हाल ही में अपने ढाका दौरे में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने दावा किया कि उन्होंने भी बांग्लादेश की आज़ादी के लिए सत्याग्रह किया था और इसके लिए गिरफ्तार भी हुए थेI यह पहला मौका नहीं था कि प्रधानमंत्री ने अतीत के राजनीतिक आंदोलनों में हिस्सा लेने का इतना बड़ा दावा किया होI 'इतिहास के पन्ने' के इस अंक में नीलांजन मुखोपाध्याय इस दावे की ऐतिहासिक प्रमाणिकता और बांग्लादेश की आज़ादी की लड़ाई में भारत की भूमिका पर चर्चा कर रहे हैंI