NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
कोविड-19
शिक्षा
भारत
राजनीति
दिल्ली : याचिका का दावा- स्कूलों से अनुपस्थित हैं 40,000 शिक्षक, कोविड संबंधी ज़िम्मेदारियों में किया गया नियुक्त
याचिका जाने-माने आरटीई कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल के ज़रिए लगाई गई है। याचिका में दावा किया गया है कि शिक्षण निदेशालय में पदस्थ 57,000 शिक्षकों में से 70 फ़ीसदी स्कूली सेवाओं के लिए उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि अप्रैल, 2020 से उन्हें डिवीज़नल कमिश्नर में आपदा प्रबंधन के काम लगाया गया है।
रवि कौशल
08 Oct 2021
teacher
Image courtesy : The Indian Express

दिल्ली उच्च न्यायालय में सोशल जूरिस्ट द्वारा लगाई गई एक याचिका में दावा किया गया है कि 39,000 शिक्षक स्कूलों से अनुपस्थित हैं और उन्हें कोरोना प्रबंधन के कामों को करने के लिए सब डिवीज़नल मजिस्ट्रेट के ऑफ़िस में लगाया गया है। बता दें सोशल जूरिस्ट शिक्षा के अधिकार के लक्ष्यों की पूर्ति की दिशा में काम करने वाला संगठन है। यह याचिका संगठन ने जाने-माने आरटीई कार्यकर्ता और वरिष्ठ वकील अशोक अग्रवाल के ज़रिए लगवाई है। याचिका में कहा गया कि कुल 57,000 शिक्षकों मे से 70 फ़ीसदी से ज़्यादा स्कूल की सेवा में उपलब्ध नहीं हैं, क्योंकि अप्रैल, 2020 के बाद उन्हें आपदा प्रबंधन के लिए डिवीज़नल कमिश्नर के साथ लगा दिया गया है। इसके बाद से ही उन्हें वापस स्कूलों में शिक्षा संबंधी कार्यों के लिए नहीं छोड़ा गया है। यही स्थिति दिल्ली में एमसीडी (दिल्ली नगर निगम) द्वारा चलाए जा रहे स्कूलों में है, जहां 8 लाख छात्र प्राथमिक कक्षाओं में पढ़ते हैं।

शिक्षा निदेशालय, क्षेत्रीय आयुक्त, दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण के बीच हुई बातचीत से पता चलता है कि शिक्षकों को दी गई जिम्मेदारियों से उन्हें वापस अपने मूल काम में लगाने के लिए बमुश्किल ही कोई सहमति बनी है। शिक्षा निदेशक उदित प्रकाश राय ने DDMA (डिवीज़नल कमिश्नर) को लिखे अपने खत में कहा, "सीबीएसई की 10वीं और 12वीं के लिए परीक्षाएं नवंबर में होनी हैं। इसके लिए 9वीं से लेकर 12वीं तक के शिक्षकों की सेवाएं जरूरी हैं, ताकि छात्रों को मध्य सत्र और प्री-बोर्ड व बोर्ड परीक्षाओं के लिए तैयार किया जा सके। संबंधित कक्षाओं के कई छात्र अब भी जिला प्रशासन के साथ कोविड संबंधी जिम्मेदारियों पर काम कर रहे हैं, इससे अकादमिक गतिविधियां और छात्रों की बोर्ड परीक्षाओं की तैयारियां प्रभावित हो रही हैं। इससे नतीज़ों और छात्रों के भविष्य पर प्रतिकूल प्रभाव पड़ सकता है।"

शिक्षकों ने न्यूज़क्लिक से पुष्ट करते हुए कहा है कि वे अब भी खुद को कोविड संबंधी कर्तव्यों से हटाए जाने के आदेश का इंतज़ार कर रहे हैं। जबकि इस संबंध में अपील भी की जा चुकी है। 

दिल्ली सरकार में नौकरी करने वाले एक शिक्षक ने न्यूज़ क्लिक को बताया कि शिक्षकों का प्रशिक्षण प्राथमिक तौर पर शिक्षण कार्य के लिेए हुआ है, ना कि जनसंख्या, भीड़ प्रबंधन और दूसरे तरह के प्रशासनिक कार्यों को संभालने के लिए। कोविड प्रबंधन के काम ने छात्रों की शिक्षा पर बहुत प्रतिकूल प्रभाव डाला है। उन्होंने कहा, "स्कूल देखे हुए हमें लगभग दो साल होने को हैं। पहले हमें शहर छोड़कर जाने वाले प्रवासी कामग़ारों के लिए सुविधा कार्यों में लगाया गया। अब कुछ लोगों को एसडीएम ऑफ़िस में लगा रखा है। बात यह है कि हम ऐसे कामों के लिए प्रशिक्षित नहीं हैं। हमें कोविड प्रोटोकाल का पालन ना करने वाले लोगों का चालान करने के लिए चालान पुस्तिका दी गई है। दशहरा पास है, फिर हमें भीड़ को नियंत्रित करने का काम दिया जाएगा। यह पुलिस का काम होना चाहिए।"

जब हमने पूछा कि क्या इससे अध्ययन प्रभावित होता है, तो शिक्षक ने कहा, "बिल्कुल इससे अध्ययन प्रभावित होता है। शिक्षक ऑनलाइन पढ़ाते हैं और हर कक्षा में उपस्थित होते हैं। लेकिन उन पर बहुत ज़्यादा काम का दबाव है, जिससे उनकी कार्यकुशलता प्रभावित हो रही है। एक शिक्षक जिसे तीन कक्षाएं लेनी होती थीं, अब वह 7 कक्षाएं ले रहा है। इतने दबाव के साथ वह कैसे पढ़ाएगा।" शिक्षक ने जोर देकर कहा कि जिला प्रशासन शिक्षकों को छोड़ना नहीं चाहता, क्योंकि उन्हें अच्छे से काम आता है। नए लोगों को काम पर लाने से काम कुछ दिन के लिए पूरी तरह रुक जाएगा। 

अपना नाम ना छापने की शर्त पर एक प्रशिक्षक शिक्षक ने बताया कि दूसरे कामों में फंसे होने पर शिक्षकों की प्राथमिकताएं बदल जाती हैं। कुछ शिक्षक परेशान होकर कक्षाओं में वापस लौट आए हैं, क्योंकि वे अपने छात्रों से जुड़े हुए हैं। उन्होंने कहा, "ऑनलाइन क्लास हो रही हैं, लेकिन वे पर्याप्त नहीं हैं। कई छात्रों के पास इन कक्षाओं में शामिल होने के लिए मोबाइल फोन नहीं हैं। एक प्रशिक्षण शिक्षक होने के नाते मैं दूसरे शिक्षकों से छात्रों से जुड़कर उनकी समस्याओं को समझने के लिए कहता हूं। लेकिन ऑनलाइन माध्यम ही अपने आप में एक बाधा है। एसडीएस शिक्षकों को छोड़ना नहीं चाहते, क्योंकि वे अपने काम में रुढ़ीवादी हैं और उन्हें तीसरी लहर का डर है।" 

दिल्ली सरकारी शिक्षक संगठन के अध्यक्ष अजय वीर यादव कहते हैं कि आठ जिला कार्यालयों में अलग-अलग कामों में हज़ारों शिक्षकों को नियुक्त किया गया है। सरकार को खुद इस मुद्दे को समझना चाहिए था। उन्होंने कहा, "यह शर्म की बात है कि दिल्ली सरकार को अब छात्रों व शिक्षकों की परेशानी जानने के लिए जनहित याचिका की जरूरत पड़ रही है। उन्होंने हमें सिर्फ़ काम करने वाला मानकर छोड़ दिया है, जिससे कोई भी काम करवाया जा सकता है। शिक्षक होने की हमारी सामाजिक प्रतिष्ठा अब ख़त्म हो चुकी है।"

इस लेख को मूल अंग्रेज़ी में पढ़ने के लिए नीचे दिए लिंक पर क्लिक करें।

Nearly 40,000 Teachers Absent from Schools, Deputed on COVID Duties in Delhi, Claims Petition

Social Jurist
Delhi High court
Delhi Disaster Management Authority
Municipal Corporation of Delhi
COVID-19
Ashok Agarwal
Lockdown

Related Stories

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना ने फिर पकड़ी रफ़्तार, 24 घंटों में 4,518 दर्ज़ किए गए 

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 84 दिन बाद 4 हज़ार से ज़्यादा नए मामले दर्ज 

कोरोना अपडेट: देश में कोरोना के मामलों में 35 फ़ीसदी की बढ़ोतरी, 24 घंटों में दर्ज हुए 3,712 मामले 

कोरोना अपडेट: देश में नए मामलों में करीब 16 फ़ीसदी की गिरावट

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में कोरोना के 2,706 नए मामले, 25 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 2,685 नए मामले दर्ज

कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत

कोरोना अपडेट: केरल, महाराष्ट्र और दिल्ली में फिर से बढ़ रहा कोरोना का ख़तरा

महामारी में लोग झेल रहे थे दर्द, बंपर कमाई करती रहीं- फार्मा, ऑयल और टेक्नोलोजी की कंपनियां


बाकी खबरें

  • CARTOON
    आज का कार्टून
    प्रधानमंत्री जी... पक्का ये भाषण राजनीतिक नहीं था?
    27 Apr 2022
    मुख्यमंत्रियों संग संवाद करते हुए प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने राज्य सरकारों से पेट्रोल-डीज़ल के दामों पर टैक्स कम करने की बात कही।
  • JAHANGEERPURI
    नाज़मा ख़ान
    जहांगीरपुरी— बुलडोज़र ने तो ज़िंदगी की पटरी ही ध्वस्त कर दी
    27 Apr 2022
    अकबरी को देने के लिए मेरे पास कुछ नहीं था न ही ये विश्वास कि सब ठीक हो जाएगा और न ही ये कि मैं उनको मुआवज़ा दिलाने की हैसियत रखती हूं। मुझे उनकी डबडबाई आँखों से नज़र चुरा कर चले जाना था।
  • बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    बिहारः महिलाओं की बेहतर सुरक्षा के लिए वाहनों में वीएलटीडी व इमरजेंसी बटन की व्यवस्था
    27 Apr 2022
    वाहनों में महिलाओं को बेहतर सुरक्षा देने के उद्देश्य से निर्भया सेफ्टी मॉडल तैयार किया गया है। इस ख़ास मॉडल से सार्वजनिक वाहनों से यात्रा करने वाली महिलाओं की सुरक्षा व्यवस्था बेहतर होगी।
  • श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    प्रभात पटनायक
    श्रीलंका का आर्थिक संकट : असली दोषी कौन?
    27 Apr 2022
    श्रीलंका के संकट की सारी की सारी व्याख्याओं की समस्या यह है कि उनमें, श्रीलंका के संकट को भड़काने में नवउदारवाद की भूमिका को पूरी तरह से अनदेखा ही कर दिया जाता है।
  • israel
    एम के भद्रकुमार
    अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात
    27 Apr 2022
    रविवार को इज़राइली प्रधानमंत्री नफ्ताली बेनेट के साथ जो बाइडेन की फोन पर हुई बातचीत के गहरे मायने हैं।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License