NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
भोपाल गैस त्रासदीः मंत्री ने पुनर्वास फंड के 60% भाग का दुरुपयोग किया, आरटीआई से खुलासा
गैस से प्रभावित लोगों के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए रसायन तथा उर्वरक मंत्रालय द्वारा आवंटित 272.5 करोड़ रुपए में से मंत्री विश्वास सारंग ने अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़क, नाला और पार्क निर्माण तथा सरकारी योजनाओं में तेज़ी लाने के लिए 85.87 करोड़ इस्तेमाल किया।
काशिफ काकवी
22 Nov 2018
Bhopal gas tragedy

भोपाल यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास रहने वाले पीड़ितों के घरों के निर्माण और आर्थिक पुनरुद्धार के लिए भारत सरकार द्वारा आवंटित राशि का प्रतिशत दुरुपयोग भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास मंत्री विश्वास सारंग ने किया। ये मामला आरटीआई (सूचना का अधिकार) से सामने आया है।

आरटीआई से खुलासा हुआ है कि वर्ष में गैस पीड़ितों के लिए रसायन तथा उर्वरक मंत्रालय(भारत सरकार)[एमसीएफ]द्वारा करोड़ रुपए की राशि आवंटित की गई थी, लेकिन सात वर्षों के बाद भी राज्य सरकार ने केवल 129.50 करोड़ रुपए का ही इस्तेमाल किये गये और शेष 143.25 करोड़ रुपए में से 85.87 करोड़ रुपए को राज्य सरकार की विभिन्न योजनाओं को गति देने के लिए इस्तेमाल किया।

भोपाल ग्रुप फॉर इंफॉर्मेशन एंड एक्शन के संयोजक रचना ढिंगरा ने न्यूज़क्लिक से बात करते हुए कहा कि, "एक तरफ जहाँ पीड़ित घटना के तीन दशकों के बाद भी दयनीय जीवन जी रहे हैं और रोज़ाना इलाज की कमी के चलते मर रहे हैं,बेरोज़गार हो गए और ज़हरीला पानी पीने को मजबूर हैं वहीं गैस रिहैबिलिटेशन मिनिस्टर (पुनर्वास मंत्री) अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों,नालों और पार्कों के निर्माण के लिए इस धन का इस्तेमाल कर रहे हैं।"

रचना ढ़िंगरा द्वारा भोपाल गैस त्रासदी राहत तथा पुनर्वास विभाग(बीजीटीआरआर)में दायर इस आरटीआई ने खुलासा किया है कि रसायन तथा उर्वरक मंत्रालय(एमसीएफ)ने भोपाल गैस पीड़ितों के पुनर्वास के लिए एक नई कार्य योजना तैयार की है और वर्ष में 272.75 करोड़ रुपए स्वीकृत किए गए।

विभाग ने कुल राशि का करोड़ रुपए गैस त्रासदी के पीड़ित या उनके बच्चों के आर्थिक पुनर्वास के लिए,व्यवसाय शुरू करने के लिए प्रत्येक को लाख रुपए ऋण,और एचआर(मानव संसाधन)विभाग के लिए करोड़ और विपणन विभाग के लिए इतना ही राशि मंज़ूर किया था। इसके अलावा,यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री के आसपास रहने वाले परिवारों के लिए घरों के निर्माण के लिए करोड़ रुपए आवंटित किए गए थे।

इसके अलावा केंद्र की कई सरकारी एजेंसियों द्वारा फैक्ट्री के आसपास भूजल प्रदूषण की जानकारी देने के बाद गैस प्रभावित कॉलोनियों को स्वच्छ पेयजल के लिए करोड़ आवंटित किए गए। इसके अलावा,चिकित्सा के लिए करोड़ रुपए आवंटित किए गए और सोशल रीहैबिलेशन के लिए करोड़ रुपए आवंटित किए गए। हालांकि,बीजीटीआरआर ने पिछले सात वर्षों में केवल करोड़ रुपए ख़र्च किया और राज्य सरकार की योजनाओं को गति देने के लिए फंड को डायवर्ट करने के लिए एमसीएफ पर दबाव डाला।

ट्रांसफर ऑफ फंड

बीजीटीआरआर से प्राप्त दस्तावेज़ों के अनुसार मई में मंत्रिपरिषद और मध्य प्रदेश सरकार ने बीजीटीआरआर मंत्रालय द्वारा प्रस्तावित 85.87करोड़ रुपए के हस्तांतरण के प्रस्ताव को मंजूरी दे दी और एमसीएफ को इसकी मंज़ूरी के लिए भेज दिया।

प्रारंभ में एमसीएफ ने यह कहते हुए फंड को डायवर्ट करने से इनकार कर दिया कि मध्य प्रदेश सरकार का प्रस्ताव मंत्रिमंडल द्वारा मंज़ूर किए गए कार्यों से अलग है।

लेकिन एमसीएफ के सचिव और भारत सरकार के अन्य अधिकारियों को बीजीटीआरआर मंत्री विश्वास सारंग के पत्र के बाद एमसीएफ आख़िरकार गैस प्रभावित पीड़ितों के पुनर्वास के लिए आवंटित किए गए धन को अन्य उद्देश्यों के लिए डायवर्ट करने के लिए मार्च को सहमत हो गया।

इसकी स्वीकृति के बाद डायवर्ट किए गए फंड करोड़ का इस्तेमाल पार्कों को सुंदर बनाने,सड़कों और नालों के निर्माण के लिए किया गया था। हालांकि,फंड के इस्तेमाल पर चिंता व्यक्त करते हुए बीजीटीआरआर विभाग के प्रधान सचिव को एमसीएफ द्वारा लिखे गए पत्र के अनुसार उन फंड का अत्यधिक दुरुपयोग किया गया था।

पत्र में कहा गया, 'वार्ड संख्या 36, 37, 69, 70, 71, 75, 76 और में सड़कों,पार्कों और नालो का निर्माण किया गया है जो या तो गैस प्रभावित वार्ड नहीं है या वे मौजूद ही नहीं हैं,इसलिए,कृपया फंड के ख़र्च को स्पष्ट करें और अपडेट करें।हालांकि,इस पत्र का जवाब नहीं मिला।

गैस पीड़ितों के संगठनों ने बड़े पैमाने पर भ्रष्टाचार का दावा किया

गैस पुनर्वास मिनिस्टर विश्वास सारंग द्वारा किए गए अनियमितताओं का खुलासा करने के उद्देश्य से गैस प्रभावित संगठनों के चार नेताओं ने सोमवार नवंबर को एक प्रेस कॉन्फ्रेंस किया।

प्रेस वार्ता के दौरान उन्होंने मंत्री विश्वास सारंग पर फंड के दुरुपयोग का आरोप लगाया जो त्रासदी के पीड़ितों के आर्थिक और सामाजिक पुनर्वास के लिए आवंटित किया गया था। इन संगठनों ने बीजीटीआरआर से आरटीआई के माध्यम से प्राप्त अपने दावों के लिए दस्तावेज़ प्रस्तुत किए।

प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान बोलते हुए भोपाल गैस पीड़ित महिला स्टेशनरी कर्मचारी संघ के अध्यक्ष रशीदा बी ने आरोप लगाया,"वर्ष में एक लाख भोपाल त्रासदी के पीड़ित लोगों और उनके बच्चों के लिए नौकरियां मुहैया कराने के लिए करोड़ आवंटित किए गए थे। पिछले वर्षों में एक भी पीड़ित व्यक्ति को रोज़गार देने में विफल होने के बावजूद मंत्री(विश्वास सारंग)अब अपने निर्वाचन क्षेत्र में सड़कों नालों और पार्कों का निर्माण करने के लिए करोड़ रुपए ख़र्च कर रहे हैं।"

गैस प्रभावितों के लिए बीजीटीआरआर विभाग द्वारा 129.50 करोड़ रुपए के वितरण में भारी भ्रष्टाचार का आरोप लगाते हुए भोपाल गैस पीड़ित महिला पुरुष संघर्ष मोर्चा के अध्यक्ष नवाब खान ने कहा, "गैस से प्रभावित विधवाओं को रुपए तक का पेंशन देने के अलावा गैस-प्रभावित परिवारों के लिए प्रस्तावित घरों में से एक कमरा भी नहीं बनाया गया है। गैस प्रभावित पीड़ितों या उनके बच्चों को कोई प्रशिक्षण नहीं दिया गया है। किसी को भी कोई ऋण नहीं दिया गया है। मंत्री ने अपने क़रीबी सहायक कंपनियों को लाभ पहुंचाने के लिए गैस प्रभावित फंड का दुरुपयोग किया और आंकड़ों को ग़लत तरीक़े से बना लिया।"

खान ने कहा, "विभाग ने गैस प्रभावित लोगों पर 272.75 करोड़ रुपए में से 129.50 करोड़ रुपए ख़र्च करने का दावा किया है और शेष 143.25 करोड़ रुपए में से 85.87 करोड़ रुपए डायवर्ट किया।

गैस प्रभावित के लिए आवंटित फंड के दुरुपयोग और अनियमितताओं के संबंध में केंद्र सरकार की जटिलता के बारे में चिंता व्यक्त करते हुए रचना ढिंगरा ने कहा, "वर्ष 2014 में हमने फंड स्वीकृत करने वाले एमसीएफ और केंद्रीय जांच ब्यूरो को पीड़ितों के आर्थिक पुनरुद्धार के लिए आवंटित 18 करोड़ रुपए के अनियमितताओं का पक्का सबूत भेजा था। लेकिन अब तक ज्ञात अपराधियों के ख़िलाफ़ कोई कार्रवाई नहीं की गई है।"

न्यूज़क्लिक ने मंत्री विश्वास सारंग से उनकी प्रतिक्रिया को लेकर कई बार संपर्क करने की कोशिश की लेकिन बात नहीं हो पाई।

Bhopal gas tragedy
Madhya Pradesh
Bhopal Gas Tragedy Relief and Rehabilitation Minister
Vishwas Sarang
Ministry of Chemical and Fertilisers

Related Stories

परिक्रमा वासियों की नज़र से नर्मदा

कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  

मनासा में "जागे हिन्दू" ने एक जैन हमेशा के लिए सुलाया

‘’तेरा नाम मोहम्मद है’’?... फिर पीट-पीटकर मार डाला!

कॉर्पोरेटी मुनाफ़े के यज्ञ कुंड में आहुति देते 'मनु' के हाथों स्वाहा होते आदिवासी

एमपी ग़ज़ब है: अब दहेज ग़ैर क़ानूनी और वर्जित शब्द नहीं रह गया

मध्यप्रदेशः सागर की एग्रो प्रोडक्ट कंपनी से कई गांव प्रभावित, बीमारी और ज़मीन बंजर होने की शिकायत

सिवनी मॉब लिंचिंग के खिलाफ सड़कों पर उतरे आदिवासी, गरमाई राजनीति, दाहोद में गरजे राहुल

मध्यप्रदेश: गौकशी के नाम पर आदिवासियों की हत्या का विरोध, पूरी तरह बंद रहा सिवनी

राम सेना और बजरंग दल को आतंकी संगठन घोषित करने की किसान संगठनों की मांग


बाकी खबरें

  • blast
    न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हापुड़ अग्निकांड: कम से कम 13 लोगों की मौत, किसान-मजदूर संघ ने किया प्रदर्शन
    05 Jun 2022
    हापुड़ में एक ब्लायलर फैक्ट्री में ब्लास्ट के कारण करीब 13 मज़दूरों की मौत हो गई, जिसके बाद से लगातार किसान और मज़दूर संघ ग़ैर कानूनी फैक्ट्रियों को बंद कराने के लिए सरकार के खिलाफ प्रदर्शन कर रही…
  • Adhar
    अनिल जैन
    ख़बरों के आगे-पीछे: आधार पर अब खुली सरकार की नींद
    05 Jun 2022
    हर हफ़्ते की तरह इस सप्ताह की जरूरी ख़बरों को लेकर फिर हाज़िर हैं लेखक अनिल जैन
  • डॉ. द्रोण कुमार शर्मा
    तिरछी नज़र: सरकार जी के आठ वर्ष
    05 Jun 2022
    हमारे वर्तमान सरकार जी पिछले आठ वर्षों से हमारे सरकार जी हैं। ऐसा नहीं है कि सरकार जी भविष्य में सिर्फ अपने पहनावे और खान-पान को लेकर ही जाने जाएंगे। वे तो अपने कथनों (quotes) के लिए भी याद किए…
  • न्यूज़क्लिक डेस्क
    इतवार की कविता : एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' का तर्जुमा
    05 Jun 2022
    इतवार की कविता में आज पढ़िये ऑस्ट्रेलियाई कवयित्री एरिन हेंसन की कविता 'नॉट' जिसका हिंदी तर्जुमा किया है योगेंद्र दत्त त्यागी ने।
  • राजेंद्र शर्मा
    कटाक्ष: मोदी जी का राज और कश्मीरी पंडित
    04 Jun 2022
    देशभक्तों ने कहां सोचा था कि कश्मीरी पंडित इतने स्वार्थी हो जाएंगे। मोदी जी के डाइरेक्ट राज में भी कश्मीर में असुरक्षा का शोर मचाएंगे।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License