इसके खिलाफ जहां कई जन संगठन इस मुद्दे पर एक बड़ा राज्यव्यापी आन्दोलन खड़ा करने की तैयारी में उतर चुके हैं तो सभी विपक्षी दल भी मुखर विरोध कर रहें हैं . अब देखना है कि राज्य – दमन की इस रणनीति को वर्तमान सरकार लागू करने में किस हद तक सफल हो पाती है अथवा इसे वापस लेने को विवश होती है .

Jharkhand
Medha patkar
social activists

Related Stories

नर्मदा के पानी से कैंसर का ख़तरा, लिवर और किडनी पर गंभीर दुष्प्रभाव: रिपोर्ट

झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध

झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 

झारखंड की खान सचिव पूजा सिंघल जेल भेजी गयीं

झारखंडः आईएएस पूजा सिंघल के ठिकानों पर छापेमारी दूसरे दिन भी जारी, क़रीबी सीए के घर से 19.31 करोड़ कैश बरामद

खबरों के आगे-पीछे: अंदरुनी कलह तो भाजपा में भी कम नहीं

आदिवासियों के विकास के लिए अलग धर्म संहिता की ज़रूरत- जनगणना के पहले जनजातीय नेता

‘मैं कोई मूक दर्शक नहीं हूँ’, फ़ादर स्टैन स्वामी लिखित पुस्तक का हुआ लोकार्पण

झारखंड: पंचायत चुनावों को लेकर आदिवासी संगठनों का विरोध, जानिए क्या है पूरा मामला

झारखंड : हेमंत सोरेन शासन में भी पुलिस अत्याचार बदस्तूर जारी, डोमचांच में ढिबरा व्यवसायी की पीट-पीटकर हत्या 


बाकी खबरें

  • भाषा
    महाराष्ट्र : एएसआई ने औरंगज़ेब के मक़बरे को पांच दिन के लिए बंद किया
    19 May 2022
    महाराष्ट्र नवनिर्माण सेना (मनसे) के प्रवक्ता गजानन काले ने मंगलवार को कहा था कि औरंगजेब के मकबरे की कोई जरूरत नहीं है और उसे ज़मींदोज़ कर दिया जाना चाहिए, ताकि लोग वहां न जाएं। इसके बाद, औरंगाबाद के…
  • मो. इमरान खान
    बिहार पीयूसीएल: ‘मस्जिद के ऊपर भगवा झंडा फहराने के लिए हिंदुत्व की ताकतें ज़िम्मेदार’
    19 May 2022
    रिपोर्ट में कहा गया है कि हिंदुत्ववादी भीड़ की हरकतों से पता चलता है कि उन्होंने मुसलमानों को निस्सहाय महसूस कराने, उनकी धार्मिक भावनाओं को ठेस पहुँचाने और उन्हें हिंसक होकर बदला लेने के लिए उकसाने की…
  • वी. श्रीधर
    भारत का गेहूं संकट
    19 May 2022
    गेहूं निर्यात पर मोदी सरकार के ढुलमुल रवैये से सरकार के भीतर संवादहीनता का पता चलता है। किसानों के लिए बेहतर मूल्य सुनिश्चित करने की ज़िद के कारण गेहूं की सार्वजनिक ख़रीद विफल हो गई है।
  • एम. के. भद्रकुमार
    खाड़ी में पुरानी रणनीतियों की ओर लौट रहा बाइडन प्रशासन
    19 May 2022
    संयुक्त अरब अमीरात में प्रोटोकॉल की ज़रूरत से परे जाकर हैरिस के प्रतिनिधिमंडल में ऑस्टिन और बर्न्स की मौजूदगी पर मास्को की नज़र होगी। ये लोग रूस को "नापसंद" किये जाने और विश्व मंच पर इसे कमज़ोर किये…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में आज फिर कोरोना के मामलों में क़रीब 30 फ़ीसदी की बढ़ोतरी 
    19 May 2022
    देश में पिछले 24 घंटो में कोरोना के 2,364 नए मामले सामने आए हैं, और कुल संक्रमित लोगों की संख्या बढ़कर 4 करोड़ 31 लाख 29 हज़ार 563 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License