NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
अपराध
उत्पीड़न
कानून
समाज
भारत
राजनीति
बल्लभगढ़ हत्याकांड: क्या जांच को गुमराह करने के लिए ‘लव जिहाद’ का एंगल लाया गया है?
निकिता तोमर हत्याकांड में लड़की के परिजन समेत हरियाणा सरकार भी आरोपी पर लव जिहाद के आरोप लगा रही है। जबकि मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस इसे बदले की कार्रवाई बता रही है।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
29 Oct 2020
Image Courtesy:  Social Media

दिन-दहाड़े सड़क पर चल रही एक लड़की की हत्या हो जाती है। आरोपी सरेआम गोली मार कर फरार हो जाता है। वहां मौजूद लोग नज़रे चुराकर अपने-अपने रास्ते को निकल लेते हैं। और फिर हत्या का एंगल निकाला जाता है ‘लव जिहाद’, जी हां वहीं लव जिहाद जो सरकार के मुताबिक कानून के तहत परिभाषित ही नहीं है। लड़की के परिजन समेत हरियाणा सरकार भी आरोपी पर लव जिहाद का आरोप लगा रही है। जबकि पुलिस के मुताबिक, आरोपी ने बदले की भावना के तहत ये हत्या की है। ऐसे में सवाल उठता है कि क्या महिलाओं की मर्जी के खिलाफ उनके साथ हो रहे शोषण-उत्पीड़न को धर्म के एंगल से जोड़ कर देखना और समझना पितृसत्तामक समाज की सोच नहीं है।

क्या है पूरा मामला?

मीडिया में आई खबरों के मुताबिक घटना हरियाणा के बल्लभगढ़ की है। सोमवार, 26 अक्टूबर की शाम करीब चार बजे अग्रवाल कॉलेज में पढ़ने वाली 21 साल की निकिता तोमर अपनी सहेली के साथ कॉलेज से घर की ओर जा रही थी। इसी दौरान कार सवार दो युवक वहां पहुंचे और निकिता को गाड़ी में खींचने की कोशिश करने लगे।

निकिता और उसकी सहेली ने इसका विरोध किया। इसके बाद एक लड़के ने पिस्टल निकाली और निकिता को गोली मार दी। गोली लगते ही निकिता जमीन पर गिर गई और आरोपी गाड़ी में बैठकर फरार हो गए। पूरा मामला सीसीटीवी में भी रिकॉर्ड हो गया। जिसके बाद सोशल मीडिया पर वीडियो की फुटेज खूब वायरल होने लगी। पहले राज्य की कानून व्यवस्था पर सवाल उठे और फिर बाद में हिंदू-मुस्लिम यानी ‘लव जिहाद’ का एंगल सामने आया।

परिजनों का आरोप

मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पीड़ित परिवार कहना है कि आरोपी तौसीफ 12वीं तक निकिता के साथ ही पढ़ता था और बार-बार उस पर दोस्ती के लिए दवाब डालता था। साल 2018 में आरोपी ने लड़की का अपहरण भी कर लिया था, लेकिन बाद में दोनों पक्षों के बीच समझौता हो गया था।

निकिता के परिवार ने कहा कि लड़के के परिवार ने काफी रिक्वेस्ट की थी, जिसके बाद उन्होंने मामला वापस ले लिया था। अब पिछले कुछ दिनों से तौसीफ लड़की पर शादी के लिए दवाब बना रहा था।

निकिता की मां ने मीडिया से कहा, “मेरी बेटी की तरह ही दोषियों का एनकाउंटर किया जाए। जब तक एनकाउंटर नहीं किया जाता, मैं अपनी बेटी का अंतिम संस्कार नहीं करूंगी।”

आज तक की खबर के अनुसार निकिता की बहनों ने अपने बयान में बताया, “वो लड़का हमारी बहन से धर्म परिवर्तन करके शादी करने को कह रहा था। लेकिन हमारी बहन नहीं मानी। वो लड़का उसके कॉलेज के बाहर गन लेकर घूम रहा था लेकिन वहां पुलिस की PCR मौजूद नहीं थी।”

बीते दिनों लड़की का परिवार आरोपियों पर कार्रवाई की मांग करते हुए सड़क पर बैठ गया। परिवार के लोगों के साथ कुछ और लोग भी प्रदर्शन में शामिल हो गए। इस दौरान कुछ समय के लिए दिल्ली-मथुरा हाइवे जाम भी रहा। हालांकि पुलिस के आश्वासन के बाद परिवार धरने पर से उठ गया और जाम खुल गया।

पुलिस का क्या कहना है?

फरीदाबाद के पुलिस कमिश्नर ओपी सिंह ने पत्रकारों से बातचीत में कहा कि इस जघन्य अपराध की जांच के लिए एसआईटी का गठन किया गया है। गैजेटेड अधिकारी इस मामले की जांच करेंगे। जांच में जो साक्ष्य मिलेंगे, उनके आधार पर अपराधियों के खिलाफ कार्रवाई की जाएगी।

कई मीडिया रिपोर्ट्स के मुताबिक पुलिस ने बताया कि पूछताछ में आरोपी ने कत्ल की बात को स्वीकार कर लिया है, साथ ही हत्या का मकसद भी बताया है।

आरोपी के अनुसार लड़की किसी और से शादी करने वाली थी, इसलिए उसने उसे मार दिया। लड़की के अपहरण मामले में 2018 में आरोपी के जेल जाना पड़ा था, जिसका बदला उसने अब लिया है।

सरकार क्या कर रही है?

हरियाणा के गृह मंत्री अनिल विज ने कहा कि सरकार ‘लव जिहाद’, जबरन धर्म परिवर्तन और अन्य दृष्टिकोण से जांच कराएगी। विज ने इस संबंध में अतिरिक्त मुख्य सचिव को निर्देश देने की भी खबर है।

आरोपी का राजनीतिक कनेक्शन?

इस मामले में मुख्य आरोपी का नाम तौसीफ बताया जा रहा है। खबरों के अनुसार वो फिजियोथेरेपी का स्टूडेंट है। फिलहाल पुलिस ने उसे गिरफ्तार कर लिया है।

तौसीफ राजनीतिक रसूख वाला व्यक्ति है। उसके दादा कबीर अहमद विधायक रह चुके हैं तो वहीं उसका चचेरा भाई आफताब अहमद मेवात जिले की नूंह सीट से कांग्रेस विधायक हैं। आफताब के पिता खुर्शीद अहमद भी हरियाणा सरकार में मंत्री रह चुके हैं। तौसीफ के सगे चाचा जावेद अहमद भी नेता हैं और विधानसभा चुनाव लड़ चुके हैं।

तौसीफ का साथी रेहान जो इस मामले में दूसरा आरोपी है वो भी पुलिस के गिरफ्त में है। वह नूंह का रहने वाला है।

आरोपी के परिजन क्या कह रहे हैं?

तौसीफ के चाचा और सोहना विधानसभा क्षेत्र से बसपा के टिकट पर चुनाव लड़ चुके जावेद अहमद ने एक न्यूज चैनल से वार्ता में कहा कि इस घटना के पीछे धर्म परिवर्तन कराने जैसा कोई भी मामला नहीं है। जो भी दोषी है, उसे कानून के अनुसार कड़ी सजा मिलनी चाहिए, क्योंकि गलत काम करने वाला किसी का बेटा नहीं होता। वो सिर्फ एक अपराधी होता है।

उन्होंने कहा कि धर्म परिवर्तन जैसी बातें वे लोग कर रहे हैं, जिन्हें धर्म के बारे में कुछ पता नहीं है। बसपा नेता ने कहा कि वे उस परिवार से संबंध रखते हैं, जहां हिंदू भाइयों का ज्यादा सहयोग रहता है। उनका परिवार सारे धर्मों की इज्जत करने वाला है।

छात्र संगठनों का प्रदर्शन

ये मामला सड़क से लेकर सोशल मीडिया तक लगातार गरमाया हुआ है। कथित लव जिहाद की बात सामने आने के बाद कई हिंदू संगठनों के अलावा छात्र संगठनों ने भी प्रदर्शन किया। अखिल भारतीय विद्यार्थी परिषद (एबीवीपी) के कार्यकर्ता हत्याकांड के घटनास्थल पर अनिश्चितकालीन धरने पर बैठ गए हैं। उधर, नेशनल स्टूडेंट यूनियन ऑफ इंडिया (एनएसयूआई) ने लघु सचिवालय पर प्रदर्शन किया। वे इस मामले में जल्द कार्रवाई की मांग कर रहे थे।

हालांकि नारीवादी लोगों और कुछ जानकारों का कहना है कि इस मामले में लड़की की हत्या की जांच पर फोकस करने के बजाय ‘लव जिहाद’ के भम्र में उलझाया जा रहा है। कानून व्यवस्था की नाकामी को छिपाने और सांप्रदायिकता को बढ़ावा देने के लिए धर्म परिवर्तन की बात को तूल दिया जा रहा है।

महिला अधिकारों के लिए आवाज़ उठाने वाली पत्रकार ऋचा सिंह कहती हैं, “हमारा समाज़ लड़की की ना को आसानी से हज़म नहीं कर पाता। मर्द कई बार उसे अपने इगो पर ले लेते हैं, एसिड अटैक, रेप, किडनैपिंग, हत्या इन सब के पीछे कई बार कारण बदला ही होता है। लेकिन यहां धर्म परिवर्तन की बात सामने आ रही है, लेकिन अगर लड़की शादी के लिए ही तैयार नहीं थी तो धर्म परिवर्तन कैसे होता? अगर लड़का उस पर बार-बार किसी बात का दबाव बना रहा था, तो घर वाले इस बात को लेकर पहले सामने क्यों नहीं आए। हो सकता है जांच को गुमराह करने या किसी दबाव में लव जिहाद का एंगल लाया जा रहा हो।”

ऋचा आगे कहती हैं, “मेरे अनुसार इस मामले में निष्पक्ष बिना किसी पूर्वाग्रह का शिकार हुए जांच की जरूरत है। कड़ी कार्रवाई और कानून व्यवस्था को दुरूस्त करने की भी आवश्यकता है।”

गौरतलब है कि सोशल मीडिया पर निकिता की हत्या के बाद हैशटैग ‘ना का मतलब ना’ ट्रेंड हुआ। कई लड़कियों ने खुलकर पितृसत्ता में महिलाओं पर मर्जी थोपने और उनकी सहमति के बगैर उन पर अपना हक समझने की बातें लिखीं, अपने अनुभव साझा किए। जिसके बाद 2016 में आई बॉलिवुड फिल्म पिंक की यादें ताज़ा हो गईं।

Nikita Tomar murder
haryana govt.
love jihad
Faridabad
Anil Vij
Congress party
crimes against women

Related Stories

हैदराबाद : मर्सिडीज़ गैंगरेप को क्या राजनीतिक कारणों से दबाया जा रहा है?

तेलंगाना एनकाउंटर की गुत्थी तो सुलझ गई लेकिन अब दोषियों पर कार्रवाई कब होगी?

यूपी : महिलाओं के ख़िलाफ़ बढ़ती हिंसा के विरोध में एकजुट हुए महिला संगठन

बिहार: आख़िर कब बंद होगा औरतों की अस्मिता की क़ीमत लगाने का सिलसिला?

बिहार: 8 साल की मासूम के साथ बलात्कार और हत्या, फिर उठे ‘सुशासन’ पर सवाल

मध्य प्रदेश : मर्दों के झुंड ने खुलेआम आदिवासी लड़कियों के साथ की बदतमीज़ी, क़ानून व्यवस्था पर फिर उठे सवाल

बिहार: मुज़फ़्फ़रपुर कांड से लेकर गायघाट शेल्टर होम तक दिखती सिस्टम की 'लापरवाही'

यूपी: बुलंदशहर मामले में फिर पुलिस पर उठे सवाल, मामला दबाने का लगा आरोप!

दिल्ली गैंगरेप: निर्भया कांड के 9 साल बाद भी नहीं बदली राजधानी में महिला सुरक्षा की तस्वीर

असम: बलात्कार आरोपी पद्म पुरस्कार विजेता की प्रतिष्ठा किसी के सम्मान से ऊपर नहीं


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License