NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
विज्ञान
भारत
अंतरराष्ट्रीय
एशिया के बाकी
काजीरंगा के गैंडों का अवैध शिकार
वियतनाम की यह पारम्परिक मान्यता है कि गैंडे के सींग से कैंसर कि लाइलाज बीमारी ठीक हो जाती है. इस वजह से कैंसर से जूझने वाले लोग कीमोथेरेपी के बाद गैंडे के सींग से बनी पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए वियतनाम के आम गलियों में भी गैंडे के सींग कि खूब मांग है.
प्रियांश मौर्य
19 Dec 2018
Kaziranga National Park
साभार- डाउन टू अर्थ

हाल  ही में काज़ीरंगा नेशनल पार्क, असम में अवैध शिकार का एक मामला सामने आया. कुछ  टूरिस्टों ने  शनिवार  की  सुबह  जंगल सफारी  के दौरान  एक मृत नर गैंडे का शव देखा, जिसका सींग निकला हुआ था | प्रभागीय वन अधिकारी ( divisional  forest officer ) ने भी इस बात की पुष्टि की और बताया कि घटना स्थल से एक बुलेट हेड भी बरामद हुआ है.

            

काज़ीरंगा  नेशनल पार्क शिकार के लिए कुख्यात है.  साल 2017 -2018  में गैंडे के शिकार से जुड़ी छठी घटना है. लेकिन पिछले कुछ सालों से गैंडों के शिकार से जुड़े मामलें कम होते जा रहे हैं. आंकडें कहते हैं कि साल 2013,14,15,16,17 में क्रमशः 27,27,17, 18  गैंडों के अवैध शिकार हुए थे. और हर एक मामलें में  गैंडों के शव से सींग निकाल लिए गये थे. 

 

अब यह सवाल उठता है कि आखिर गैंडो  के सींग को मरे हुए शव से क्यों निकला जाता है? इसका इस्तेमाल किस काम में  किया जाता  है ?

 

भारत में गैंडे के सींग के इस्तेमाल पर पाबन्दी है. इसलिए सींग को गैंडे से अलग करने के बाद मारह बॉर्डर (marah border) के रास्ते  म्यांमार से होते हुए दक्षिण एशिया के बाकी देशो में तस्कर कर दिया जाता है , जैसे चीन , वियतनाम,  जापान आदि . चीन ने  कानूनी रूप से गैंडे के सींग के इस्तेमाल पर 1993 में प्रतिबन्ध लगा दिया था. इसलिए दक्षिण एशिया में  अब वियतनाम गैंडे के सींग के बाजार के रूप में विकसित हो रहा है. गैंडे के सींग के चूरे का पाउडर पानी और शराब  में मिला कर पीने का शौक है और इस शौक को वियतनाम के आमिर और अभिजात गलियों में जमकर पसंद किया जाता है.

 

 वियतनाम की यह पारम्परिक मान्यता है कि गैंडे के सींग से कैंसर कि लाइलाज बीमारी ठीक हो जाती है. इस वजह से कैंसर से जूझने वाले लोग कीमोथेरेपी के बाद गैंडे के सींग से बनी पाउडर का इस्तेमाल करते हैं. इसलिए वियतनाम के आम गलियों में भी गैंडे के सींग कि खूब मांग है. इतनी खासियतों की वजह से कोकीन के मुकाबले अब गैंडे के सींग के पाउडर की कीमत ज्यादा हो गयी है .

 

आखिरकार अवैध शिकार की घटनाये ख़त्म क्यों नहीं हो रही :

 

पुलिस और इंटेलिजेंस रिपोर्ट के अनुसार "अंतराष्ट्रीय बाजार में सींग की  कीमत बढ़ जाने पर अवैध शिकार की घटना भी बढ़ गयी है. गांव में रहने वाले आदिवासियों को गैंडे का शिकार करने की  काफी अच्छी कीमत मिल जाती है. इसलिए ये लोग भी शिकार करने में शार्प शूटर का साथ देते है. इन लोगों  को जंगल और गैंडो की आवाजाही के बारें में मालूम रहता है. पुलिस और इंटेलिजेंस ऑफिसियल  के मुताबिक काजीरंगा के दक्षिणी और पूर्वी हिस्सों में करबी एंग्लोंग, गोलाघाट और मोरीगांव जिलों  में  200 से अधिक लोगों को शिकार की  गतिविधियों में शामिल पाया गया है.

 

  डाउन टू अर्थ में  प्रकाशित एक रिपोर्ट के तहत  "भारत में सिर्फ 1997 का  साल ऐसा गया है जब गैंडों के अवैध शिकार की एक भी घटनाये नहीं हुई और सबसे ज्यादा गैंडो के शिकार के मामलें 1992 में हुए थे. उस साल तकरीबन 49 गैंडो की हत्या सींग हासिल करने के लिए की गयी  थी ".

 

डोबाहाटी बेलोगुरी धान के खेतों से घिरा गांव है. यह गाँव असम के गोलाघाट जिले के काजीरंगा राष्ट्रीय उद्यान के पूर्वी किनारे पर है. इस गाँव में मशिंग जनजाति के लोग रहते हैं  और इस गांव को अवैध शिकारियो का गढ़ माना जाता है.

 

वन विभाग के रिकॉर्ड के तहत  75 गांवों में तकरीबन 50,000 लोग काजीरंगा पार्क के चारों ओर रहते हैं. ब्रह्मपुत्र नदी और इसके द्वीपों को शिकारियों द्वारा काजीरंगा पार्क में घुसने के तौर पर  उपयोग किया जाता है. इनमें से कुछ द्वीपों  में लोग रहते  हैं. ज्यादातर मवेशी चरवाहे  शिकारियों को आश्रय प्रदान करते हैं.

 

काजीरंगा पार्क यूनेस्को वर्ल्ड हेरिटेज साइट में भी शामिल है. वहाँ सिर्फ 369 स्टाफ मेंबर हैं और यही लोग सुरक्षा और पर्यटन से जुड़े रख रखाव का काम भी देखते हैं  जबकि यहां पर तकरीबन 528  सदस्यों  की जरूरत है.  इसके साथ सुरक्षा गार्ड अभी भी पुरानी बंदूकों का इस्तेमाल करते हैं  और वही दूसरी तरफ शिकारियों के पास आधुनिक तरह के हथियार है | इसलिए देखा जाये तो प्रशासन भी कही न कही जंगल की सुरक्षा करने में चूक रहा है  और व्यवस्था भी काफी सुस्त है.

 

पर्यावरण के लिए गैंडो का क्या महत्व है ?

 

   हर एक स्थानीय पर्यावरण में एक 'कीस्टोन'(keystone ) प्रजाति होती है , अगर ये 'कीस्टोन'प्रजाति के जानवर  न रहे तो पूरा का पूरा पर्यावरण  खतरे में आ जायेगा,  उदाहरण के लिए, जब कृषि और शिकार की वजह से  येलोस्टोन भेड़िये का नाश होने लगा तो ,  हिरण की आबादी में भी कमी आने लगी , जिससे पौधों की प्रजातियों में गिरावट आई।  और गैंडो को सवाना का कीस्टोन प्रजाति कहा जाता है और पारिस्थितिक तंत्र(eco system )  में एक महत्वपूर्ण भूमिका निभाते हैं.| तो अगर ऐसी प्रजातियों ( species ) की संख्या खतरे में आती है तो पर्यावरण को काफी नुकसान पहुंचेगा .

 

और हालात  सिर्फ भारत में नहीं खराब है , जहाँ  गैंडो की संरक्षित जगहे है वहाँ वहाँ खतरा मंडरा रहा है | इसलिए इनको बचाने के लिए जल्द  से जल्द कोई ठोस कदम उठाना चाहिए , नहीं तो गैंडे भी आने वाली पीढ़ी के लिए इतिहास बन के रह जायेंगे और किताबो और फिल्मो में ही देखकर रह जायेंगे.

 

 

kaziranga national park
asam
rhino
poaching
vietnam
ecosystem
cancer

Related Stories


बाकी खबरें

  • सोनिया यादव
    समलैंगिक साथ रहने के लिए 'आज़ाद’, केरल हाई कोर्ट का फैसला एक मिसाल
    02 Jun 2022
    साल 2018 में सुप्रीम कोर्ट के ऐतिहासिक फैसले के बाद भी एलजीबीटी कम्युनिटी के लोग देश में भेदभाव का सामना करते हैं, उन्हें एॉब्नार्मल माना जाता है। ऐसे में एक लेस्बियन कपल को एक साथ रहने की अनुमति…
  • समृद्धि साकुनिया
    कैसे चक्रवात 'असानी' ने बरपाया कहर और सालाना बाढ़ ने क्यों तबाह किया असम को
    02 Jun 2022
    'असानी' चक्रवात आने की संभावना आगामी मानसून में बतायी जा रही थी। लेकिन चक्रवात की वजह से खतरनाक किस्म की बाढ़ मानसून से पहले ही आ गयी। तकरीबन पांच लाख इस बाढ़ के शिकार बने। इनमें हरेक पांचवां पीड़ित एक…
  • बिजयानी मिश्रा
    2019 में हुआ हैदराबाद का एनकाउंटर और पुलिसिया ताक़त की मनमानी
    02 Jun 2022
    पुलिस एनकाउंटरों को रोकने के लिए हमें पुलिस द्वारा किए जाने वाले व्यवहार में बदलाव लाना होगा। इस तरह की हत्याएं न्याय और समता के अधिकार को ख़त्म कर सकती हैं और इनसे आपात ढंग से निपटने की ज़रूरत है।
  • रवि शंकर दुबे
    गुजरात: भाजपा के हुए हार्दिक पटेल… पाटीदार किसके होंगे?
    02 Jun 2022
    गुजरात में पाटीदार समाज के बड़े नेता हार्दिक पटेल ने भाजपा का दामन थाम लिया है। अब देखना दिलचस्प होगा कि आने वाले चुनावों में पाटीदार किसका साथ देते हैं।
  • सरोजिनी बिष्ट
    उत्तर प्रदेश: "सरकार हमें नियुक्ति दे या मुक्ति दे"  इच्छामृत्यु की माँग करते हजारों बेरोजगार युवा
    02 Jun 2022
    "अब हमें नियुक्ति दो या मुक्ति दो " ऐसा कहने वाले ये आरक्षित वर्ग के वे 6800 अभ्यर्थी हैं जिनका नाम शिक्षक चयन सूची में आ चुका है, बस अब जरूरी है तो इतना कि इन्हे जिला अवंटित कर इनकी नियुक्ति कर दी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License