NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
ब्राज़ील में एमएसटी ने महामारी के बीच शिविर में रहने वालों को बेदख़ल करने का विरोध किया
एमएसटी कैंप क्विलोम्बो कैंपो ग्रांडे कैंप के परिवारों के ख़िलाफ़ पुलिस खाली कराने के आदेश का अनुपालन करती रही है।
पीपल्स डिस्पैच
13 Aug 2020
mst

ब्राजील में मिनास गेरैस प्रांत के दक्षिण में स्थित कैंपो डो मीयो के नगरपालिका में 450 भूमिहीन परिवारों का घर क्विलोम्बो कैंपो ग्रांडे कैंप है जिसके खाली कराने की योजना है जो बुधवार सुबह 12 अगस्त से शुरू हो गया। इस कार्रवाई में दर्जनों पुलिस एजेंट भाग ले रहे हैं।

हालांकि अदालत द्वारा भूमि को क़ब्ज़ा करने का आदेश दिया लेकिन कोरोनावायरस महामारी के चलते मिनास गेरैस प्रांत की सरकार ने एक क़ानून लागू किया जिसके तहत ऐसे समय में बेदखली नहीं की जा सकती है। अदालत के इस आदेश में इन परिवारों के घरों और ढ़ांचों को हटाने के साथ-साथ एडुआर्डो गैलीनो पॉपुलर स्कूल के ढ़ांचों को भी हटाना शामिल है। इन घरों में रहने वाले परिवार यहीं पर हैं और इस क्षेत्र में रहने के लिए बातचीत करने का प्रयास कर रहे हैं। अब तक स्कूल वाले केवल इस क्षेत्र को कब्ज़ा कर लिया गया है।

लैंडलेस रुरल वर्कर्स मूवमेंट (एमएसटी) बोर्ड के सदस्य आरोप लगाते हैं कि पुलिस बलों के साथ इस तरह के सीधे संघर्ष के परिणामस्वरूप घायलों और मृतकों की ज़िम्मेदारी राज्यपाल रोमू जेमा की होगी जिन्होंने ऐसे समय में बेदखल करने को अनुमति दी जब देश में बड़े पैमाने पर लोगों के सामने स्वास्थ्य का संकट आ पड़ा है।

एमएसटी के अनुसार ये निर्णय संघर्ष को लेकर बातचीत के मंच पर हस्ताक्षर किए गए समझौते का सम्मान नहीं करता है जिसने उजागर किया था कि ये परिवार तब तक शिविर में रहेंगे जब तक सामाजिक दूरी की आवश्यकता थी।

एमएसटी ने यह भी उजागर किया है कि कैंप में रहने वालों के ख़िलाफ़ पुलिस द्वारा उत्पीड़न अक्सर होता है। उदाहरण के लिए 30 जुलाई को 20 से अधिक पुलिस एजेंटों ने शिविर के घरों पर धावा बोल दिया और भूमिहीन कार्यकर्ता सेलसो ऑगुसो को गिरफ़्तार कर लिया जिन्हें उसी दिन रिहा कर दिया गया था।

क्विलोम्बो कैंपो ग्रांडे में रहने वाले लोगों के अनुसार दरवाज़े और खिड़कियों को तोड़ते हुए राइफलों और पिस्तौल से लैस पुलिस घरों में घुस गई। निकालने से पहले पुलिस ने लोगों को धमकाते हुए वाहनों और ड्रोन से कैंप को घेर लिया।

Brazilian democracy
COVID-19 in Brazil
Forceful evictions
Land Reforms

Related Stories


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: केंद्र सरकार की मज़दूर-विरोधी नीतियों और निजीकरण के ख़िलाफ़ मज़दूर-कर्मचारी सड़कों पर उतरे!
    29 Mar 2022
    जगह-जगह हड़ताल के समर्थन में प्रतिवाद सभाएं कर आम जनता से हड़ताल के मुद्दों के पक्ष में खड़े होने की अपील की गयी। हर दिन हो रही मूल्यवृद्धि, बेलगाम महंगाई और बेरोज़गारी के खिलाफ भी काफी आक्रोश प्रदर्शित…
  • मुकुंद झा
    दो दिवसीय देशव्यापी हड़ताल को मिला व्यापक जनसमर्थन, मज़दूरों के साथ किसान-छात्र-महिलाओं ने भी किया प्रदर्शन
    29 Mar 2022
    केंद्रीय ट्रेड यूनियन ने इस दो दिवसीय हड़ताल को सफल बताया है। आज हड़ताल के दूसरे दिन 29 मार्च को देश भर में जहां औद्दोगिक क्षेत्रों में मज़दूरों की हड़ताल हुई, वहीं दिल्ली के सरकारी कर्मचारी और रेहड़ी-…
  • इंदिरा जयसिंह
    मैरिटल रेप को आपराधिक बनाना : एक अपवाद कब अपवाद नहीं रह जाता?
    29 Mar 2022
    न्यायिक राज-काज के एक अधिनियम में, कर्नाटक उच्च न्यायालय की व्याख्या है कि सेक्स में क्रूरता की स्थिति में छूट नहीं लागू होती है।
  • समीना खान
    सवाल: आख़िर लड़कियां ख़ुद को क्यों मानती हैं कमतर
    29 Mar 2022
    शोध पत्रिका 'साइंस एडवांस' के नवीनतम अंक में फ्रांसीसी विशेषज्ञों ने 72 देशों में औसतन 15 वर्ष की 500,000 से ज़्यादा लड़कियों के विस्तृत सर्वे के बाद ये नतीजे निकाले हैं। इस अध्ययन में पाया गया है कि…
  • प्रभात पटनायक
    पेट्रोल-डीज़ल की क़ीमतों में फिर होती बढ़ोतरी से परेशान मेहनतकश वर्ग
    29 Mar 2022
    नवंबर से स्थिर रहे पेट्रोल-डीज़ल के दाम महज़ 5 दिनों में 4 बार बढ़ाये जा चुके हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License