NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
भारत
राजनीति
वार्ताकारों ने किया शाहीन बाग़ का दौरा, कोर्ट का आदेश सुनाकर आंदोलनकारियों की बात सुनी
धरना स्थल पर वार्ताकारों ने कहा, "हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं। हम सबकी बात सुनेंगे", जिसके बाद कई महिला प्रदर्शनकारियों ने उनके सामने अपनी बात रखी। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
19 Feb 2020
shaheen Bagh

शाहीन बाग़ (दिल्ली) : सुप्रीम कोर्ट द्वारा नियुक्त दो वार्ताकारों ने बुधवार को आंदोलनकारियों से बातचीत शुरू करने के लिये बुधवार को शाहीन बाग़ का दौरा किया। उन्होंने प्रदर्शनकारियों से कहा कि उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के उनके अधिकार को बरकरार रखा है, लेकिन इससे अन्य नागरिकों के अधिकारों पर प्रभाव नहीं पड़ना चाहिये।

उच्चतम न्यायालय ने अधिवक्ता साधना रामचंद्रन और वरिष्ठ वकील संजय हेगड़े को वार्ताकार नियुक्त किया है। इसके साथ ही कोर्ट ने पूर्व मुख्य सूचना आयुक्त और राष्ट्रीय अल्पसंख्यक आयोग के अध्यक्ष रहे वजाहत हबीबुल्लाह और चंद्रशेखर आज़ाद को इस दौरान वार्ताकारों की मदद के लिए नियुक्त किया है। हालांकि हबीबुल्लाह वार्ताकारों के जाने के बाद धरना स्थल पर पहुंचे।

साधना रामचंद्रन ने प्रदर्शनस्थल पर बड़ी संख्या में जमा लोगों से कहा, ''उच्चतम न्यायालय ने प्रदर्शन करने के आपके अधिकार को बरकरार रखा है। लेकिन अन्य नागरिकों के भी अधिकार हैं, जिन्हें बरकरार रखा जाना चाहिये।''
उन्होंने कहा, ''हम मिलकर समस्या का हल ढूंढना चाहते हैं। हम सबकी बात सुनेंगे।''

इससे पहले हेगड़े ने प्रदर्शनकारियों को उच्चतम न्यायालय के आदेश के बारे में बताया। रामचंद्रन ने उसका हिंदी में अनुवाद किया।

FINal.00_02_56_12.Still001.jpg

प्रदर्शनकारी नये संशोधित नागरिकता कानून को लेकर बीते दो महीने से धरने पर बैठे हैं।

धरना स्थल पर कोर्ट का आदेश सुनाने के बाद दोनों वार्ताकारों ने कहा कि आज हम आपको सुनना चाहते हैं, जिसके बाद कई महिला प्रदर्शनकारियों ने उनके सामने अपनी बात रखी। धरने में शामिल कई बुजर्ग महिलाओं, जिन्हें अब सब दादी कहकर पुकारते हैं, उनमें से एक ने वार्ताकारों से कहा कि पहले ये कानून ख़त्म होगा, उसी के बाद उनका धरना हटेगा। इसके अलावा उन्होंने ये भी कहा कि अगर हम एक तरफ़ की रोड भी खोल दें तो फिर सुरक्षा का जिम्मा कौन लेगा, जबकि यहां गोलीबारी तक हो चुकी है। 

एक अन्य प्रदर्शनकारी महिला ने कहा कि वे यहां शांतिपूर्ण धरना आंदोलन पर बैठी हैं, लेकिन उनके बारे में मीडिया और सरकार में शामिल लोगों द्वारा तरह-तरह की सांप्रदायिक और बेहूदा बातें की जा रही हैं। 

आपको बता दें कि सीएए के ख़िलाफ़ शाहीन बाग में चल रहे प्रदर्शनों के कारण सड़कें अवरूद्ध होने को लेकर दायर की गई याचिकाओं की सुनवाई करते हुए 17 फरवरी को न्यायमूर्ति एस के कौल और न्यायमूर्ति के एम जोसेफ की पीठ ने वरिष्ठ अधिवक्ता संजय हेगड़े और वकील साधना रामचंद्रन को प्रदर्शनकारियों से बात करने और उन्हें ऐसे वैकल्पिक स्थल पर जाने के लिए राजी करने को कहा था, जहां कोई सार्वजनिक स्थान अवरुद्ध न हो। 

अदालत ने दिल्ली सरकार, दिल्ली पुलिस और केंद्र सरकार से प्रदर्शनकारियों को हटाने के ऑप्शन पर चर्चा करने और उनसे बात करने को कहा है।

पीठ ने कहा कि लोगों को प्रदर्शन करने का बुनियादी अधिकार है लेकिन जो बात हमें परेशान कर रही है, वह सार्वजनिक सड़कों का अवरूद्ध होना है।

उधर, कई प्रदर्शनकारियों ने इस दावे का विरोध किया है कि उनके धरने से बड़ी संख्या में मुसाफिरों को परेशानी हो रही है। प्रदर्शनकारियों ने कहा कि दक्षिण पूर्वी दिल्ली स्थित शाहीन बाग-कालिंदी कुंज मार्ग का इस्तेमाल सिर्फ कुछ यात्री ही करते हैं, उनमें भी ज्यादातर लोग जामिया नगर और ओखला के होते हैं। वे प्रदर्शन के लिए इस स्थल का इस्तेमाल करने के लिए सहमत हैं।

शाहीन बाग प्रदर्शन में नियमित तौर पर हिस्सा लेने वाले प्रिंटिंग प्रेस के मालिक हफीज सईद ने कहा, ‘‘दिसंबर में जब शाहीन बाग में प्रदर्शन शुरू हुआ, तो निवासियों ने सबसे पहले इसके लिए जगह पर चर्चा की। जब महिलाओं के बैठने और विरोध करने के लिए शेड लगाया गया, तो पूरे इलाके के दुकानदार उस जगह को देने के लिए तैयार हो गए।’’

उन्होंने कहा कि पुलिसकर्मी भी कई बार प्रदर्शन स्थल आए और कोई आपत्ति नहीं जताई और कहा कि ‘यह शांतिपूर्ण प्रदर्शन है।’

सईद ने दावा किया, ‘‘जब केंद्र सरकार ने आरोप लगाया कि इन प्रदर्शनों को कांग्रेस और ‘आप’ प्रायोजित कर रहे हैं तो पुलिस ने इसे अवरोध के तौर पर देखना शुरू किया।’’

प्रदर्शनकारी शाहीदा शेख ने कहा, ‘‘हम 30 साल से शाहीन बाग में रह रहे हैं। कालिंदी कुंज की सड़क का इस्तेमाल मुख्यत: शाहीन बाग, जामिया नगर, अबू फजल एन्क्लेव और ओखला के लोग करते हैं।’’

उन्होंने कहा कि नोएडा जाने वाले यात्री साथ लगे दूसरे हाईवे का इस्तेमाल करते हैं। उन्होंने कहा कि जब साथ में लगी दूसरा हाईवे है और साथ ही इस सड़क को छोड़कर शाहीन बाग की सभी लेन खुली हैं, तो फिर आवेदनकर्ता इसी लेन सड़क से क्यों जाना चाहते हैं?

(समाचार एजेंसी भाषा के इनपुट के साथ)

Shaheen Bagh
CAA
NRC
Protest against CAA
Protest against NRC
Supreme Court

Related Stories

शाहीन बाग से खरगोन : मुस्लिम महिलाओं का शांतिपूर्ण संघर्ष !

CAA आंदोलनकारियों को फिर निशाना बनाती यूपी सरकार, प्रदर्शनकारी बोले- बिना दोषी साबित हुए अपराधियों सा सुलूक किया जा रहा

लंबे संघर्ष के बाद आंगनवाड़ी कार्यकर्ता व सहायक को मिला ग्रेच्युटी का हक़, यूनियन ने बताया ऐतिहासिक निर्णय

देश बड़े छात्र-युवा उभार और राष्ट्रीय आंदोलन की ओर बढ़ रहा है

जानिए: अस्पताल छोड़कर सड़कों पर क्यों उतर आए भारतीय डॉक्टर्स?

सुप्रीम कोर्ट को दिखाने के लिए बैरिकेड हटा रही है सरकार: संयुक्त किसान मोर्चा

बाहरी साज़िशों और अंदरूनी चुनौतियों से जूझता किसान आंदोलन अपनी शोकांतिका (obituary) लिखने वालों को फिर निराश करेगा

लखीमपुर खीरी : किसान-आंदोलन की यात्रा का अहम मोड़

अगर मामला कोर्ट में है, तब क्या उसके विरोध का अधिकार खत्म हो जाता है? 

कार्टून क्लिक: किसानों का गला किसने घोंटा!


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License