NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
एशिया के बाकी
यूक्रेन-रूस युद्ध को लेकर गंभीर गेहूं संकट का सामना करता मध्य पूर्व
मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी देश रूस और यूक्रेन से किये जाने वाले गेहूं के आयात पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं। पहले से ही दबाव में रह रहे इस क्षेत्र में मौजूदा युद्ध से और भी गंभीर खाद्य संकट पैदा हो सकता है।
डैरियो सबाघी
11 Mar 2022
wheat
मध्य पूर्व की खाद्य सुरक्षा के लिहाज़ से अहम रहे हैं यूक्रेनी और रूसी गेहूं

यूक्रेन पर रूसी हमले और रूस पर लगाये गये प्रतिबंधों ने यूरोप के देशों को उस रूसी गैस तक उनकी पहुंच को लेकर चिंता में डाल दिया है, जिस पर वे लंबे समय से निर्भर रहे हैं। इस संघर्ष ने ऊर्जा संसाधनों पर दबाव भी बढ़ा दिया है, जिससे तेल, गैस, कोयला और दूसरी चीज़ों की क़ीमतें बढ़ गयी हैं।

लेकिन,यूक्रेन में चल रहे इस युद्ध से ऊर्जा आपूर्ति से कहीं ज़्यादा कुछ प्रभावित हो सकता है। वैश्विक खाद्य सुरक्षा भी ख़तरे में पड़ सकता है। ख़ासकर कई मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देशों में गेहूं की आपूर्ति श्रृंखला इससे बाधित हो सकती है।

रूस दुनिया का शीर्ष गेहूं निर्यातक देश है और चीन और भारत के बाद सबसे बड़ा उत्पादक देश है। यूक्रेन दुनिया भर के शीर्ष पांच गेहूं निर्यातक देशों में से एक है।

कई मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देशों के क्षेत्रीय आहार में गेहूं की अहम भूमिका है।इस कारण से ये देश इन निर्यातों पर बहुत ज़्यादा निर्भर हैं।

मसलन,लेबनान अपने गेहूं की ज़रूरतों का 60% यूक्रेन से आयात करता है। मिस्र दुनिया का शीर्ष गेहूं आयातक देश है, जिसका तक़रीबन 70% गेहूं रूस और यूक्रेन से आता है। तुर्की के आधा गेहूं का आयात और ट्यूनीशिया का 80% अनाज भी इन्हीं दोनों देशों से आता है।

समय की दुविधा

इस समय यूक्रेन के कुछ ऐसे हिस्से रूसी सैनिकों की ओर से की जा रही गोलाबारी की चपेट में हैं,जो यूक्रेन के गेहूं उत्पादन और निर्यात में अहम भूमिका निभाते हैं। अमेरिकी कृषि विभाग (USDA) के मुताबिक़, यूक्रेन की ज़्यादतर गेहूं की फसलें दक्षिण-पूर्व में केंद्रित हैं। काला सागर तक पहुंच को अवरुद्ध कर देने से मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) क्षेत्र में गेहूं की आपूर्ति बाधित हो सकती है।

अंतर्राष्ट्रीय खाद्य नीति अनुसंधान संस्थान (IFPRI) के एक सीनियर रिसर्च फेलो डेविड लेबोर्डे ने डीडब्ल्यू को बताया कि यूक्रेन की गेहूं आपूर्ति श्रृंखला के लिहाज़ से काला सागर रणनीतिक अहमियत रखता है, क्योंकि मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) क्षेत्र को गेहूं का निर्यात ख़ास तौर पर समुद्र के रास्ते ही किया जाता है।

लैबोर्डे ने बताया,"जिस गेहूं का लोग इस समय कारोबार कर रहे हैं, वह जुलाई 2021 की फ़सल से किया गया था। यह फ़सल हमले से पहले की है। अगले तीन महीनों में क़रीब एक चौथाई फ़सल अब भी उपलब्ध है।" लेकिन, हक़ीक़त यही है कि लोग इस समय इस बंदरगाह में काम नहीं कर सकते,इससे मिस्र और लेबनान जैसे देशों में  गेहूं की कमी पैदा कर सकती है।"

इस युद्ध से मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) क्षेत्र की खाद्य सुरक्षा किस तरह प्रभावित होगी, यह इस बात पर निर्भर करेगा कि संघर्ष कितने समय तक चलता है।

अगर यूक्रेन के किसान जुलाई, 2022 तक गेहूं की फ़सल की खेती और कटाई नहीं कर पाते हैं, तो आपूर्ति श्रृंखला बाधित हो जायेगी। लेकिन, अगर वे ऐसा कर भी लेते हैं, तो इस बात की कोई गारंटी नहीं है कि वे बंदरगाहों तक अनाज को ले जाने के लिए किसी बुनियादी ढांचे का इस्तेमाल कर भी पायेंगे या नहीं।

यूक्रेनियन और रूसी गेहूं पर निर्भरता

इस मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) क्षेत्र के गरीब देशों के लिए गेहूं का बाज़ार मूल्य एक व्यवस्थागत समस्या बन सकता है। यूक्रेन पर रूसी सेना के हमले के बाद से यह मूल्य पहले ही 35% बढ़ चुका है।

लेबनान के वित्त मंत्री अमीन सलाम ने इस हमले के बाद रॉयटर को बताया कि नक़दी की कमी से जूझ रहे लेबनान के पास बस एक महीने का गेहूं का भंडार बच गया है और वह विभिन्न देशों से वैकल्पिक आयात समझौतों की तलाश में है।

तुर्की का कहना है कि उसे अभी अनाज की कमी इसलिए नहीं होगी, क्योंकि उसने पिछले साल अपने ज़्यादतर हिस्से का आयात कर लिया था। लेकिन, तुर्की ने बढ़ती क़ीमतों को देखते हुए गेहूं की ख़रीद में और कटौती करना शुरू कर दिया है।

ट्यूनीशियाई सरकार ने कथित तौर पर सरकारी अधिकारियों को गेहूं के आयात पर किसी भी तरह की टिप्पणी करने से रोक लगा दी है। यह आयात इस देश के गेहूं के भंडार का तक़रीबन 80% हिस्सा है।

गेहूं के शीर्ष आयातक देश-मिस्र के पास अब भी भंडार है, लेकिन वह पहले से ही अन्य देशों से आयत का विकल्प तलाश रहा है।

इस हमले से सीरिया गेहूं की राशन व्यवस्था शुरू करने के लिए मजबूर है। इसके अलावा, विश्व खाद्य कार्यक्रम (WFP) ने यूक्रेन में चल रहे युद्ध को उस यमन के लिए "तबाही की शुरुआत" कहा है, जो कि अनाज के आयात पर बहुत ज़्यादा निर्भर है।

मध्य पूर्व में गेहूं की आपूर्ति के जानकार और फ़सलों से भूसे को अलग करने वाले उपकरणों की बिक्री पर केंद्रित लेबनान की कंपनी एडको के सीईओ मुनीर ख़ामिस के मुताबिक़, यह संघर्ष इस पूरे क्षेत्र को प्रभावित करेगा। उन्होंने डीडब्ल्यू को बताया कि उत्तर या दक्षिण अमेरिका से गेहूं और दूसरे अनाज के आयात में समय लगता है और नौपरिवहन लागत के चलते यह बेहद महंगा पड़ता है।

उन्होंने बताया,"रोमानिया, रूस और यूक्रेन काला सागर की सीमा पर स्थित हैं। इसलिए, लेबनान और अन्य मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देशों में जहाजों को लोड कर पाना आसान होता है।"

हालांकि, मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देश पश्चिमी कंपनियों के साथ व्यापार करके अलग-अलग देशों से अनाजों की आपूर्ति ज़रूर कर सकते हैं, लेकिन परिवहन में होने वाली देरी से इसमें भारी कमी पैदा हो सकती है। कुछ मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देश ख़ुद ही गेहूं उगाते हैं, लेकिन उनका घरेलू उत्पादन उनकी समग्र मांग को पूरी तरह पूरा नहीं कर पाता है।

ख़ामिस का कहना है, "मसलन, लेबनान में बेका घाटी एकलौता ऐसा इलाक़ा है, जहां गेहूं की खेती की जाती है। इसके अलावा, यहां के किसान केवल कड़क गेहूं ही उगाते हैं, जो कि रोटी बनाने के हिसाब से सही नहीं है।"

इस गेहूं संकट के नतीजे

खाद्य नीति विशेषज्ञ लैबर्डे ने डीडब्ल्यू को बताया कि लोग गेहूं की इस बढ़ती क़ीमत को तुरंत इसलिए महसूस नहीं करेंगे, क्योंकि कई मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देशों में सब्सिडी मौजूद है। लेकिन, सरकारें किसी स्तर पर गेहूं से जुड़ी वस्तुओं की राशनिंग करना या उसकी लागत को बढ़ाने की शुरुआत कर सकती हैं। इस तरह के क़दमों से उन देशों में सामाजिक अशांति पैदा हो सकती है, जो पहले से ही आर्थिक तंगी का अनुभव कर रहे हैं।

जहां मिस्र संभवतः यूक्रेन में रूसी हमले के नतीजों से सबसे ज़्यादा प्रभावित होने वाला मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देश है, वहीं बाक़ी उत्तरी अफ़्रीकी देशों के लिए भी यह संकट एक बड़ा झटका साबित हो सकता है। भूमध्य सागर तक पहुंच रखने वाले ये देश अन्य देशों से अनाज आयात करने की कोशिश कर सकते थे। लेकिन, इस तरह के विकल्प रूस और यूक्रेन से होने वाले गेहूं के आयात की जगह पूरी तरह नहीं ले सकते।

मध्य पूर्वी और उत्तरी अफ़्रीकी (MENA) देशों के लिए वैकल्पिक गेहूं के आपूर्तिकर्ताओं की तलाश इतना आसान नहीं

यह पूछे जाने पर कि क्या रूस पर लगे आर्थिक प्रतिबंध से गेहूं के बाज़ार प्रभावित हो सकते हैं, लैबोर्डे का कहना था कि यह इस बात पर निर्भर करता है कि उन्हें कैसे लागू किया जाता है और इससे रूस से जुड़ी गेहूं कंपनियां कितनी प्रभावित होती हैं।

लेबोर्डे का कहना था कि इस संघर्ष के पहले ही वैश्विक खाद्य सुरक्षा ख़तरे में थी। दुनिया में पिछले सालों से कई संकट आये हैं और कोविड-19 महामारी ने कई लोगों की ज़िंदगी को प्रभावित किया है, ख़ासकर विकासशील देशों की आय में कमी आयी है।

लेबोर्डे ने बताया,"रूस-यूक्रेन संघर्ष हमारे लिए एक निराशाजनक स्थिति पैदा  कर रहा है, क्योंकि हम यह नहीं जानते कि गेहूं की अगली फ़सल और रोपण के मौसम तक क्या होना वाला है। दुनिया उत्पादन और व्यापार के लिहाज़ से अब एक और बाधा का सामना करने की हालत में नहीं है।"

संपादन: क्रिस्टी प्लाडसन

साभार: डीडब्ल्यू

अंग्रेज़ी में प्रकाशित मूल आलेख को पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

https://www.newsclick.in/middle-east-faces-severe-wheat-crisis%20-owar-ukraine

ukraine
Russia
Ukraine Russia Conflict
Middle East
Food Crisis
Wheat

Related Stories

बाइडेन ने यूक्रेन पर अपने नैरेटिव में किया बदलाव

डेनमार्क: प्रगतिशील ताकतों का आगामी यूरोपीय संघ के सैन्य गठबंधन से बाहर बने रहने पर जनमत संग्रह में ‘न’ के पक्ष में वोट का आह्वान

रूसी तेल आयात पर प्रतिबंध लगाने के समझौते पर पहुंचा यूरोपीय संघ

यूक्रेन: यूरोप द्वारा रूस पर प्रतिबंध लगाना इसलिए आसान नहीं है! 

पश्चिम बैन हटाए तो रूस वैश्विक खाद्य संकट कम करने में मदद करेगा: पुतिन

और फिर अचानक कोई साम्राज्य नहीं बचा था

हिंद-प्रशांत क्षेत्र में शक्ति संतुलन में हो रहा क्रांतिकारी बदलाव

90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात

विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान

भारत में गेहूं की बढ़ती क़ीमतों से किसे फ़ायदा?


बाकी खबरें

  • Himachal Pradesh Anganwadi workers
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिमाचल प्रदेश: नियमित करने की मांग को लेकर सड़कों पर उतरीं आंगनबाड़ी कर्मी
    24 Feb 2022
    प्रदर्शन के दौरान यूनियन का प्रतिनिधिमंडल मुख्यमंत्री जयराम ठाकुर से मिला व उन्हें बारह सूत्रीय मांग-पत्र सौंपा। मुख्यमंत्री ने आगामी बजट में कर्मियों की मांगों को पूर्ण करने का आश्वासन दिया। यूनियन…
  • Sulaikha Beevi
    अभिवाद
    केरल : वीज़िंजम में 320 मछुआरे परिवारों का पुनर्वास किया गया
    24 Feb 2022
    एलडीएफ़ सरकार ने मठीपुरम में मछुआरा समुदाय के लोगों के लिए 1,032 घर बनाने की योजना तैयार की है।
  • Chandigarh
    सोनिया यादव
    चंडीगढ़ के अभूतपूर्व बिजली संकट का जिम्मेदार कौन है?
    24 Feb 2022
    बिजली बोर्ड के निजीकरण का विरोध कर रहे बिजली कर्मचारियों की हड़ताल के दौरान लगभग 36 से 42 घंटों तक शहर की बत्ती गुल रही। लोग अलग-अलग माध्यम से मदद की गुहार लगाते रहे, लेकिन प्रशासन पूरी तरह से लाचार…
  • Russia targets Ukraine
    एपी
    रूस ने यूक्रेन के वायुसेना अड्डे, वायु रक्षा परिसम्पत्तियों, सैन्य आधारभूत ढांचे को बनाया निशाना, अमेरिका-नाटो को चेताया
    24 Feb 2022
    रूस के रक्षा मंत्रालय का कहना है कि सेना ने घातक हथियारों का इस्तेमाल यूक्रेन के वायुसेना अड्डे, वायु रक्षा परिसम्पत्तियों एवं अन्य सैन्य आधारभूत ढांचे को निशाना बनाने के लिये किया है। उसने आगे दावा…
  • Hijab controversy
    भाषा
    हिजाब विवाद: बेंगलुरु के कॉलेज ने सिख लड़की को पगड़ी हटाने को कहा
    24 Feb 2022
    सूत्रों के अनुसार, लड़की के परिवार का कहना है कि उनकी बेटी पगड़ी नहीं हटायेगी और वे कानूनी राय ले रहे हैं, क्योंकि उच्च न्यायालय और सरकार के आदेश में सिख पगड़ी का उल्लेख नहीं है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License