NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
न्यायालय ने प्रत्येक जिले में मानवाधिकार अदालतों के गठन के लिये याचिका पर केन्द्र से मांगा जवाब
प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कानून की छात्रा भाविका फोरे की याचिका पर केन्द्र और सभी 29 राज्यों को नोटिस जारी किये।

न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
09 Jul 2019
supreme court

उच्चतम न्यायालय ने मानव अधिकार संरक्षण कानून के तहत देश के प्रत्येक जिले में मानव अधिकार अदालत गठित करने का केन्द्र को निर्देश देने के लिये दायर याचिका पर सोमवार को केन्द्र से जवाब मांगा।

प्रधान न्यायाधीश रंजन गोगोई, न्यायमूर्ति दीपक गुप्ता और न्यायमूर्ति अनिरूद्ध बोस की पीठ ने कानून की छात्रा भाविका फोरे की याचिका पर केन्द्र और सभी 29 राज्यों को नोटिस जारी किये। याचिका में मानव अधिकार कानून के प्रावधानों के तहत मानव अधिकारों के हनन के मुकदमों की तीन महीने के भीतर तेजी से सुनवाई के लिये विशेष लोक अभियोजक नियुक्त करने का भी अनुरोध किया गया है। 

याचिका में कहा गया है कि केन्द्र को सभी 29 राज्यों और सात केन्द्र शासित प्रदेशों में 725 जिलों में समयबद्ध तरीके से मानव अधिकार अदालतें स्थापित करने के लिये पर्याप्त धन उपलब्ध कराने का निर्देश देने का भी अनुरोध किया गया है। इस छात्र ने सभी उच्च न्यायालयों के रजिस्ट्रार को भी इस बारे में निर्देश देने का अनुरोध किया है।

अधिवक्ता आकर्ष कामरा के माध्यम से दायर इस याचिका में कहा गया है कि केन्द्र और राज्यों को मानव अधिकार संरक्षण कानून की धारा 30 और 31 के प्रावधानों पर अमल करना चाहिए और इनका पालन करना चाहिए। 

इस कानून की धारा 30 के अनुसार राज्य सरकार संबंधित उच्च न्यायालय के मुख्य न्यायाधीश की सहमति से मानव अधिकारों के उल्लंघन से संबंधित मामलों की सुनवाई के लिये प्रत्येक जिले में मानव अधिकार अदालत विनिर्दिष्ट करेगी जबकि धारा 31 ऐसे मुकदमों की सुनवाई के लिये विशेष लोक अभियोजकों की नियुक्ति से संबंधित है।

याचिका में पिछले कुछ सालों मे देश में हिरासत में मौतों का जिक्र करते हुये कहा गया कि राष्ट्रीय मानव अधिकार आयोग के रिकार्ड के अनुसार 2001 से 2010 के दौरान 14,231 व्यक्तियों को पुलिस और न्यायिक हिरासत में मौत हुयी। इनमें से 12,727 मौते न्यायिक हिरासत में हुयीं जो सीधे-सीधे हिरासत में यातनाओं का नतीजा है।

याचिका में कहा गया है कि सांविधानिक न्यायालयों का यह दायित्व है कि वे व्यक्ति की स्वतंत्रता के अधिकार की रक्षा करें क्योंकि किसी भी व्यक्ति का सम्माान जनक अस्तित्व उसकी स्वतंत्रता से जुड़ा हुआ है।

 (भाषा के इनपुट के साथ) 

 

Supreme Court
national human rights commission
human rights in india
human rights court in district

Related Stories

ज्ञानवापी मस्जिद के ख़िलाफ़ दाख़िल सभी याचिकाएं एक दूसरे की कॉपी-पेस्ट!

आर्य समाज द्वारा जारी विवाह प्रमाणपत्र क़ानूनी मान्य नहीं: सुप्रीम कोर्ट

समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल

मायके और ससुराल दोनों घरों में महिलाओं को रहने का पूरा अधिकार

जब "आतंक" पर क्लीनचिट, तो उमर खालिद जेल में क्यों ?

विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक

सुप्रीम कोर्ट का ऐतिहासिक आदेश : सेक्स वर्कर्स भी सम्मान की हकदार, सेक्स वर्क भी एक पेशा

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

मलियाना कांडः 72 मौतें, क्रूर व्यवस्था से न्याय की आस हारते 35 साल

क्या ज्ञानवापी के बाद ख़त्म हो जाएगा मंदिर-मस्जिद का विवाद?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: अभी नहीं चौथी लहर की संभावना, फिर भी सावधानी बरतने की ज़रूरत
    14 May 2022
    देश में आज चौथे दिन भी कोरोना के 2,800 से ज़्यादा मामले सामने आए हैं। आईआईटी कानपूर के वरिष्ठ वैज्ञानिक प्रो. मणींद्र अग्रवाल कहा है कि फिलहाल देश में कोरोना की चौथी लहर आने की संभावना नहीं है।
  • afghanistan
    पीपल्स डिस्पैच
    भोजन की भारी क़िल्लत का सामना कर रहे दो करोड़ अफ़ग़ानी : आईपीसी
    14 May 2022
    आईपीसी की पड़ताल में कहा गया है, "लक्ष्य है कि मानवीय खाद्य सहायता 38% आबादी तक पहुंचाई जाये, लेकिन अब भी तक़रीबन दो करोड़ लोग उच्च स्तर की ज़बरदस्त खाद्य असुरक्षा का सामना कर रहे हैं। यह संख्या देश…
  • mundka
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड : 27 लोगों की मौत, लेकिन सवाल यही इसका ज़िम्मेदार कौन?
    14 May 2022
    मुंडका स्थित इमारत में लगी आग तो बुझ गई है। लेकिन सवाल बरकरार है कि इन बढ़ती घटनाओं की ज़िम्मेदारी कब तय होगी? दिल्ली में बीते दिनों कई फैक्ट्रियों और कार्यस्थलों में आग लग रही है, जिसमें कई मज़दूरों ने…
  • राज कुमार
    ऑनलाइन सेवाओं में धोखाधड़ी से कैसे बचें?
    14 May 2022
    कंपनियां आपको लालच देती हैं और फंसाने की कोशिश करती हैं। उदाहरण के तौर पर कहेंगी कि आपके लिए ऑफर है, आपको कैशबैक मिलेगा, रेट बहुत कम बताए जाएंगे और आपको बार-बार फोन करके प्रेरित किया जाएगा और दबाव…
  • India ki Baat
    बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून
    13 May 2022
    न्यूज़क्लिक के नए प्रोग्राम इंडिया की बात के पहले एपिसोड में अभिसार शर्मा, भाषा सिंह और उर्मिलेश चर्चा कर रहे हैं बुलडोज़र की राजनीति, ज्ञानवापी प्रकरण और राजद्रोह कानून की। आखिर क्यों सरकार अड़ी हुई…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License