NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
नमो ऐप: आपका डाटा अब बीजेपी का चुनावी हथियार है
प्रधानमंत्री के ऐप ने उपयोगकर्ताओं को बताए बिना 22 प्रकार के डेटा एकत्र किए हैं।
प्रणेता झा
27 Mar 2018
Translated by महेश कुमार
नमो ऐप

भारतीयों के व्यक्तिगत आंकड़े ज्यादातर सभी को और विभिन्न क्षेत्रों में लीक किए जा रहे हैं।  और जब सत्तारूढ़ राजनीतिक दल खुद ही इकट्ठा किये और बेमानी नागरिकों के डेटा को विदेशी कंपनियों को भेज रहे है - जैसा कि 23 मार्च को फ्रांसीसी साइबर सुरक्षा शोधकर्ता द्वारा किये गए खुलासे में पाया गया – फिर इस सरकार से किसी उपाय उम्मीद करना बेमानी होगा।   

AltNews और NDTV द्वारा कम से कम दो अलग-अलग तथ्य की जांच ने पुष्टि की कि आधिकारिक नरेंद्र मोदी एंड्रॉइड एप्लिकेशन - जिसे लोकप्रिय तौर पर नमो ऐप के रूप में जाना जाता है – यह एप्प उपयोगकर्ता की व्यक्तिगत जानकारी को तीसरे पक्ष यानी डोमेन (in.wzrkt.com) को भेजता है जिसकी मालिक एक अमेरिकी कम्पनी क्लवरटैप है, जो बाज़ारियों की मदद करती है, "उपयोगकर्ताओं को पहचानने, उन्हें जोड़े रखने और बनाए रखने में मदद करती है।" और यह सब निश्चित तौर पर बिना सहमति के होता है।

भाजपा ने कहा कि "संदर्भ सामग्री" प्रदान करने के लिए, "गूगल ऐनालितिक्स के समान", केवल तृतीय-पक्ष सेवा का उपयोग करके डेटा का विश्लेषण किया जा रहा है।

नमो ऐप घोटाला हाल ही में कैम्ब्रिज एनालिटिका के पर्दाफाश में सामने आया है जिसमें दिखाया गया है कि यूके फर्म ने ट्रम्प अभियान में 'मनोचिकित्सक' विज्ञापनों को लक्षित करने के लिए फेसबुक का इस्तेमाल कैसे किया।

यह भी प्रकाश में आया कि फेसबुक ऐप उनकी अनुमति के बिना लोगों के कॉल और पाठ(टेक्स्ट) संदेशों के इतिहास को दर्ज कर रहा है। फेसबुक ने एक ब्लॉग पोस्ट के साथ इन रिपोर्टों क जवाब दिया कि कंपनी ने गुप्त रूप से कॉल डेटा एकत्रित किये है, और यह भी स्पष्ट किया है कि वह कभी भी डेटा नहीं बेचता है।

नमो एप डेटा को जब तीसरे पक्ष को भेजा जा सकता है जो इसका दुरुपयोग कर सकता है, आइये ज़रा इस पर विचार करें: अब भाजपा के पास 50 लाख उपयोगकर्ताओं के निजी डेटा (नामो एपी द्वारा उनकी सहमति के बिना प्राप्त) का भण्डारण है, जो इसे जैसे चाहे विश्लेषण और उसका उपयोग कर सकता है - असंतोषकों या अन्य लोगों को लक्षित करने के लिए अपने प्रसिद्ध पन्ना प्रधानों और बूथ प्रबंधन प्रणाली की स्थापना के जरिए।

खुलासे के एक दिन बाद, प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की वेबसाइट पर गोपनीयता नीति चुपचाप बदल दी गई थी। इससे पहले, गोपनीयता नीति में झूठ कहा था कि उपयोगकर्ता की "व्यक्तिगत जानकारी और संपर्क विवरण गोपनीय रहेगा" और यह "आपकी सहमति के बिना किसी भी तरह से तीसरे पक्ष को प्रदान नहीं किया जाएगा"।

जब पूरा घोटाले खुल कर सामने आ गया, उसे यह कह कर बदलने की कोशिश की गयी कि "सबसे अधिक प्रासंगिक सामग्री" की पेशकश करने के लिए "कुछ जानकारी तीसरी पार्टी सेवाओं से संसाधित हो सकती है", "अपनी रुचियों के अनुसार एक अनूठा, व्यक्तिगत अनुभव दे", "सामग्री दिखाएं अपनी भाषा में ", आदि।

कैमरे, माइक्रोफोन, फोटो, स्थान, संपर्क इत्यादि सहित आपके फ़ोन पर नमो ऐप के 22  डाटा  बिंदुओं तक पहुंच मिलती है। इसकी तुलना प्रधानमंत्री कार्यालय (पीएमओ इंडिया एप) के आधिकारिक ऐप से करें, जो उपयोगकर्ता के 14 डाटा अंक तक पहुंच सकता है।

एक रिपोर्ट सामने आई है कि हाल ही में, नेशनल कैडेट कोर (एन सी सी) के करीब 13 लाख छात्रों को नामांकित किया गया है, उन्हें अपने स्मार्टफोन पर "शीघ्र ही प्रधानमंत्री के साथ एक नियोजित बातचीत से पहले" नमो एप्प स्थापित करने के लिए कहा गया है। उनके मोबाइल नंबर और ईमेल आईडी भी एकत्र किए गए थे। इसलिए, सरकार का अदृश्य हाथ जनता का  मजबूती से मार्गदर्शन कर रहा है – खासकर युवा जो अनजाने में बीजेपी को अपना डेटा देने वाला बन गया है।

इससे पहले, एक फ्रेंच शोधकर्ता - जिसका नाम, कथित तौर पर, रॉबर्ट बैप्टिस्ट है, लेकिन ट्विटर पर इलियट एल्ड्सन के छद्म नाम से जाना जाता है – उसने आधार की संरचनाओं में सुरक्षा खामियों और कमजोरियों को उजागर किया था – जिसमें बायोमेट्रिक्स से जुड़ी विशिष्ट पहचान संख्या परियोजना आदि भी है। अतीत में यह कोई रहस्य नहीं हैं कि आधार संरचना से सक्षम कई डेटा उल्लंघनों के वाक्यात हुए हैं ।

इसके अलावा, नमो ऐप के खुलासे फेसबुक और कैंब्रिज एनालिटिका, एक ब्रिटिश विश्लेषिकी और राजनीतिक परामर्श फर्म के विवाद के मद्देनजर आते हैं जो अमेरिकी चुनाव परिणामों को प्रभावित करने के लिए लगभग 50 मिलियन अमरीकी लोगों का आंकड़ा तैयार करता है। ऐसे भी आरोप थे कि भारतीय चुनावों में भी यह दखल हो सकती थी, क्योंकि भाजपा और कांग्रेस ने ओवलोनो बिजनेस इंटेलिजेंस नाम की भागीदार कंपनी की सेवाओं का इस्तेमाल किया था।

नमो ऐप के खुलासे के बाद और कांग्रेस और बीजेपी में आपसी खींचतान तब हुयी जब एलोयथ एल्डसन ने बताया कि जब एक व्यक्ति ने आधिकारिक इनकंडिया ऐप में सदस्यता के लिए आवेदन किया था, तो व्यक्तिगत जानकारी को सिंगापुर में स्थित एक सर्वर पर भेजा गया था। हालांकि, कांग्रेस एप की गोपनीयता नीति स्पष्ट करती है कि जानकारी को विभिन्न प्रयोजनों के लिए तीसरे पक्ष के साथ साझा किया जा सकता है।

हाल ही में एक आरटीआई के जवाब में पता चला कि "रक्षा मंत्रालय द्वारा पहले ही एक निजी विक्रेता का इस्तेमाल किया गया हो सकता है, जो 50 लाख पूर्व सैनिकों के व्यक्तिगत आंकड़ों के साथ फूर हो गया सकता है"।

रिपोर्ट में कहा गया है कि निर्मला सीतारमण की अध्यक्षता में एमओडी का जवाब है कि, फेसबुक की नवीनतम रिपोर्टों के जरिए कई चिंताजनक सवाल उठते है जिसमें उपयोगकर्ताओं के डेटा को उनके मंच से समझौता किया जा सकता है।

नरेंद्र मोदी
भाजपा सरकार
नमो ऐप
आरटीआई
निर्मला सीतारमण

Related Stories

नारद के बाद, हनुमान का हुआ छत्तीसगढ़ के पत्रकारिता विश्वविद्यालय में प्रवेश

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

क्यों बिफरी मोदी सरकार राफेल सौदे के नाम पर?

अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

चुनाव से पहले उद्घाटनों की होड़

अमेरिकी सरकार हर रोज़ 121 बम गिराती हैः रिपोर्ट

जीएसटी ने छोटे व्यवसाय को बर्बाद कर दिया

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

छावनियों की सड़कें खोलने में निर्मला सीतारमण का कोई व्यक्तिगत स्वार्थ है?


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License