NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
सिंघु बॉर्डर पर बरामद हुई क्षत-विक्षत लाश पर संयुक्त किसान मोर्चा ने मामले की जांच व दोषियों को सज़ा की मांग की
सोशल मीडिया पर शुक्रवार की सुबह से ही सिंघु बॉर्डर के पास औंधे पड़े एक पुलिस बैरिकेड से बंधे एक मृत व्यक्ति की वीडियो और तस्वीरें सामने आने लगीं, जहाँ पर किसान पिछले नवंबर से ही शांतिपूर्ण ढंग से कृषि कानूनों का विरोध कर रहे हैं।
रौनक छाबड़ा
16 Oct 2021
singhu border
मात्र प्रतीकात्मक उपयोग

नई दिल्ली: शुक्रवार की सुबह, कुंडली के पास सिंघु बॉर्डर पर किसानों के विरोध स्थल के समीप एक व्यक्ति का लटका हुआ शव, उसके हाथ को काट कर अलग कर दिया गया था, मिलने के कुछ घंटे बाद ही संयुक्त किसान मोर्चा (एसकेएम) की ओर से इस भयावह हत्याकांड की भर्त्सना के साथ-साथ इस घटना की जाँच और दोषियों के लिए सजा की मांग की गई है।

40 से अधिक किसान संगठनों के एक छतरी निकाय के तौर पर, एसकेएम की ओर से दिए गए बयान के अनुसार, मृतक की पहचान पंजाब के लखबीर सिंह के रूप में हुई है, जिसकी “हत्या और शरीर को क्षत-विक्षत” कर दिया गया था। इसमें आगे कहा गया है कि “घटना स्थल पर मौजूद एक निहंग समूह ने (एक सिख योद्धा क्रम) इस घटना को अंजाम देने की जिम्मेदारी अपने सर ली है” यह दावा करते हुए कि मृतक ने “सरबालोह ग्रंथ” के संबंध में बेअदबी करने का प्रयास किया था।”

विभिन्न सोशल मीडिया मंचों पर सामने आये एक कथित वीडियो क्लिप में कुछ निहंगों को खून से लथपथ पड़े व्यक्ति के पास खड़े देखा जा सकता है। पीटीआई की रिपोर्ट के मुताबिक, क्लिप में निहंगों को यह कहते सुना जा सकता है कि उक्त व्यक्ति को सिखों के एक पवित्र ग्रंथ को अपवित्र करने के लिए दंडित किया गया है।

एसकेएम ने कहा है कि इन दोनों ही पक्षों - मृतक और निहंग समूह के साथ उसका कोई संबंध नहीं है और मांग की है कि दोषियों को “हत्या के आरोप और धर्मग्रंथ की बेअदबी किये जाने के पीछे की साजिश की जाँच के पश्चात” कानून के मुताबिक दंडित किया जाये। 

शुक्रवार की सुबह से ही सोशल मीडिया के विभिन्न मंच सिंघु बॉर्डर के पास एक ओंधे पड़े पुलिस बैरिकेड से बंधे एक मृत व्यक्ति के कथित वीडियो और तस्वीरों से अटे पड़े थे, जहाँ पर तीन विवादास्पद कृषि कानूनों के विरोध में पिछले साल नवंबर से किसानों ने अपना डेरा डाल रखा है।

35-वर्षीय पीड़ित लकबीर सिंह के पंजाब के तरनतारण जिले के चीमा कला गाँव का निवासी होने की खबर प्राप्त हुई है।

इंडियन एक्सप्रेस ने सोनीपत के पुलिस अधीक्षक, जशनदीप सिंह रंधावा के हवाले से अपनी रिपोर्ट में बताया है कि “घायल व्यक्ति को सरकारी अस्पताल ले जाया गया था, जहाँ उसे मृत घोषित कर दिया गया। हमने अज्ञात व्यक्तियों के खिलाफ हत्या का मामला दर्ज कर लिया है। ऐसे कई वीडियो प्रकाश में आये हैं जिनमें कुछ निहंग सिखों ने दावा किया है कि उक्त व्यक्ति ने पवित्र ग्रंथ की बेअदबी की थी। ऐसा संदेह है कि उसे कुछ निहंग सिखों ने मारा-पीटा और उसकी हत्या कर दी। यह एक जांच का विषय है।” शव को पोस्टमार्टम के लिए सोनीपत के सरकारी अस्पताल में भेज दिया गया है। 

शुक्रवार को एसकेएम द्वारा इस विषय पर एक तत्काल बैठक करने के बाद दोपहर में जारी किये गए एक बयान में इस “विद्रूप हत्या” की निंदा की गई है और कहा है कि किसानों का समहू किसी भी धार्मिक ग्रन्थ या प्रतीक की बेअदबी के खिलाफ है, हालाँकि “किसी के पास भी कानून को अपने हाथ में लेने का अधिकार नहीं है।”

किसानों के निकाय ने एक बार फिर से दोहराते हुए कहा है कि उनका आंदोलन “किसी भी प्रकार की हिंसा के खिलाफ है।” इसमें आगे कहा गया है कि वे पुलिस और प्रशासन के साथ किसी भी कानून-सम्मत कार्यवाई में सहयोग करने के लिए तैयार हैं।

इससे पहले दिन में, जम्हूरी किसान सभा (एसकेएम के सदस्यों में से एक) के महासचिव, कुलवंत सिंह संधू ने पंजाब से फोन पर न्यूज़क्लिक को बताया कि अकाल तख़्त और शिरोमणि गुरुद्वारा प्रबंधक कमेटी को इस घटना पर निश्चित तौर पर संज्ञान लेने की जरूरत है।

यह पूछे जाने पर कि क्या इस घटना से किसानों के आंदोलन पर कोई असर पड़ेगा, पर संधू ने इस बात को दोहराया है कि निहंग लोग एसकेएम का हिस्सा नहीं थे और मोर्चे का उक्त घटना से किसी भी प्रकार का की लेना-देना नहीं है। उनका कहना था “आंदोलन जारी रहेगा।”

लेख को अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिये गये लिंक पर क्लिक करें

Mutilated Body of Man Found At Singhu Border, SKM Demands Probe, Punishment for Culprits

Singhu Border
Farmers’ Protest
Farm Laws
Nihangs

Related Stories

युद्ध, खाद्यान्न और औपनिवेशीकरण

किसान-आंदोलन के पुनर्जीवन की तैयारियां तेज़

लखीमपुर खीरी कांड में एक और अहम गवाह पर हमले की खबर  

विभाजनकारी चंडीगढ़ मुद्दे का सच और केंद्र की विनाशकारी मंशा

किसान आंदोलन: मुस्तैदी से करनी होगी अपनी 'जीत' की रक्षा

सावधान: यूं ही नहीं जारी की है अनिल घनवट ने 'कृषि सुधार' के लिए 'सुप्रीम कमेटी' की रिपोर्ट 

पंजाब में आप की जीत के बाद क्या होगा आगे का रास्ता?

यूपी चुनाव: दलितों पर बढ़ते अत्याचार और आर्थिक संकट ने सामान्य दलित समीकरणों को फिर से बदल दिया है

राजस्थान: अलग कृषि बजट किसानों के संघर्ष की जीत है या फिर चुनावी हथियार?

क्या यह मोदी लहर के ख़ात्मे की शुरूआत है?


बाकी खबरें

  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    संतूर के शहंशाह पंडित शिवकुमार शर्मा का मुंबई में निधन
    10 May 2022
    पंडित शिवकुमार शर्मा 13 वर्ष की उम्र में ही संतूर बजाना शुरू कर दिया था। इन्होंने अपना पहला कार्यक्रम बंबई में 1955 में किया था। शिवकुमार शर्मा की माता जी श्रीमती उमा दत्त शर्मा स्वयं एक शास्त्रीय…
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    ग़ाज़ीपुर के ज़हूराबाद में सुभासपा के मुखिया ओमप्रकाश राजभर पर हमला!, शोक संतप्त परिवार से गए थे मिलने
    10 May 2022
    ओमप्रकाश राजभर ने तत्काल एडीजी लॉ एंड ऑर्डर के अलावा पुलिस कंट्रोल रूम, गाजीपुर के एसपी, एसओ को इस घटना की जानकारी दी है। हमले संबंध में उन्होंने एक वीडियो भी जारी किया। उन्होंने कहा है कि भाजपा के…
  • कामरान यूसुफ़, सुहैल भट्ट
    जम्मू में आप ने मचाई हलचल, लेकिन कश्मीर उसके लिए अब भी चुनौती
    10 May 2022
    आम आदमी पार्टी ने भगवा पार्टी के निराश समर्थकों तक अपनी पहुँच बनाने के लिए जम्मू में भाजपा की शासन संबंधी विफलताओं का इस्तेमाल किया है।
  • संदीप चक्रवर्ती
    मछली पालन करने वालों के सामने पश्चिम बंगाल में आजीविका छिनने का डर - AIFFWF
    10 May 2022
    AIFFWF ने अपनी संगठनात्मक रिपोर्ट में छोटे स्तर पर मछली आखेटन करने वाले 2250 परिवारों के 10,187 एकड़ की झील से विस्थापित होने की घटना का जिक्र भी किया है।
  • राज कुमार
    जनवादी साहित्य-संस्कृति सम्मेलन: वंचित तबकों की मुक्ति के लिए एक सांस्कृतिक हस्तक्षेप
    10 May 2022
    सम्मेलन में वक्ताओं ने उन तबकों की आज़ादी का दावा रखा जिन्हें इंसान तक नहीं माना जाता और जिन्हें बिल्कुल अनदेखा करके आज़ादी का अमृत महोत्सव मनाया जा रहा है। उन तबकों की स्थिति सामने रखी जिन तक आज़ादी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License