NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
मोदी: भविष्य की तरफ कदम पर नज़र मनगढ़त इतिहास पर
प्रबीर पुरुकायास्थ
06 Nov 2014

हमें इस बात को नजरअंदाज नहीं करना चाहिए कि भाजपा हाल ही में हुए विधानसभा हरियाणा में बहुमत और महाराष्ट्र में सबसे बड़े राजीतिक दल के रूप में उभरी है। इसका हम सभी पर एक ख़ास प्रभाव भी पड़ा है। भाजपा के मूल समर्थक जो हिंदुत्व के भी पोषक है, उनके लिए यह एक ‘नए’ भारत की शुरुआत है जिसमे भारत का हिंदूवादी चेहरा राष्ट्रीयता के सभी हिस्सों पर हावी हो जायेगा। यह हम जैसे व्यक्तियों के लिए एक खतरे की घंटी है जो भारत को  विविधता में एकता और धर्मनिरपेक्षता  के लिए जानते हैं। आज भाजपा की तरफ से सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश हर शहर और मोहल्ले में देखी जा रही है। कहीं पर मस्जिद के विरोध में मंदिर तो कहीं पे भगवती जागरण की स्थापना कर उसमे लाउडस्पीकर का प्रयोग, और साथ ही मुहर्रम के जुलूस पर रोक लगाने की कोशिश। इन सभी वारदातों से एक बात तो साफ़ है कि, ये विभाजक ताकतें, सांप्रदायिक तनाव को जिंदा रखना चाहती हैं ताकि वे “हिन्दुओं” को एकत्रित कर सकें। पर रणनीति साफ़ है: बड़े दंगो के माध्यम से नहीं बल्कि छोटे पर लगातार चलने वाले साम्प्रदायिक हिंसा के जरिये।

                                                                                                                    

यह कोई नई बात नहीं है, जिन्होंने स्वतंत्रता के बाद आर.एस.एस का विषैला प्रचार देखा है जिसमे सांप्रदायिक तनाव पैदा करने की कोशिश की गई थी। उन्हें यह भी याद होगा कि किस प्रकार संघ ने लगातार दंगे भड़काने के काम को अंजाम दिया था। बड़े दंगो पर जांच समिति भी बैठी और इसका परिणाम सबको पता है, जिसमे संघ और उसके राजनैतिक मंच जन संघ (भाजपा का पूर्व रूप) को इन दंगो का दोषी पाया गया। मुझे अब भी याद है कि किस तरह आर.एस.एस और जन संघ के नेताओं ने पुरे देश में छोटी घटनाओं पर भड़काऊ भाषण दिए थे। ये सभी भाषण हिंसा और नफ़रत फ़ैलाने का काम करते थे। हिंदुत्व ताकतों का यही तरीका पहले भी था और आज भी है। 

आर.एस.एस अपने आप को एक राष्ट्रवादी समूह मानता है। पर उसके किसी नेता ने स्वतंत्रता संग्राम में हिस्सा नहीं लिया। उनका एक मात्र लक्ष्य देश का अल्पसंख्यक और उसमे मुख्यतः मुस्लिम समुदाय रहा है। एक तरफ जब कांग्रेस, सोशलिस्ट और कम्युनिस्ट सभी के पास ऐसे व्यक्तित्व थे जिन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में महत्वपूर्ण योगदान दिया था, पर हिंदुत्व ताकतों के पास सावरकर को छोड़ कर और कोई चेहरा नहीं था। सावरकर ने आन्दोलन शुरू करने में महत्वपूर्ण भूमिका निभाई पर यह भूमिका वहां धूमिल हो जाती है जब सावरकर ने ब्रिटिश सरकार के सामने समर्पण (1)कर दिया। सावरकर के इस घृणा का अंजाम यह था कि उन्हें गाँधी के मौत के ज़िम्मेदार के रूप में एक पक्ष भी बनना पड़ा। सावरकर के शुरूआती सालों को अगर छोड़ दे तो आर.एस.एस के पास और कोई चेहरा नहीं है जो स्वतंत्रता आन्दोलन में सक्रिय रहा हो।

तो आखिर कैसे संघ अपने आप को राष्ट्रवादी बता रहा है जबकि उसने अंग्रेजो को बाहर भगाने के लिए किसी आन्दोलन में हिस्सा नहीं लिया?

इसका जवाब भी है। आर.एस.एस के लिए ‘आक्रमण’ 11- 12 शताब्दी में हुआ जब इस्लामिक शासक भारत आए। उनकी लड़ाई अंग्रेजो के खिलाफ नहीं बल्कि मुसलमानों के खिलाफ रही है। संघ के लिए भारत को गुलाम बनाने वाली ताकत इस्लामिक शासक रहे हैं अंग्रेज नहीं। और इसीलिए वे जब भविष्य की बात करते हैं तो वे अतीत पर अटके रहते हैं। यह ठीक उस प्रकार है जैसे वाहन चलाते समय आखें उस शीशे पर टिकी रहें जिससे पीछे से आने वाली चीजों का पता चलता है।

                                                                                                                           

एक तरफ जब दंगे और सांप्रदायिक हिंसा गंभीर समस्या के रूप में हमारे सामने खड़े हैं, भाजपा और संघ का अतीत के लिए इस प्रेम को क्या कहा जाए? अब हमारे सामने ऐसे प्रधानमंत्री है जो बिना किसी शर्म के महाभारत को आधार मान कर हिन्दुस्तान में पहले भी जेनेटिक इंजिनियर और ऑर्गन ट्रांसप्लांट करने वाले डॉक्टर के होने के दावा करते हैं। उनके अनुसार कर्ण उस समय में मौजूद ‘जेनेटिक’ और गणेश ‘प्लास्टिक सर्जरी ‘ का ही परिणाम थे। यह दीनानाथ बत्रा की कहानी है जिसे मोदी सुना रहे हैं। हमारे पास एक ऐसा नेता प्रधानमंत्री के रूप में है जो इस तरह की बातें कर खुद की और देश की हंसी उड़वा रहा है। यह भी एक दिलचस्प वस्तु है कि किस तरह भाजपा हमेशा से टेक्नोलॉजी की तो समर्थक रही है पर विज्ञान का उसने हमेशा विरोध किया है। विज्ञान विवेचनात्मक समझ मांगता है और यह भाजपा के लिए हमेशा ही अछूत रहा है। टेक्नोलॉजी के साथ ऐसी कोई समस्या नहीं है। आप टोयोटा में खड़े होकर उसे ‘रथ ‘ बुला सकते हैं। साथ ही राम की जन्मभूमि के बारे में बिना किसी प्रमाण और तथ्यों के बात कर सकते हैं। यह एक कठिन काम है और इसके लिए सूक्ष्म सोच की जरुरत है जो संघ के लिए सिर दर्द के समान है।  इतिहास एक वैज्ञानिक विषय है, यह प्रधानमंत्री के थोथे भाषणों से बिलकुल अलग है। विज्ञानं में जितनी भी चीज़े बोली जाती हैं, उनका प्रमाण है, साथ ही उनका परिक्षण भी किया जा सकता है। पर बकवास, वह चाहे जितने भी “ताकतवर’ इंसान द्वारा की गई हो, बकवास ही रहेगी।

1-     आर.सी मजुमदार. पेनल सेटलमेंट इन अंडमान (पेज 211-13) संस्कृति विभाग, गवर्नमेंट ऑफ़ इंडिया द्वारा प्रकाशित

 

(अनुवाद- प्रांजल)

डिस्क्लेमर:- उपर्युक्त लेख मे व्यक्त किए गए विचार लेखक के व्यक्तिगत हैं, और आवश्यक तौर पर न्यूज़क्लिक के विचारो को नहीं दर्शाते ।

विधानसभा चुनाव
महाराष्ट्र
हरियाणा
भाजपा
आर.एस.एस
हिंदुत्व
शिव सेना
नरेन्द्र मोदी
सांप्रदायिक ताकतें

Related Stories

महाराष्ट्र महापौर चुनाव: शिवसेना-कांग्रेस-एनसीपी की तिकड़ी के आगे भाजपा परास्त

#श्रमिकहड़ताल : शौक नहीं मज़बूरी है..

एमपी गज़ब है!

“पीड़ित को दोष देने की सोच की वजह से हरियाणा रेप का गढ़ बना”

हरियाणा में ‘रोडवेज़ बचाने’ की लड़ाई तेज़, अन्य विभाग और जनसंगठन भी साथ आए

बढ़ते हुए वैश्विक संप्रदायवाद का मुकाबला ज़रुरी

पेट्रोल और डीज़ल के बढ़ते दामों 10 सितम्बर को भारत बंद

आपकी चुप्पी बता रहा है कि आपके लिए राष्ट्र का मतलब जमीन का टुकड़ा है

महाराष्ट्र के हिंसक मराठा आंदोलन के लिये कौन जिम्मेदार है?

दूध उत्पादकों के सामने आखिरकार झुकी महाराष्ट्र सरकार


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    डिजीपब पत्रकार और फ़ैक्ट चेकर ज़ुबैर के साथ आया, यूपी पुलिस की FIR की निंदा
    04 Jun 2022
    ऑल्ट न्यूज के सह-संस्थापक मोहम्मद ज़ुबैर पर एक ट्वीट के लिए मामला दर्ज किया गया है जिसमें उन्होंने तीन हिंदुत्व नेताओं को नफ़रत फैलाने वाले के रूप में बताया था।
  • india ki baat
    न्यूज़क्लिक टीम
    मोहन भागवत का बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को क्लीनचिट
    03 Jun 2022
    India की बात के इस एपिसोड में वरिष्ठ पत्रकार उर्मिलेश, अभिसार शर्मा और भाषा सिंह बात कर रहे हैं मोहन भागवत के बयान, कश्मीर में जारी हमले और आर्यन खान को मिली क्लीनचिट के बारे में।
  • GDP
    न्यूज़क्लिक टीम
    GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफ़ा-नुक़सान?
    03 Jun 2022
    हर साल GDP के आंकड़े आते हैं लेकिन GDP से आम आदमी के जीवन में क्या नफा-नुकसान हुआ, इसका पता नहीं चलता.
  • Aadhaar Fraud
    न्यूज़क्लिक टीम
    आधार की धोखाधड़ी से नागरिकों को कैसे बचाया जाए?
    03 Jun 2022
    भुगतान धोखाधड़ी में वृद्धि और हाल के सरकारी के पल पल बदलते बयान भारत में आधार प्रणाली के काम करने या न करने की खामियों को उजागर कर रहे हैं। न्यूज़क्लिक केके इस विशेष कार्यक्रम के दूसरे भाग में,…
  • कैथरिन डेविसन
    गर्म लहर से भारत में जच्चा-बच्चा की सेहत पर खतरा
    03 Jun 2022
    बढ़ते तापमान के चलते समय से पहले किसी बेबी का जन्म हो सकता है या वह मरा हुआ पैदा हो सकता है। विशेषज्ञों का कहना है कि गर्भावस्था के दौरान कड़ी गर्मी से होने वाले जोखिम के बारे में लोगों की जागरूकता…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License