NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
अंतरराष्ट्रीय
नाम हिमा, उम्र 19 साल, हौसला आसमान से भी ऊंचा
इस बारिश में जब हिमा दौड़-दौड़कर दुनिया में अपना डंका बजा रही हैं और देश के लिए सोना इकट्ठा कर रही हैं तो असम में उनका गांव और घर बाढ़ में डूबा हुआ है। खुद बाढ़ में डूबे घर में रहने वाली लड़की ने एक बड़ी रकम असम के बाढ़ राहत कोष में दान कर दी है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
22 Jul 2019
Hima Das gold medalist
Image Courtesy: indian express

नाम- हिमा दास, उम्र- 19 साल। आयोजन- अंडर-20 विश्व एथलेटिक्स। असम के एक छोटे से गांव की इस लड़की ने 400 मीटर की दौड़ में स्वर्ण पदक जीतकर इतिहास रच दिया। हिमा ने 51.46 सेकेंड के रिकॉर्ड समय में अपनी दौड़ पूरी की। यह कारनामा अभी तक भारत के किसी एथलीट ने नहीं किया था। 

दौड़ के दौरान 35वें सेकेंड तक हिमा शीर्ष तीन एथलीटों में नहीं थीं लेकिन इसके बाद उन्होंने ऐसी रफ्तार पकड़ी कि दौड़ खत्म होने से पहले सबसे आगे पहुंच गईं और इतिहास बना दिया। स्वर्ण पदक लेते समय जब राष्ट्रगान बज रहा था तो उनकी आंखों से गर्व और खुशी के आंसू छलक पड़े।

हिमा दास की सुनहरी दौड़ सिर्फ इतनी ही नहीं है, बल्कि यह पिछले 19 दिन के अंदर हासिल किया अपना पांचवां गोल्ड था। 

हिमा ने साल की अपनी पहली 200 मीटर प्रतिस्पर्धी दौड़ में 23.65 सेकेंड के समय के साथ दो जुलाई को पोलैंड में पोजनान एथलेटिक्स ग्रां प्री में स्वर्ण पदक जीता था।

इसके बाद उन्होंने सात जुलाई को पोलैंड में ही कुत्नो एथलेटिक्स प्रतियोगिता में 23.97 सेकेंड के साथ 200 मीटर में स्वर्ण पदक जीता।

चेक गणराज्य में 13 जुलाई को क्लादनो एथलेटिक्स प्रतियोगिता में हिमा ने 23.43 सेकेंड से स्वर्ण पदक जीता जबकि बुधवार को इसी देश में उन्होंने ताबोर एथलेटिक्स प्रतियोगिता में चौथा सोने का तमगा जीता।

गोल्डन गर्ल हिमा दास की यह सफलता इस मायने में ऐतिहासिक कही जा सकती है कि वे विश्व एथलेटिक्स चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीतने वाली पहली भारतीय महिला एथलीट हैं। 

सुनहरी दौड़ लगाने वाली हिमा की कहानी भी कम रोचक नहीं है। असम के नगांव जिले के एक छोटे से गांव धींग में जन्मीं हिमा अपने छह भाई बहनों में सबसे छोटी हैं। उनके पिता रोंजीत दास एक साधारण किसान हैं, जो धान की खेती करते हैं। हिमा जिस जगह से आती हैं, वह बाढ़ प्रभावित इलाका है।  

इस बारिश में जब हिमा दौड़-दौड़कर दुनिया में अपना डंका बजा रही हैं और देश के लिए सोना इकट्ठा कर रही हैं तो असम में उनका गांव और घर बाढ़ में डूबा हुआ है। खुद बाढ़ में डूबे घर में रहने वाली लड़की ने एक बड़ी रकम असम के बाढ़ राहत कोष में दान कर दी है।

वैसे मच्‍छी-भात खाकर बड़ी हुई लड़की बचपन से फुटबॉल के रंग में रंगी हुई थी। 2016 में हिमा फुटबाल को अलविदा करके एथलेटिक्स की व्यक्तिगत ट्रैक स्पर्धा में हाथ आजमाने लगीं।

हिमा दास अप्रैल में हुए कॉमनवेल्थ गेम्स की अंडर-20 दौड़ में छठवें स्थान पर रही थीं। उन्होंने 400 मीटर की दौड़ 51.32 सेकंड में पूरी की थी। तब से वे अपनी रफ्तार को और बेहतर करने में लगी हुई थीं। हाल में उन्होंने गुवाहाटी में आयोजित नेशनल इंटर-स्टेट चैंपियनशिप में स्वर्ण पदक जीता था। महज तीन साल की प्रैक्टिस में हिमा ने वो कर दिखाया जिसका सिर्फ सपना देखा जा सकता था।

अब हिमा की अगली प्रतियोगिता एशियन गेम्स है जहां सभी को उनसे पदक की उम्मीद है। जानकारों का कहना है कि जिस तरह से हिमा अपने प्रदर्शन में सुधार कर रही है यह बिल्कुल संभव है कि वह इसमें भी जीत हासिल करें। 

हिमा दास के लिए अब बधाइयों का तांता लगा हुआ है।  एक ट्वीट में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने लिखा, ‘बीते कुछ ही दिनों में हिमा दास ने जो असाधारण उपलब्धियां हासिल की हैं उन पर पूरे देश को गर्व है।’ 

पूर्व क्रिकेटर और भारत रत्न सचिन तेंदुलकर ने उनकी तारीफ करते हुए ट्वीट किया है, ‘बीते 19 दिनों के दौरान यूरोपियन सर्किट में आप जिस तरह से दौड़ रही हैं वह देखकर मुझे बड़ा अच्छा लग रहा है। जीत के लिए आपकी भूख और जिजीविषा युवाओं के लिए प्रेरणास्रोत है।’

निसंदेह हिमा दास की सफलता युवाओं खासकर लड़कियों के लिए प्रेरणा देने वाला है जो सपने देखती हैं पर कठिनाईयों को देखकर पूरा करने से डर जाती हैं।

hima Das
asian games
athletics
gold medalist
asam
commonwealth games

Related Stories

क्या भाजपा का एकरंगी नज़रिया असम और मिज़ोरम के तनाव को कम कर पाएगा?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License