NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
नेपाल में वाम दलों का एकीकरणः एक बेहतर संकेत
चूंकि वाम गठबंधन हाल के विजय की महत्वपूर्ण शक्ति थी, ऐसे में ये ठोस निर्णयों में से एक है जो जनादेश और हजारों कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं का सम्मान करते हैं।
प्रमेश पोखरेल
27 Feb 2018
नेपाल

19 फरवरी का दिन नेपाल में लोकतंत्र की स्थापना का एक ख़ास दिन है। इतिहास में यह एक और उपलब्धि के रूप में जाना जाएगा क्योंकि कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ नेपाल यूनिफाइड मार्कसिस्ट-लेनिनिस्ट (सीपीएन-यूएमएल) और कम्युनिस्ट पार्टी ऑफ़ नेपाल माओइस्ट सेंटर (सीपीएन एमसी) ने इसी दिन दोनों पार्टियों के एकीकरण के लिए सात सूत्रीय समझौते पर हस्ताक्षर किए। चूंकि वाम गठबंधन और एकीकरण हाल के विजय की महत्वपूर्ण शक्ति थी, ऐसे में यह ठोस निर्णयों में से एक है जो जनादेश और हजारों कार्यकर्ताओं की आकांक्षाओं का सम्मान करते हैं। अब पार्टी के एकीकरण करने के फैसले से नई सरकार को इसकी पूर्ण संरचना प्राप्त करने और पार्टी एकीकरण प्रक्रिया शुरू करने में भी मदद मिलेगी।

सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएम (एमसी) द्वारा हस्ताक्षरित सात बिंदुओं के समझौते में दो पार्टियों के एकीकरण का निम्न आधार है।

1. एकीकृत पार्टी का नाम नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी होगा।

2. नेपाल कम्युनिस्ट पार्टी का मार्गदर्शक सिद्धांत मार्क्सवाद-लेनिनवाद होगा।

3. पार्टी की वैचारिक धारा पीपुल्स-मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी पर आधारित होगी, जिसे सीपीएन-यूएमएल के दिवंगत नेता मदन भंडारी ने प्रतिपादित किया था।

4. उक्त दोनों पार्टियाँ सीपीएन-यूएमएल और माओवादी द्वारा अपनाई गई पीपुल्स मल्टीपार्टी डेमोक्रेसी को संशोधित करने के लिए समझौते पर भी तैयार हो गई।

5. उपरोक्त शर्तों के आधार पर ये एकीकृत पार्टी अपनी अंतरिम राजनीतिक रिपोर्ट और अंतरिम पार्टी क़ानून तैयार करेगी।

6. इसी तरह ये पार्टी अब तक की उपलब्धियों की सुरक्षा के माध्यम से समाजवाद के आधार तैयार करेगी। यह राष्ट्रवाद, लोकतंत्र और सामाजिक न्याय को मज़बूत करेगा और नए आर्थिक परिवर्तन के लिए आगे बढ़ेगा।

7. ये पार्टी आगामी महासम्मेलन को एकता महासम्मेलन के रूप में समापन करेगी।

इस समझौते पर हस्ताक्षर सीपीएन-यूएमएल के अध्यक्ष और प्रधान मंत्री केपी शर्मा ओली, वरिष्ठ नेता झालानाथ खानल, माधव कुमार नेपाल, उपाध्यक्ष बामदेव गौतम और सीपीएन-यूएमएल की तरफ से महासचिव ईश्वर पोखारेल ने हस्ताक्षर किए। सीपीएन (एमसी) की ओर से समझौता करने वालों में इसके अध्यक्ष पुष्प कमल दाहल 'प्रचंड' और नारायण काजी श्रेष्ठ और राम बहादुर थापा 'बादल' शामिल थे।

दो कार्यबलों का गठन

सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) द्वारा दो कार्यबलों का गठन किया गया है। इनमें एक संगठनात्मक विलय पर जबकि दूसरा राजनीतिक वैचारिक निर्माण पर कार्य करेगा। एकीकरण करने में तेज़ी लाने और एकीकृत पार्टी को मज़बूत करने को लेकर अन्य सिफारिशों के लिए दो कार्यबलों की स्थापना सात सूत्रीय समझौते के अनुसार की गई। दोनों कार्यबलों में प्रत्येक में 10 सदस्य होंगे। इन सदस्यों में प्रत्येक पार्टी से पांच प्रतिनिधि शामिल होंगे।

ईश्वर पोखारेल, बिष्णु पौडेल, गोकर्ण बिस्टा, बेडू राम भूसाल और रघुवीर महासेठ को यूएमएल से संगठन के लिए कार्यबल में शामिल किया गया है, जबकि राम बहादुर थापा, गिरि राज मणि पोखारेल, बारशा मन पून, मत्रिका यादव और जनार्दन शर्मा इस कार्यबल में माओइस्ट सेंटर का प्रतिनिधित्व करते हैं।

इसी तरह यूएमएल के माधव कुमार नेपाल, भीम रावल, सुभाष चंद्र नेम्बांग, प्रदीप ग्यावली और रघुजी पंटा को अंतरिम राजनीतिक रिपोर्ट और अंतरिम क़ानून के लिए कार्यबल में शामिल किया गया है। वहीं माओइस्ट सेंटर के नारायण काजी श्रेष्ठ, देव गुरुंग, शक्ति बसंत, पाम्फा भूसल और देवेंद्र पौडेल भी कार्यबल में शामिल हैं।

सीपीएन (यूएमएल) और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) के बीच एकीकरण के बाद नई पार्टी के राजनीतिक दिशानिर्देश और संगठनात्मक ढांचे पर गठित दोनों कार्यबलों को 15 दिनों के भीतर रिपोर्ट सौंपने के लिए कहा गया है। यह उम्मीद है कि रिपोर्ट प्रस्तुत करने और नेताओं की चर्चा के बाद एक बड़े आयोजन और पार्टी के एकीकरण की औपचारिक घोषणा 21मार्च से पहले की जाएगी।

सोमवार तक मंत्रिमंडल विस्तार की संभावना

सीपीएन-यूएमएल और सीपीएन (माओइस्ट सेंटर) ने पार्टी नेता केपी शर्मा ओली और पुष्प कमल दहल के नेतृत्व में तीन सदस्यीय टीम पर मंत्रियों के बारे में फैसले लेने के लिए छेड़ दिया है। उम्मीद है कि प्रधानमंत्री ओली सोमवार को अपने मंत्रिमंडल का विस्तार करेंगे।

वाम गठबंधन पूरे पांच सालों तक सरकार चलाने के लिए प्रतिबद्ध है। वहीं उक्त दो पार्टियों में मंत्रियों के रूप में सेवा देने के लिए काफी बड़ी संख्या में नेता हैं। यूएमएल की एक स्थायी समिति की बैठक, जो सरकार की अगुवाई करती है, ने मंत्री पद के उम्मीदवारों पर निर्णय लेने के लिए ज़िम्मेदारी प्रधानमंत्री ओली पर छोड़ दिया है। वहीं सीपीएन-माओइस्ट सेंटर ने गुरुवार को तीन शीर्ष नेताओं को ये ज़िम्मेदारी दी थी।

हाल ही में सरकार ने फैसला किया है कि 18 सदस्यीय मंत्रिमंडल होगा, जिसमें से 10 मंत्री और प्रधानमंत्री यूएमएल से होंगे वहीं सात सदस्य माओइस्ट सेंटर से होंगे। पहले केंद्रीय स्तर पर 30 मंत्रालय था।

नेपाल
कम्युनिस्ट पार्टी
CPN-UML
माधव कुमार नेपाल

Related Stories

बिम्सटेक सैन्य सहयोग की एक मुश्किल शुरुआत

नेपाल संसदीय चुनाव: कम्युनिस्ट गठजोड़ जीत की ओर अग्रसर


बाकी खबरें

  • bhasha singh
    न्यूज़क्लिक टीम
    श्रीलंका में सत्ता बदल के बिना जनता नहीं रुकेगीः डॉ. सिवा प्रज्ञासम
    12 May 2022
    स्पेशल इंटरव्यू में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बात की, श्रीलंका के मानवाधिकार कार्यकर्ता-ट्रेड यूनियन कार्यकर्ता डॉ. सिवा प्रज्ञासम से और जानने की कोशिश की कि किस दिशा में बढ़ रहा है आंदोलन।
  •  delimitation report
    न्यूज़क्लिक टीम
    जम्मू कश्मीर की Delimitation की रिपोर्ट क्या कहती है?
    12 May 2022
    जम्मू कश्मीर से जुड़ा परिसीमन की रिपोर्ट क्या कहती है? भाजपा इस रिपोर्ट पर खुश क्यों हैं और भाजपा के अलावा दूसरी पार्टियां खफा क्यों है? क्या निष्पक्ष ढंग से परिसीमन किया गया? जम्मू कश्मीर के परिसीमन…
  • दमयन्ती धर
    खंभात दंगों की निष्पक्ष जाँच की मांग करते हुए मुस्लिमों ने गुजरात उच्च न्यायालय का किया रुख
    12 May 2022
    याचिका के मुताबिक पुलिस कथित तौर पर हिंदुओं और मुस्लिमों के द्वारा दायर की गई प्राथमिकियों पर जानबूझकर अलग-अलग तरीके से और दुर्भावनापूर्ण तरीके से जांच कर रही है।
  • abhisar
    न्यूज़क्लिक टीम
    शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !
    12 May 2022
    बोल के लब के आज़ाद हैं तेरे के इस एपिसोड में आज वरिष्ठ पत्रकार अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं खरगोन में मुस्लिम महिलाओं के रैली की जिसमे निर्दोष लोगो को रिहा करने की मांग की गई हैं।
  • अब्दुल अलीम जाफ़री
    योगी 2.0 का पहला बड़ा फैसला: लाभार्थियों को नहीं मिला 3 महीने से मुफ़्त राशन 
    12 May 2022
    पीएमजीकेएवाई ने भाजपा को विधानसभा चुनाव जीतने में मदद की थी।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License