NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
न्यायमूर्ति ताहिलरमानी के स्थानांतरण को सामान्य नहीं माना जा सकता : बृंदा करात
‘इस स्तर पर बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह न केवल उनके लिए बल्कि कुल मिलाकर महिलाओं के लिए निंदाजनक बल्कि अपमानजनक भी है।’’
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
07 Sep 2019
brinda
Image courtesy:PTI

माकपा पोलित ब्यूरो सदस्य बृंदा करात ने मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायधीश विजया ताहिलरमानी के स्थानांतरण और उसके बाद इस्तीफ़े पर हैरानी जताते हुए शनिवार को कहा कि यह “अपमानजनक” है और इसे सामान्य नहीं माना जा सकता।

आपको बता दें कि उच्चतम न्यायालय के कोलेजियम ने ताहिलरमानी का स्थानांतरण मद्रास उच्च न्यायालय से मेघालय उच्च न्यायालय में कर दिया था जिसके बाद शुक्रवार को उन्होंने अपने पद से इस्तीफ़ा दे दिया था। ताहिलरमानी ने इससे पहले कोलेजियम से स्थानांतरण के फैसले पर पुनर्विचार करने का अनुरोध किया था जिसे दो दिन पहले अस्वीकार कर दिया गया।

मार्क्सवादी कम्युनिस्ट पार्टी (माकपा) नेता बृंदा ने कहा, ‘‘मद्रास उच्च न्यायालय की मुख्य न्यायाधीश विजया ताहिलरमानी का मेघालय उच्च न्यायालय में स्थानांतरण और उसके बाद उनके कथित इस्तीफ़े की ख़बर परेशान और स्तब्ध करने वाली है।’’ 

उन्होंने कहा, ‘‘इस स्तर पर बहुत कम महिला न्यायाधीश हैं और उनके साथ जिस तरह का व्यवहार किया गया वह न केवल उनके लिए बल्कि कुल मिलाकर महिलाओं के लिए निंदाजनक बल्कि अपमानजनक भी है।’’

माकपा नेता ने कहा कि ताहिलरमानी का साफ़-सुथरा रिकॉर्ड रहा है और वह उच्च न्यायालय के अधिकतर न्यायाधीशों में वरिष्ठ हैं। 

बृंदा ने कहा, ‘‘ 75 न्यायाधीशों वाली अदालत से मेघालय जहां पर केवल दो न्यायाधीश हैं स्थानांतरण करना सामान्य नहीं माना सकता और यह एक तरह से डिमोशन (पदावनति) है। इस घटना से एक बार फिर असंतोषजनक और ग़ैर पारदर्शी न्यायिक नियुक्ति और स्थानातंरण व्यवस्था रेखांकित हुई है।’’ 

उल्लेखनीय है कि प्रधान न्यायाधीश के नेतृत्व वाले कोलेजियम ने ताहिलरमानी को मद्रास उच्च न्यायालय से मेघालय उच्च न्यायालय स्थानांतरित करने की अनुशंसा की। पिछले साल आठ अगस्त को ही उन्हें मुख्य न्यायाधीश पद पर पदोन्नति दी गई थी।

Justice Tahilramani
CPM
Madras High Court
Chief Justice VK Tahilramani resigns

Related Stories

देशव्यापी हड़ताल को मिला कलाकारों का समर्थन, इप्टा ने दिखाया सरकारी 'मकड़जाल'

ट्रांसजेंडर लोगों के समावेश पर बनाए गए मॉड्यूल को वापस लेने पर मद्रास हाई कोर्ट ने सीबीएसई को फटकार लगाई

सवालों से घिरा उत्तर प्रदेश: प्रियंका और सुभाषिनी ने दी योगी सरकार को चुनौती

स्टरलाइट विरोधी प्रदर्शन के दौरान हुई हत्याओं की जांच में अब तक कोई गिरफ़्तारी नहीं

LGBTQIA+ समुदाय की सुरक्षा, पीएम का संबोधन और अन्य ख़बरें

बिहार : पंचयती चुनाव टले लेकिन पंचायतों की ज़िम्मेदारी अधिकारियों को सौंप जाने को लेकर विपक्ष का विरोध

प्रमुख विपक्षी नेताओं ने प्रधानमंत्री से कहा: सभी स्रोतों से टीका खरीदा जाए, सेंट्रल विस्टा को रोका जाए

वाम दलों ने केरल की जीत पर जहाँ ख़ुशी ज़ाहिर की, वही बंगाल की हार को लेकर करेगी मंथन

केरल जनादेश : विकास और सकारात्मक विचारधारा ही वाम की सत्ता वापसी का बना कारण

माकपा और भाकपा ने कोरोना संक्रमण की स्थिति को लेकर केंद्र पर निशाना साधा


बाकी खबरें

  • अनिल अंशुमन
    झारखंड : नफ़रत और कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध लेखक-कलाकारों का सम्मलेन! 
    12 May 2022
    दो दिवसीय सम्मलेन के विभिन्न सत्रों में आयोजित हुए विमर्शों के माध्यम से कॉर्पोरेट संस्कृति के विरुद्ध जन संस्कृति के हस्तक्षेप को कारगर व धारदार बनाने के साथ-साथ झारखंड की भाषा-संस्कृति व “अखड़ा-…
  • विजय विनीत
    अयोध्या के बाबरी मस्जिद विवाद की शक्ल अख़्तियार करेगा बनारस का ज्ञानवापी मस्जिद का मुद्दा?
    12 May 2022
    वाराणसी के ज्ञानवापी प्रकरण में सिविल जज (सीनियर डिविजन) ने लगातार दो दिनों की बहस के बाद कड़ी सुरक्षा के बीच गुरुवार को फैसला सुनाते हुए कहा कि अधिवक्ता कमिश्नर नहीं बदले जाएंगे। उत्तर प्रदेश के…
  • राज वाल्मीकि
    #Stop Killing Us : सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन का मैला प्रथा के ख़िलाफ़ अभियान
    12 May 2022
    सफ़ाई कर्मचारी आंदोलन पिछले 35 सालों से मैला प्रथा उन्मूलन और सफ़ाई कर्मचारियों की सीवर-सेप्टिक टैंको में हो रही मौतों को रोकने और सफ़ाई कर्मचारियों की मुक्ति तथा पुनर्वास के मुहिम में लगा है। एक्शन-…
  • पीपल्स डिस्पैच
    अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की
    12 May 2022
    अल जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह (51) की इज़रायली सुरक्षाबलों ने उस वक़्त हत्या कर दी, जब वे क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक स्थित जेनिन शरणार्थी कैंप में इज़रायली सेना द्वारा की जा रही छापेमारी की…
  • बी. सिवरामन
    श्रीलंकाई संकट के समय, क्या कूटनीतिक भूल कर रहा है भारत?
    12 May 2022
    श्रीलंका में सेना की तैनाती के बावजूद 10 मई को कोलंबो में विरोध प्रदर्शन जारी रहा। 11 मई की सुबह भी संसद के सामने विरोध प्रदर्शन हुआ है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License