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भारत
राजनीति
न्यायमूर्ति ताहिलरमानी के स्थानांतरण को सामान्य नहीं माना जा सकता : बृंदा करात
‘इस स्तर पर बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह न केवल उनके लिए बल्कि कुल मिलाकर महिलाओं के लिए निंदाजनक बल्कि अपमानजनक भी है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Sep 2019
brinda
Image courtesy:PTI

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश विजया ताहिलरमानी के स्थानांतरण और उसके बाद इस्तीफ़े पर हैरानी जताते हुए शनिवार को कहा कि यह “अपमानजनक” है और इसे सामान्य नहीं माना जा सकता।

आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने ताहिलरमानी का स्थानांतरण मद्रास उच्च न्यायालय से मेघालय उच्च न्यायालय में कर दिया था जिसके बाद शुक्रवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। ताहिलरमानी ने इससे पहले कोलेजियम से स्थानांतरण के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसे दो दिन पहले अस्वीकार कर दिया गया।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता बृंदा ने कहा, ‘‘मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विजया ताहिलरमानी का मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण और उसके बाद उनके कथित इस्तीफ़े की ख़बर परेशान और स्तब्ध करने वाली है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इस स्तर पर बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह न केवल उनके लिए बल्कि कुल मिलाकर महिलाओं के लिए निंदाजनक बल्कि अपमानजनक भी है।’’

माकपा नेता ने कहा कि ताहिलरमानी का साफ़-सुथरा रिकॉर्ड रहा है और वह उच्च न्यायालय के अधिकतर न्यायाधीशों में वरिष्ठ हैं। 

बृंदा ने कहा, ‘‘ 75 न्यायाधीशों वाली अदालत से मेघालय जहां पर केवल दो न्यायाधीश हैं स्थानांतरण करना सामान्य नहीं माना सकता और यह एक तरह से डिमोशन (पदावनति) है। इस घटना से एक बार फिर असंतोषजनक और ग़ैर पारदर्शी न्यायिक नियुक्ति और स्थानातंरण व्यवस्था रेखांकित हुई है।’’ 

उल्लेखनीय है कि प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाले कोलेजियम ने ताहिलरमानी को मद्रास उच्च न्यायालय से मेघालय उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की अनुशंसा की। पिछले साल आठ अगस्त को ही उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद पर पदोन्नति दी गई थी।

Justice Tahilramani
CPM
Madras High Court
Chief Justice VK Tahilramani resigns

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