NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नागा विवाद : ग़ुलाम भारत से लेकर आज़ाद भारत तक
भारत में अशांत क्षेत्र का ख्याल आते ही जितनी जल्दी से कश्मीर का ख्याल का आता है उतनी जल्दी नागालैंड ख्याल नहीं आता है। भारत की कल्पना में खुद को अलग-थलग महसूस करना नागा विवाद और विरोध का सबसे बड़ा कारण है।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
08 Nov 2019

भारत में अशांत क्षेत्र का ख्याल आते ही जितनी जल्दी से कश्मीर का ख्याल का आता है उतनी जल्दी नागालैंड ख्याल नहीं आता है। भारत की कल्पना में खुद को अलग-थलग महसूस करना नागा विवाद और विरोध का सबसे बड़ा कारण है। आसान शब्दों में ऐसे समझिये कि भारत का ख्याल आता ही जितनी जल्दी उत्तर भारत और दक्षिण भारत का ख्याल आता है उतनी जल्दी भारत के पूर्वी इलाको ख्याल नहीं आता है, यही नागाओं को अपनी पहचान की लड़ाई लड़ने के लिए मजबूर करता है। कई बार की बातचीत के बाद भी इस बार भी नागा शांति समझौता अपने अंतिम मुकाम तक नहीं पहुंच पाया। इस बात पर अड़ गया कि उसे अलग संविधान और झंडा चाहिए। आइये बहुत संक्षेप में नागा आंदोलन के इतिहास से रूबरू होते हैं।

Indo Naga Peace Talks
Coordination Committee on Manipur Integrity
RN Ravi
Manipur on Alert
Shutdown in Manipur
Naga National Political Groups
N Biren Singh
Naga Kuki Conflict
Naga Meitei Conflict
NSCN IM

Related Stories

गौमूत्र और गोबर पर की गई टिप्पणी राष्ट्र की सुरक्षा के लिए ख़तरा कैसे हो गई?

क्यों ख़त्म हो गई है भारत-नागा शांति प्रक्रिया?

आरएन रवि का नगालैंड का राज्यपाल बनने के मायने 


बाकी खबरें

  • आज का कार्टून
    आम आदमी जाए तो कहाँ जाए!
    05 May 2022
    महंगाई की मार भी गज़ब होती है। अगर महंगाई को नियंत्रित न किया जाए तो मार आम आदमी पर पड़ती है और अगर महंगाई को नियंत्रित करने की कोशिश की जाए तब भी मार आम आदमी पर पड़ती है।
  • एस एन साहू 
    श्रम मुद्दों पर भारतीय इतिहास और संविधान सभा के परिप्रेक्ष्य
    05 May 2022
    प्रगतिशील तरीके से श्रम मुद्दों को उठाने का भारत का रिकॉर्ड मई दिवस 1 मई,1891 को अंतरराष्ट्रीय श्रम दिवस के रूप में मनाए जाने की शुरूआत से पहले का है।
  • विजय विनीत
    मिड-डे मील में व्यवस्था के बाद कैंसर से जंग लड़ने वाले पूर्वांचल के जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल के साथ 'उम्मीदों की मौत'
    05 May 2022
    जांबाज़ पत्रकार पवन जायसवाल की प्राण रक्षा के लिए न मोदी-योगी सरकार आगे आई और न ही नौकरशाही। नतीजा, पत्रकार पवन जायसवाल के मौत की चीख़ बनारस के एक निजी अस्पताल में गूंजी और आंसू बहकर सामने आई।
  • सुकुमार मुरलीधरन
    भारतीय मीडिया : बेड़ियों में जकड़ा और जासूसी का शिकार
    05 May 2022
    विश्व प्रेस स्वतंत्रता दिवस पर भारतीय मीडिया पर लागू किए जा रहे नागवार नये नियमों और ख़ासकर डिजिटल डोमेन में उत्पन्न होने वाली चुनौतियों और अवसरों की एक जांच-पड़ताल।
  • ज़ाहिद ख़ान
    नौशाद : जिनके संगीत में मिट्टी की सुगंध और ज़िंदगी की शक्ल थी
    05 May 2022
    नौशाद, हिंदी सिनेमा के ऐसे जगमगाते सितारे हैं, जो अपने संगीत से आज भी दिलों को मुनव्वर करते हैं। नौशाद की पुण्यतिथि पर पेश है उनके जीवन और काम से जुड़ी बातें।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License