NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
आंदोलन
घटना-दुर्घटना
स्वास्थ्य
विज्ञान
भारत
चमकी बुखार रोका जा सकता था इन मौतों को : डॉ. वंदना
बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी है। लगातार मौतें हो रही हैं। लेकिन इन मौतों को रोका जा सकता था। बहुत मुश्किल नहीं था इन मौतों को रोकना। यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना प्रसाद का। उनसे हमने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और इंसेफेलाइटिस जिसे दिमागी बुखार, जापानी बुखार और चमकी बुखार कहा जाता है, इस पर विस्तार से बात की।
न्यूज़क्लिक प्रोडक्शन
19 Jun 2019

बिहार में एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम (AES) यानी चमकी बुखार से बच्चों की मौतों का सिलसिला जारी है। लगातार मौतें हो रही हैं। लेकिन इन मौतों को रोका जा सकता था। बहुत मुश्किल नहीं था इन मौतों को रोकना। यह कहना है सामाजिक कार्यकर्ता और शिशु रोग विशेषज्ञ डॉ. वंदना प्रसाद का। उनसे हमने एक्यूट इंसेफेलाइटिस सिंड्रोम और इंसेफेलाइटिस जिसे दिमागी बुखार, जापानी बुखार और चमकी बुखार कहा जाता है, इस पर विस्तार से बात की। उनका मानना है यह सब गरीबी और कुपोषण की वजह से है। हमारे समाज में जो गैरबराबरी है उसी का नतीजा है इतने बच्चों की मौत। वे इसके लिए राजनीतिक इच्छाशक्ति की कमी को ज़िम्मेदार बताती हैं। वे ज़ोर देकर कहती हैं कि मुज़फ़्फ़रपुर के इस विशेष मामले में बच्चों को मामूली इलाज देकर बचाया जा सकता था। लेकिन अफसोस ऐसा हो न सका..। आइए सुनते हैं ये विशेष बातचीत।

muzaffarpur
chamki bukhar
aes
aes deaths
bihar AES
Bihar
Nitish Kumar
nitish govt

Related Stories

बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर

बिहार : नीतीश सरकार के ‘बुलडोज़र राज’ के खिलाफ गरीबों ने खोला मोर्चा!   

पटना : जीएनएम विरोध को लेकर दो नर्सों का तबादला, हॉस्टल ख़ाली करने के आदेश

बिहार: 6 दलित बच्चियों के ज़हर खाने का मुद्दा ऐपवा ने उठाया, अंबेडकर जयंती पर राज्यव्यापी विरोध दिवस मनाया

बिहार: विधानसभा स्पीकर और नीतीश सरकार की मनमानी के ख़िलाफ़ भाकपा माले का राज्यव्यापी विरोध

बिहार में आम हड़ताल का दिखा असर, किसान-मज़दूर-कर्मचारियों ने दिखाई एकजुटता

पटना: विभिन्न सरकारी विभागों में रिक्त सीटों को भरने के लिए 'रोज़गार अधिकार महासम्मेलन'

बिहार बजट सत्र: विधानसभा में उठा शिक्षकों और अन्य सरकारी पदों पर भर्ती का मामला 

बिहार : सीटेट-बीटेट पास अभ्यर्थी सातवें चरण की बहाली को लेकर करेंगे आंदोलन

बिहार : आशा वर्कर्स 11 मार्च को विधानसभा के बाहर करेंगी प्रदर्शन


बाकी खबरें

  • राज वाल्मीकि
    दलितों पर बढ़ते अत्याचार, मोदी सरकार का न्यू नॉर्मल!
    27 May 2022
    दलित परिप्रेक्ष्य से देखें तो इन आठ सालों में दलितों पर लगातार अत्याचार बढ़े हैं। दलित हत्याओं के मामले बढ़े हैं। दलित महिलाओं पर बलात्कार बढ़े हैं। जातिगत भेदभाव बढ़े हैं।
  • रवि शंकर दुबे
    उपचुनाव:  6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान
    27 May 2022
    उत्तर प्रदेश की आज़मगढ़ और रामपुर लोकसभा सीट समेत 6 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेश में 23 जून को मतदान होंगे।
  • एजाज़ अशरफ़
    ज्ञानवापी कांड एडीएम जबलपुर की याद क्यों दिलाता है
    27 May 2022
    आपातकाल के ज़माने में सुप्रीम कोर्ट के फ़ैसले ने ग़लत तरीक़े से हिरासत में लिये जाने पर भी नागरिकों को राहत देने से इनकार कर दिया था। और अब शीर्ष अदालत के आदेश से पूजा स्थलों को लेकर विवादों की झड़ी…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में पिछले 24 घंटों में कोरोना के 2,710 नए मामले, 14 लोगों की मौत
    27 May 2022
    महाराष्ट्र में 83 दिनों के बाद कोरोना के 500 से ज़्यादा 511 मामले दर्ज किए गए है | महराष्ट्र के मुख्यमंत्री उद्धव ठाकरे ने कहा है की प्रत्येक व्यक्ति को सावधान और सचेत रहने की जरूरत है, क्योंकि कोरोना…
  • एम. के. भद्रकुमार
    90 दिनों के युद्ध के बाद का क्या हैं यूक्रेन के हालात
    27 May 2022
    रूस की सर्वोच्च प्राथमिकता क्रीमिया के लिए एक कॉरिडोर स्थापित करना और उस क्षेत्र के विकास के लिए आर्थिक आधार तैयार करना था। वह लक्ष्य अब पूरा हो गया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License