NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नौकरियों के विनियमन की माँग पर आँगनवाड़ी कर्मियों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का मामला दर्ज
राज्य भर में आँगनवाड़ी कर्मचारी बेहतर वेतन और नियमित कर्मी के रूप में मान्यता देने की माँग को लेकर लड़ाई लड़ रही हैं।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Dec 2017
Anganwadi Workers

उत्तर प्रदेश की योगी आदित्यनाथ सरकार द्वारा आँगनवाड़ी कार्मचारियों के ख़िलाफ़ लगाए गए देशद्रोह के मुकदमे से पूरा देश सदमे में है। ये कर्मचारी सरकार से बेहतर वेतन समेत अन्य सुविधा की माँग शांतिपूर्ण तरीक़े से कर रही थीं। सरकार को इन कर्मचारियों का असंतोष उचित नहीं लगा और पुलिस ने इनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुकदमा दर्ज कर दिया।

उत्तर प्रदेश की राजधानी लखनऊ से क़रीब 90 किलोमीटर दूर सीतापुर ज़िले में चार आँगनवाड़ी कार्यकर्ता मानदेय में वृद्धि तथा नौकरी के नियमन सहित अपनी अन्य माँगों को लेकर विरोध प्रदर्शनों के आयोजन में सक्रिय रहीं।

उत्तर प्रदेश पुलिस ने नीतू सिंह, सरिता वर्मा, मंजू वंश्वर और संतोष कुमारी के ख़िलाफ़ आईपीसी की धारा 121 ए (भारत सरकार के ख़िलाफ़ पारिश्रमिक को लेकर उकसाने, या पारिश्रमिक के लिए षड्यंत्र, या पारिश्रमिक के लिए टकराव की कोशिश) के तहत मामला दर्ज कर गिरफ्तार कर लिया। उन्हें 14 दिनों की न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

नीतू सिंह राज्यव्यापी आँंगनवाड़ी कार्यकर्ता संगठन महिला आँगनवाड़ी कर्मचारी संघ की ज़िला अध्यक्षा हैं। प्रदेश के सीएम योगी आदित्यानाथ के सीतापुर दौरे के दौरान नीतू सिंह ने 8 दिसंबर को अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ सीतापुर-लखनऊ हाई-वे पर विरोध प्रदर्शन किया था। सीतापुर पुलिस ने सिंह तथा उनके अन्य 29 सहयोगी कर्मचारियों सहित 17 अन्य लोगों के ख़िलाफ़ दंगा करने तथा आपराधिक मामले के तहत मुकदमा दर्ज किया।

शुरूआत में, नीतू सिंह और उनके साथियों को उसी दिन गिरफ्तार किया गया और उन पर धारा 147, 332, 353 और 506 लगा दिया गया। इसके बाद शनिवार को उन्हें न्यायिक मजिस्ट्रेट के समक्ष पेश किया गया जिसके बाद उन्हें न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया।

इसके बाद स्थिति और खराब हो गई। जब पुलिस को पता चला कि 4 दिसंबर को योगी के दौरे से पहले नीतू सिंह और उनके साथी आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने विरोध प्रदर्शन किया था, तो पुलिस ने इन कर्मचारियों के ख़िलाफ़ देशद्रोह का आरोप लगाकर आईपीसी की धारा 121 के तहत मुकदमा दर्ज किया।

मामले के जाँच कर रहे अधिकारी सब-इंस्पेक्टर राज बहादुर ने न्यूज़़क्लिक को बताया कि पुलिस शिकायत के आधार पर नीतू और उनके साथियों के ख़िलाफ़ भारतीय दंड संहिता की धारा 121 ए लगाई गई। बहादुर ने न्यूजक्लिक को बताया कि "आईपीसी की धारा 121 ए शनिवार को प्राथमिकी में जोड़ी गई। प्रदर्शनकारियों को दोनों एफआईआर के आधार पर गिरफ्तार किया गया था।"

वास्तव में 4 दिसंबर को नीतू सिंह के विरोध ने अपनी रचनात्मकता की वजह से राष्ट्रीय सुर्खि़याँ बटोरी। इस दौरान नीतू सिंह ने योगी आदित्यनाथ से सांकेतिक रूप से विवाह किया। बगल में योगी आदित्यनाथ की तस्वीर लगाकर उन्होंने अपने साथी कार्यकर्ताओं के साथ विवाह रचाई। इस तरह का तरीक़ा उन्होंने आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के साथ अनुचित व्यवहार तथा देश को अपनी दुर्दशा से अवगत कराने के लिए अपनाया। .

इस विचित्र आयोजन ने मीडिया को अपनी तरफ़ आकर्षित किया। नीतू सिंह ने गाने बाजे के साथ योगी आदित्यनाथ की तस्वीर को माला पहनाया। सीतापुर में बड़ी संख्या में आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं की उपस्थिति में इस सांकेतिक शादी का आयोजन किया गया। ख़ास बात यह कि 4 दिसंबर को उनके विरोध को लेकर धारा 147 के तहत यानी दंगों से संबंधित आरोप में उन्हें गिरफ्तार किया गया।

यहाँ उल्लेख करना महत्वपूर्ण है कि नीतू और उनके सहयोगी कार्यकर्ताओं का विरोध आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं द्वारा राज्य के व्यापक आंदोलन का हिस्सा है जो राज्य सरकार से बेहतर मानदेय और कामकाजी हालत की मांग कर रहे हैं। अक्टूबर में हजारों आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने लखनऊ में धरना दिया और मुख्यमंत्री आवास पर योगी आदित्यनाथ से मिलने की कोशिश की। लेकिन उन पर बर्बरता से लाठियां बरसाई गईं जिससे कई कर्मचारी घायल हो गईं।

इन आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं ने राज्य की नई भारतीय जनता पार्टी सरकार को अपनी समस्याओं का समाधान करने के लिए चार महीने का अल्टीमेटम दिया था लेकिन आठ महीने गुज़र जाने के बाद भी राज्य सरकार ने उनके लिए कुछ नहीं किया है।

सोमवार को मीडिया से बात करते हुए सीतापुर के एसपी सुरेशराव ए कुलकर्णी ने कहा कि "मैंने पूरे मामले की जाँच का आदेश दिया है। सीतापुर शहर पुलिस स्टेशन के सर्किल ऑफिसर को आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के खिलाफ धारा 121 ए लागू करने की जाँच करने का कार्य सौंपा गया है। जाँच रिपोर्ट के आधार पर उन पुलिसकर्मियों के ख़िलाफ़ कार्रवाई की जाएगी जिन्होंने उनके ख़िलाफ़ देशद्रोह का मुकदमा लगाया।

कुलकर्णी ने कहा कि आँगनवाड़ी कार्यकर्ताओं के ख़िलाफ़ "ग़लती" से देशद्रोह का आरोप लगाया गया है और पुलिस इस आरोप को वापस लेने के लिए अदालत जाएगी। हालांकि, जल्दबाजी में देशद्रोह जैसे बेहद ही गंभीर और सख़्त कानून का इस्तेमाल किया गया वह यूपी में नागरिक स्वतंत्रता की स्थिति को स्पष्ट दर्शाता है।

असंतोष का अपराधीकरण और शांतिपूर्ण विरोध की तरह इसकी सरल अभिव्यक्ति आदित्यनाथ सरकार की एक परिभाषित विशेषता बन गई है। जब से इस सरकार का गठन हुआ है तब से राज्य में लगभग दो दर्जन लोगों को असंतोष व्यक्त करने के चलते गिरफ्तार किया गया है। ये स्पष्ट रूप से अब नागरिक स्वतंत्रताओं पर हमले जैसा दिखाई दे रहा है। सोशल मीडिया पोस्ट को लेकर राज्य के साधारण निवासियों को गिरफ्तार किया गया और जेल भेजा गया है, जो कि अपमानकारी, आलोचनात्मक, या कुछ मामलों में नरेंद्र मोदी और योगी आदित्यनाथ जैसे लोगों के लिए आक्रामक दिखता है

Anganwadi Workers
Yogi Adityanath
UttarPradesh
BJP
Narendra modi

Related Stories

बदायूं : मुस्लिम युवक के टॉर्चर को लेकर यूपी पुलिस पर फिर उठे सवाल

भाजपा के इस्लामोफ़ोबिया ने भारत को कहां पहुंचा दिया?

कश्मीर में हिंसा का दौर: कुछ ज़रूरी सवाल

सम्राट पृथ्वीराज: संघ द्वारा इतिहास के साथ खिलवाड़ की एक और कोशिश

तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष

कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां

धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है

मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्ट: चंदौली पुलिस की बर्बरता की शिकार निशा यादव की मौत का हिसाब मांग रहे जनवादी संगठन
    30 May 2022
    "हमें तो पुलिस के किसी भी जांच पर भरोसा नहीं है। जब पुलिस वाले ही क़ातिल हैं तो पुलिसिया न्याय पर हम कैसे यकीन कर लें? सीबीआई जांच होती तो बेटी के क़ातिल जेल में होते। हमें डरे हुए हैं। "
  • एम.ओबैद
    मिड डे मिल रसोईया सिर्फ़ 1650 रुपये महीने में काम करने को मजबूर! 
    30 May 2022
    "हम लोगों को स्कूल में जितना काम करना पड़ता है। उस हिसाब से वेतन नहीं मिलता है। इतने पैसे में परिवार नहीं चलता है।"
  • अरुण कुमार
    गतिरोध से जूझ रही अर्थव्यवस्था: आपूर्ति में सुधार और मांग को बनाये रखने की ज़रूरत
    30 May 2022
    इस समय अर्थव्यवस्था गतिरोध का सामना कर रही है। सरकार की ओर से उठाये जाने वाले जिन क़दमों का ऐलान किया गया है, वह बस एक शुरुआत है।
  • न्यूजक्लिक रिपोर्ट
    जौनपुर: कालेज प्रबंधक पर प्रोफ़ेसर को जूते से पीटने का आरोप, लीपापोती में जुटी पुलिस
    30 May 2022
    स्टूडेंट्स से प्रयोगात्मक परीक्षा में अवैध वसूली करने का कोई आदेश नहीं है। यह सुनते ही वह बिफर पड़े। नाराज होकर प्रबंधक ने पहले गाली-गलौच किया और बाद में जूते निकालकर मेरी पिटाई शुरू कर दी। उन्होंने…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत
    30 May 2022
    देश में एक्टिव मामलों की संख्या बढ़कर 0.04 फ़ीसदी यानी 17 हज़ार 698 हो गयी है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License