NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
साहित्य-संस्कृति
भारत
राजनीति
नौटंकी की विविधता
रामलीला का मंचन यूँ लगता है जैसे हम किसी मेले में गए हैं, और वहाँ लोग ज़मीन पर बैठ कर अपनी चीज़ें बेच रहे हैं। ठीक इसी तरह से 'नौटंकी' की जाती थी।
न्यूज़क्लिक टीम
09 Oct 2019

रामलीला का मंचन यूँ लगता है जैसे हम किसी मेले में गए हैं, और वहाँ लोग ज़मीन पर बैठ कर अपनी चीज़ें बेच रहे हैं। ठीक इसी तरह से 'नौटंकी' की जाती थी। हमारे देश की मशहूर सांस्कृतिक कलाओं में कोई विभाजन हो ही नहीं सकता, क्योंकि ऐसी कलाओं को बनाने में हर किसी का बराबर हाथ होता है। एक अदाकार की जाति क्या है, इससे कला पर कोई फ़र्क़ नहीं पड़ना चाहिये। कला महत्वपूर्ण है। एक अदाकार का मज़हब क्या है, इससे कोई फ़र्क़ नहीं पड़ना चाहिये।

हमारे बीच इतने विभाजन हो चुके हैं कि होली, ईद और अन्य त्योहार साथ में मनाने का जुनून ग़ायब ही हो गया है। जब हम कला का एक समाज के तौर पर एक साथ जश्न मनाते हैं, तो हमें समझ में आता है कि हमारे आसपास के लोग एलियन नहीं हैं, वो हमारे जैसे ही लोग हैं।

Unity in Diversity
BJP
RSS

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद विवाद : सुप्रीम कोर्ट ने कथित शिवलिंग के क्षेत्र को सुरक्षित रखने को कहा, नई याचिकाओं से गहराया विवाद

बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'

उर्दू पत्रकारिता : 200 सालों का सफ़र और चुनौतियां

तिरछी नज़र: ‘ज़िंदा लौट आए’ मतलब लौट के...

राय-शुमारी: आरएसएस के निशाने पर भारत की समूची गैर-वैदिक विरासत!, बौद्ध और सिख समुदाय पर भी हमला

कटाक्ष: इंडिया वालो शर्म करो, मोदी जी का सम्मान करो!

नया ज्ञान : 2014 में मिली असली आज़ादी!

महर्षि वाल्मीकि जयंती के बहाने स्वच्छकार समाज को धर्मांध बनाए रखने की साज़िश!

इतवार की कविता : "हम सामईं पे क़हर न ढाएँ जहां-पनाह..."

तिरछी नज़र: झूठ बोलो और वजीरों से भी झूठ बुलवाओ


बाकी खबरें

  • itihas ke panne
    न्यूज़क्लिक टीम
    मलियाना नरसंहार के 35 साल, क्या मिल पाया पीड़ितों को इंसाफ?
    22 May 2022
    न्यूज़क्लिक की इस ख़ास पेशकश में वरिष्ठ पत्रकार नीलांजन मुखोपाध्याय ने पत्रकार और मेरठ दंगो को करीब से देख चुके कुर्बान अली से बात की | 35 साल पहले उत्तर प्रदेश में मेरठ के पास हुए बर्बर मलियाना-…
  • Modi
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: मोदी और शी जिनपिंग के “निज़ी” रिश्तों से लेकर विदेशी कंपनियों के भारत छोड़ने तक
    22 May 2022
    हर बार की तरह इस हफ़्ते भी, इस सप्ताह की ज़रूरी ख़बरों को लेकर आए हैं लेखक अनिल जैन..
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : 'कल शब मौसम की पहली बारिश थी...'
    22 May 2022
    बदलते मौसम को उर्दू शायरी में कई तरीक़ों से ढाला गया है, ये मौसम कभी दोस्त है तो कभी दुश्मन। बदलते मौसम के बीच पढ़िये परवीन शाकिर की एक नज़्म और इदरीस बाबर की एक ग़ज़ल।
  • diwakar
    अनिल अंशुमन
    बिहार : जन संघर्षों से जुड़े कलाकार राकेश दिवाकर की आकस्मिक मौत से सांस्कृतिक धारा को बड़ा झटका
    22 May 2022
    बिहार के चर्चित क्रन्तिकारी किसान आन्दोलन की धरती कही जानेवाली भोजपुर की धरती से जुड़े आरा के युवा जन संस्कृतिकर्मी व आला दर्जे के प्रयोगधर्मी चित्रकार राकेश कुमार दिवाकर को एक जीवंत मिसाल माना जा…
  • उपेंद्र स्वामी
    ऑस्ट्रेलिया: नौ साल बाद लिबरल पार्टी सत्ता से बेदख़ल, लेबर नेता अल्बानीज होंगे नए प्रधानमंत्री
    22 May 2022
    ऑस्ट्रेलिया में नतीजों के गहरे निहितार्थ हैं। यह भी कि क्या अब पर्यावरण व जलवायु परिवर्तन बन गए हैं चुनावी मुद्दे!
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License