NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मुंबई में हज़ारों मज़दूरों ने किया महाराष्ट्र सरकार की मज़दूर विरोधी नीतियों के खिलाफ प्रदर्शन
एयर इंडियन कर्मचारी जिन्होंने एयर इंडिया में निजीकरण का विरोध किया था, भी इस प्रदर्शन में शामिल थे I
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
02 May 2018
मज़दूर आन्दोलन

1 मई अंतर्राष्ट्रीय मज़दूर दिवस पर महाराष्ट्र के विभिन्न कोनों से हज़ारों मज़दूर मुंबई के आज़ाद मैदान में इक्कठा हुए I महाराष्ट्र में किसानों के “लॉन्ग मार्च” के बाद ये दूसरा मौका है जब इतनी बड़ी मात्रा में मेहनतकश मुंबई में जमा हुए हैं I ये सम्मेलन Trade Unions Joint Action Committee (TUJAC) के द्वारा आयोजित किया जा रहा है I इस आन्दोलन को “चेतावनी मोर्चा” कहा गया है और इसका मकसद है सरकार को ये चेतानी देना कि अगर उनकी माँगे नहीं मानी गयी तो वह आन्दोलन को और तेज़ करेंगे I

ये विराट सम्मलेन महाराष्ट्र सरकार और केंद्र के द्वारा लगातार श्रम कानूनों को कमज़ोर किये जाना और लगातार मज़दूर विरोधी कदम उठाये जाने के खिलाफ है I मज़दूरों की मख्य माँगे हैं – मज़दूरों को न्यूनतम वेतन के तौर पर मासिक 18,000 रूपये मिले, बराबर काम का बराबर दाम मिले, ठेकाकरण को खत्म किया जाए, किसानों और मज़दूरों को 3,000 रुपये पेंशन मिले, किसानों के लोन माफ़ किये जाए और रोज़गार पैदा किये जाए I

इसे आयोजित करने वाली Trade Unions Joint Action Committee (TUJAC) असल में 34 ट्रेड यूनियनों का संयुक्त मोर्चा है I इसमें Centre for Indian Trade Unions (CITU), All India Trade Union Congress (AITUC), the Indian National Trade Union Congress (INTUC), the United Trade Union Congress (UTUC) और  Hind Mazdoor Sabha (HMS) आदि शामिल हैं I

26 अप्रैल को प्रेस कांफ्रेंस के दौरान TUJAC  के संयोजक  विश्वास उतागी ने कहा “Contract Labour (Regulation and Abolition) Act में 2017 में किये गए बदलाव बहुत ही अलोकतांत्रिक तरीकों से किये गए थे I कानून ये कहता है कि मालिक 49 लोगों को कम पर रख सकता है , पर उसे कानूनी तौर पर किसी को भी बीमा के लाभ, छुट्टियां, वर्दी, प्रोत्साहन राशि आदि देने की कोई ज़रुरत नहीं है I नोटबंदी और GST से करीबन 3 लाख़ छोटे कारोबार बंद हो गए थे और साथ ही कोई नए रोज़गार नहीं पैदा हुए , साथ ही GDP 5.1% से ऊपर नहीं उठी है Iपूँजीपतियों के आशीवाद के साथ राज्य सरकार लगातार राजनीतिक तौर पर मज़दूरों के हकों पर हमले कर रही है I तो ये ज़ाहिर है कि हमे इसका जवाब भी राजनीतिक तरीके से ही देना पड़ेगा , यही वजह है कि मज़दूर यूनियन साथ आये हैं I इस सरकार को हटाये बिना मज़दूरों के हकों को नहीं बचाया जा सकता I”

इससे पहले CITU ने कहा था कि अगर राज्य सरकार Minimum Wages Act 1948 के हिसाब से वेतन देने के लिए एक सलाहकार निकाय नहीं बनती है तो वह इसके खिलाफ कोर्ट में जायेंगे I

हाल ही में महाराष्ट्र सरकार ने Industrial Dispute Act, 1947 में भी बदलाव करने का निर्णय लिया है, जो कहता है कि अगर किसी फैक्ट्री में 100 या उससे ज़्यादा मज़दूर हैं उसे बंद करने पर सरकार से अनुमति लेनी होगी I सरकार ने इसे बदलकर 300 लोगों तक करने का सुझाव दिया है I

CITU के राज्य अध्यक्ष डी एल कारद ने पहले बताया था कि फैक्ट्रियों में औटोमेंशन बढ़ जाने की वजह से काम करने वाले मज़दूर कम होते जा रहे हैं I इसी वजह से इस कानून से फैक्ट्री मालिकों को फैक्ट्रियाँ बंद करने में आसानी होगी I

CITU के राज्य वित्तीयसचिव के आर रघु ने बताया कि वह इसके खिलाफ 1 करोड़ से ज़्यादा मज़दूरों के दस्तखत इकठ्ठा कर रहे हैं जिसे वह राज्य सरकार के अधिकारियों को देंगे I उनकी माँग है कि इस कानून में बदलाव करके मज़दूरों की संख्या कमसे कम 50 कर देना चाहिए I

मज़दूर आन्दोलन
महाराष्ट्र सरकार
मुंबई
बीजेपी
मज़दूर विरोधी नीतियाँ

Related Stories

झारखंड चुनाव: 20 सीटों पर मतदान, सिसई में सुरक्षा बलों की गोलीबारी में एक ग्रामीण की मौत, दो घायल

झारखंड की 'वीआईपी' सीट जमशेदपुर पूर्वी : रघुवर को सरयू की चुनौती, गौरव तीसरा कोण

हमें ‘लिंचिस्तान’ बनने से सिर्फ जन-आन्दोलन ही बचा सकता है

दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

असमः नागरिकता छीन जाने के डर लोग कर रहे आत्महत्या, एनआरसी की सूची 30 जुलाई तक होगी जारी

अहमदाबाद के एक बैंक और अमित शाह का दिलचस्प मामला

आरएसएस के लिए यह "सत्य का दर्पण” नहीं हो सकता है

उत्तरपूर्व में हिंदुत्वा का दोगुला खेल

अशोक धावले : मोदी सरकार आज़ाद भारत के इतिहास में सबसे किसान विरोधी सरकार है


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License