NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
समाज
भारत
किशोर मां से जन्में बच्चे वयस्क मां के बच्चों की तुलना में कमजोर : अध्ययन
यूं तो देश में 18 साल से कम उम्र में विवाह गैरकानूनी है लेकिन वर्ष 2016 के राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4 ने खुलासा किया है कि 27 फीसदी लड़कियों का विवाह उनके 18 साल के होने के पहले ही हो जाता है और देश में 31 फीसदी विवाहित महिलाएं 18 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दे देती हैं।
भाषा
17 May 2019
Mother and Child
फोटो साभार: Gates Foundation

एक नए अध्ययन में पता चला है कि भारत में किशोरावस्था में बच्चों को जन्म देने वाली माताओं के बच्चे वयस्क महिलाओं के बच्चों की तुलना में कमजोर होते हैं।

देश में बच्चों में कुपोषण और किशोरावस्था में गर्भावस्था के बीच संबंध का पता लगाने के लिए पहली बार व्यापक अध्ययन किया गया था।

अमेरिका के अंतरराष्ट्रीय खाद्य नीति शोध संस्थान (आईएफपीआरआई) के शोधकर्ताओं का कहना है कि भारत में कमजोर बच्चे बड़ी तादाद में हैं। यह देश किशोर गर्भावस्था के मामले में 10वें नबंर पर है।

यूं तो देश में 18 साल से कम उम्र में विवाह गैरकानूनी है लेकिन वर्ष 2016 के राष्ट्रीय परिवार एवं स्वास्थ्य सर्वेक्षण (एनएफएचएस)-4 ने खुलासा किया है कि 27 फीसदी लड़कियों का विवाह उनके 18 साल के होने के पहले ही हो जाता है और देश में 31 फीसदी विवाहित महिलाएं 18 साल की उम्र में बच्चे को जन्म दे देती हैं।

आईएफपीआरआई के शोधकर्ता फुओंग होंग ग्यूयेन कहते हैं,‘‘भारत में किशोरावस्था में गर्भधारण के प्रचलन को घटा कर हम संयुक्त राष्ट्र के सतत विकास लक्ष्यों को हासिल करने के प्रयासों में तेजी ला सकते हैं इनमें खास तौर पर गरीबी हटाने, स्वास्थ्य, पोषण,सर्व कल्याण, समानता तथा शिक्षा का लक्ष्य हासिल करना है।’’

‘द लैंसट चाइल्ड एडं एडोलेसेंट हेल्थ में प्रकाशित अध्ययन में मां और बच्चों के 60,097 जोड़ों का अध्ययन किया और इसे किशोरावस्था के वक्त गर्भावस्था और उनसे जन्में बच्चों में कुपोषण का भी अध्ययन किया।

इस अध्ययन में पता चला कि किशोरावस्था में बच्चों को जन्म देने वाली माताओं के बच्चों के कमजोर होने तथा उनका वजन कम होने की दर वयस्क महिलाओं के बच्चों की तुलना 10 प्रतिशत अधिक है।

वयस्क मांओं की तुलना में किशोर माएं कद में छोटी, कम वजन वाली थीं। स्वास्थ्य सेवाओं तक इनकी सीमित पहुंच थी तथा उनका खानपान भी उचित नहीं था।

Mother
Children
malnutrition in children
child marriage
malnutrition in India
child malnutrition

Related Stories

बाल विवाह विधेयक: ग़ैर-बराबरी जब एक आदर्श बन जाती है, क़ानून तब निरर्थक हो जाते हैं!

तिरछी नज़र: प्रश्न पूछो, पर ज़रा ढंग से तो पूछो

कोरोना काल में कुरीति ने उठाया सिर, महाराष्ट्र में लॉकडाउन के दौरान दो सौ से अधिक बाल-विवाह

रामचरण मुंडा की मौत पर दो मिनट का मौन!

एक और नाबालिग, एक और बलात्कार: महिलाओं के लिए सुरक्षित नहीं यूपी?

बच्चों के साथ होने वाले अपराध पर चुप्पी कब तक?


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ः 60 दिनों से हड़ताल कर रहे 15 हज़ार मनरेगा कर्मी इस्तीफ़ा देने को तैयार
    03 Jun 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले क़रीब 15 हज़ार मनरेगा कर्मी पिछले 60 दिनों से हड़ताल कर रहे हैं फिर भी सरकार उनकी मांग को सुन नहीं रही है।
  • ऋचा चिंतन
    वृद्धावस्था पेंशन: राशि में ठहराव की स्थिति एवं लैंगिक आधार पर भेद
    03 Jun 2022
    2007 से केंद्र सरकार की ओर से बुजुर्गों को प्रतिदिन के हिसाब से मात्र 7 रूपये से लेकर 16 रूपये दिए जा रहे हैं।
  • भाषा
    मुख्यमंत्री पुष्कर सिंह धामी ने चंपावत उपचुनाव में दर्ज की रिकार्ड जीत
    03 Jun 2022
    चंपावत जिला निर्वाचन कार्यालय से मिली जानकारी के अनुसार, मुख्यमंत्री को 13 चक्रों में हुई मतगणना में कुल 57,268 मत मिले और उनके खिलाफ चुनाव लड़ने वाल़ कांग्रेस समेत सभी प्रत्याशियों की जमानत जब्त हो…
  • अखिलेश अखिल
    मंडल राजनीति का तीसरा अवतार जाति आधारित गणना, कमंडल की राजनीति पर लग सकती है लगाम 
    03 Jun 2022
    बिहार सरकार की ओर से जाति आधारित जनगणना के एलान के बाद अब भाजपा भले बैकफुट पर दिख रही हो, लेकिन नीतीश का ये एलान उसकी कमंडल राजनीति पर लगाम का डर भी दर्शा रही है।
  • लाल बहादुर सिंह
    गैर-लोकतांत्रिक शिक्षानीति का बढ़ता विरोध: कर्नाटक के बुद्धिजीवियों ने रास्ता दिखाया
    03 Jun 2022
    मोदी सरकार पिछले 8 साल से भारतीय राज और समाज में जिन बड़े और ख़तरनाक बदलावों के रास्ते पर चल रही है, उसके आईने में ही NEP-2020 की बड़ी बड़ी घोषणाओं के पीछे छुपे सच को decode किया जाना चाहिए।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License