NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
नववर्ष पर तेलंगाना, आंध्र को अलग-अलग उच्च न्यायालय
आंध्र प्रदेश के विभाजन के साढ़े चार साल बाद दोनों तेलुगू राज्यों को अलग-अलग उच्च न्यायालय मिला है, जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी।
आईएएनएस
01 Jan 2019
फाइल फोटो

तेलंगाना और आंध्र प्रदेश को नववर्ष पर अलग-अलग उच्च न्यायालय मिले हैं, और मंगलवार को दोनों न्यायालयों के मुख्य न्यायाधीशों ने शपथ भी ले ली। पिछले सप्ताह राष्ट्रपति राम नाथ कोविंद द्वारा अधिसूचना जारी करने के बाद तेलंगाना के हैदराबाद और आंध्र प्रदेश के अमरावती में मंगलवार को इन राज्यों के उच्च न्यायालय कार्यशील हो गए। 

आंध्र प्रदेश के विभाजन के साढ़े चार साल बाद दोनों तेलुगू राज्यों को अलग-अलग उच्च न्यायालय मिला है, जिसकी लंबे समय से मांग की जा रही थी। 

न्यायाधीश चागरी प्रवीण कुमार ने मंगलवार को आंध्र प्रदेश के कार्यवाहक मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ ली।

दोनों राज्यों के राज्यपाल ई.एस.एल नरसिम्हन ने इंदिरा गांधी म्यूनिसिपल स्टेडियम में आयोजित एक समारोह में न्यायाधीश प्रवीण कुमार और 14 अन्य न्यायाधीशों को शपथ दिलाई।

समारोह में सर्वोच्च न्यायालय के न्यायाधीश एन.वी. रमण, मुख्यमंत्री एन. चंद्रबाबू नायडू, कई वकील और वरिष्ठ अधिकारी शामिल हुए। 

न्यायाधीश रमण ने बाद में मुख्यमंत्री के पुराने शिविर कार्यालय में आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के अस्थायी भवन का उद्घाटन किया।

इस महीने के अंत में, अदालत को सिटी कोर्ट कॉम्प्लेक्स में स्थानांतरित कर दिया जाएगा, जहां यह तबतक काम करेगा जबतक कि अमरावती में स्थायी इमारत के निर्माण का काम पूरा नहीं हो जाता। 

अनंतपुर जिले के रहने वाले न्यायाधीश प्रवीण कुमार, वरिष्ठ वकील सी. पद्मनाभ रेड्डी के बेटे हैं। साल 2012 में वह तत्कालीन आंध्र प्रदेश उच्च न्यायालय के न्यायाधीश बने थे। 

विजयवाड़ा पहुंचने से पहले राज्यपाल ने हैदराबाद के राजभवन में न्यायमूर्ति टी. भास्करन नायर राधाकृष्णन को तेलंगाना उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में शपथ दिलाई।

न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने बाद में तेलंगाना उच्च न्यायालय के 12 न्यायाधीशों को शपथ दिलाई। 

59
वर्षीय न्यायमूर्ति राधाकृष्णन ने कर्नाटक में कानून की पढ़ाई की है और पिछले साल जुलाई से तेलंगाना और आंध्र प्रदेश दोनों राज्यों के लिए हैदराबाद में न्यायपालिका के उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश के रूप में अपनी सेवा दे रहे थे।

दोनों राज्यों के संयुक्त उच्च न्यायालय में 3.4 लाख मामले लंबित रहे हैं, जिनमें से 70 प्रतिशत आंध्र प्रदेश से संबंधित हैं।

Telangana
Telangana high court
Andhra pradesh
Andhra pradesh high court

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

‘तेलंगाना की जनता बदलाव चाहती है’… हिंसा नहीं

तमिलनाडु, आंध्र प्रदेश के कुछ हिस्सों में 10-11 नवंबर को बहुत भारी बारिश की चेतावनी

‘माओवादी इलाकों में ज़िंदगी बंदूक की नाल पर टिकी होती है’

तेलंगाना की पहली सुपर थर्मल पावर परियोजना को हरी झंडी देने में अहम मुद्दों की अनदेखी?

कोविड-19: लॉकडाउन की मार से बुरी तरह से बेहाल ओला-उबर चालकों ने वित्तीय सहायता की मांग की है 

यूनियन ने कहा यूपी में चुनाव ड्यूटी पर 1621 की मौत, तेलंगाना में किसानों का प्रदर्शन और अन्य ख़बरें

आंध्र प्रदेश में चूना पत्थर की खदान में विस्फोट, 4 की मौत

कोविड-19 : अस्पतालों में भारी भीड़ों से तेलुगू सरकारें ख़ौफ़ में 

न्यायमूर्ति रमण होंगे अगले प्रधान न्यायाधीश


बाकी खबरें

  • hisab kitab
    न्यूज़क्लिक टीम
    लोगों की बदहाली को दबाने का हथियार मंदिर-मस्जिद मुद्दा
    20 May 2022
    एक तरफ भारत की बहुसंख्यक आबादी बेरोजगारी, महंगाई , पढाई, दवाई और जीवन के बुनियादी जरूरतों से हर रोज जूझ रही है और तभी अचनाक मंदिर मस्जिद का मसला सामने आकर खड़ा हो जाता है। जैसे कि ज्ञानवापी मस्जिद से…
  • अजय सिंह
    ‘धार्मिक भावनाएं’: असहमति की आवाज़ को दबाने का औज़ार
    20 May 2022
    मौजूदा निज़ामशाही में असहमति और विरोध के लिए जगह लगातार कम, और कम, होती जा रही है। ‘धार्मिक भावनाओं को चोट पहुंचाना’—यह ऐसा हथियार बन गया है, जिससे कभी भी किसी पर भी वार किया जा सकता है।
  • India ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेता
    20 May 2022
    India Ki Baat के दूसरे एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, भाषा सिंह और अभिसार शर्मा चर्चा कर रहे हैं ज्ञानवापी विवाद, मोदी सरकार के 8 साल और कांग्रेस का दामन छोड़ते नेताओं की। एक तरफ ज्ञानवापी के नाम…
  • gyanvapi
    न्यूज़क्लिक टीम
    पूजा स्थल कानून होने के बावजूद भी ज्ञानवापी विवाद कैसे?
    20 May 2022
    अचानक मंदिर - मस्जिद विवाद कैसे पैदा हो जाता है? ज्ञानवापी विवाद क्या है?पक्षकारों की मांग क्या है? कानून से लेकर अदालत का इस पर रुख क्या है? पूजा स्थल कानून क्या है? इस कानून के अपवाद क्या है?…
  • भाषा
    उच्चतम न्यायालय ने ज्ञानवापी दिवानी वाद वाराणसी जिला न्यायालय को स्थानांतरित किया
    20 May 2022
    सर्वोच्च न्यायालय ने जिला न्यायाधीश को सीपीसी के आदेश 7 के नियम 11 के तहत, मस्जिद समिति द्वारा दायर आवेदन पर पहले फैसला करने का निर्देश दिया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License