NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नागा शान्ति वार्ता में बढ़ती अड़चनें
NNPG ने भारत सरकार से वार्त्ता न करने का अपना निर्णय कायम रखा है और दूसरी तरफ़ असम राइफल्स ने छापों के आरोप को बेबुनियाद बताया हैI
विवान एबन
09 Jun 2018
Translated by ऋतांश आज़ाद
nagaland

वार्त्ताओं की एक श्रंखला में नागा नेशनल पोलिटिकल ग्रुप्स (NNPG) और सिविल सोसाइटी संगठनों ने भारत सरकार से छापों के विषय में सफाई पेश करने की माँग पुरज़ोर तरीके से उठाई हैI

NNPG ने भारत सरकार से वार्त्ता न करने का अपना निर्णय कायम रखा है और दूसरी तरफ़ असम राइफल्स ने छापों के आरोप को बेबुनियाद बताया हैI बड़े नागा संगठनों ने बातचीत शुरू करने की माँग की है वहीं दूसरी ओर Naga Scholars' Association (NSA) ने भारत सरकार से दोहरे खेल खेलने पर सवाल खड़े किये हैंI

 2 जून को असम राइफल्स ने नागा नेशनल काउंसिल के सदस्य वी. नागी के घर छापा माराI ये छापा तब मारा गया जब वह दिल्ली में भारत सरकार से बातचीत कर रहे थेI कथित तौर पर अर्धसैनिक बल उनके घर में घुस गए और वहाँ से उन्होंने हथियार, पैसा और दस्तावेज़ बरामद कियेI NNC ने तुरंत इन आरोपों का खंडन किया और ये आरोप लगाया कि अर्धसैनिक बलों ने घर को तहस-नहस कर दिया, कुछ ज़मीन और फिक्स्ड डिपोज़िटों के दस्तावेज़ चोरी कर लिएI उन्होंने ये भी कहा कि जो हथियार बरामद किये गये वह अनुष्ठानों में इस्तेमाल किये जाते हैं न कि जंग मेंI

इसके आलावा उन्होंने अपनी प्रेस रिलीज़ में ये भी कहा कि असम राइफल्स ने नागी के बेटे को भी धमकियाँ दीं और उनके घर के पास एक हॉस्टल में रह रही उनकी बेटी का भी उत्पीड़न कियाI असम रायफल्स ने इस सभी आरोपों को गलत ठहरायाI

NNPG की वर्किंग कमिटी ने 2 जून के छापे के बाद ये कहा कि 7 जून को होने वाली वार्त्ता का हिस्सा नहीं बनेंगेI इस निर्णय को नागा सिविल सोसाइटी के कुछ लोगों द्वारा हमदर्दी के साथ इसीलिए देखा जा रहा है क्योंकि ये छापे और गिरफ्तारियाँ अब लगातार हो रही हैं I उन्होंने भारत सरकार से भी ये सवाल किया है कि शांति वार्ता इस समय कैसे हो सकती हैं जब लगातार छापेमारी चल रही है I इसके साथ ही उन्होंने वर्किंग कमिटी से वार्ता फिर से शुरू करने पर पुनर्विचार करने की बात की है , उनका कहना है कि ये जनता की भलाई के लिए होगा I

NNPG में छह संगठन शामिल हैं , इसमें से कुछ Naga National Council से टूटे हुए संगठन हैं और बाकि National Socialist Council of Nagaland (NSCN) से टूटे हुए संगठन हैं I ये सभी संगठन अलग अलग इतने ताक़तवर नहीं हैं लेकिन साथ मिलकर इनकी ताक़त बढ़ जाती है I NNPGs और NSCN (Isak Muivah) भारत सरकार के साथ 2015 से तबसे बातचीत कर रहे हैं जबसे एतिहासिक फ्रामवर्क समझौते पर हस्ताक्षर किये गए हैं I NSCN (IM) इनमें से सबसे ताक़तवर संगठन है I लें अगर सरकार को इस मुद्दे का हर निकलना है तो उसे सभी संगठनों से बात करनी होगी I सिर्फ NSCN (IM) से बात करने से ये समस्या ठीक नहीं होगी बल्कि इससे बाकि संगठनों की नाराज़गी बढ़ सकती है I

दूसरी तरफ़ अगर वार्ता को ख़तम कर दिया गया तो वो सबके लिए हानिकारक होगा I पिछले कुछ सालों में नागालैंड लगातार शान्ति की तरफ इसीलिए बढ़ा है क्योंकि बहुत से संगठनों ने सरकार के साथ सन्ति समझौते कर लिए हैं I अगर वार्ता को ख़तम कर दिया गया तो नागालैंड फिर से एक युद्ध का गढ़ बन सकता है I संगठनों ने एक बात को साफ़ कर दिया है कि , भले ही उन्हें ये नहीं मालूम कि ये छापे सरकार द्वारा आधिकारिक तौर पर कराये गए या नहीं, लेकिन अगर सरकार इस तरह उनके प्रति का रवैया रखेगा , तो वह वार्ता नहीं करेंगे I दूसरी तरह सरकार की नज़र 2019 के चुनावों पर है I अगर शांतिवार्ता कामियाब नहीं होती और इसी तरह चलती है , तो 2015 के ‘एतिहासिक’ समझौते की प्रतिष्ठा एक फरेब लगेगी I

नागालैंड
नागा
भारत सरकार
असम राईफल
NNPGS

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

सहभागिता का लोकतंत्र

बीजेपी ने कहा कि नागाओं को सांप्रदायिक ध्रुवीकरण नहीं करना चाहिए !

अडानी समूह की रिपोर्ट तैयार करने पर ऑस्ट्रेलियाई पत्रकारों को गुजरात पुलिस ने धमकाया !

सरकार की डिजिटल सुरक्षा संरचना हैक कर ली गई


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License