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भारत
विश्व कप टीम से बाहर किये गये रायुडू ने क्रिकेट से संन्यास लिया
आंध्र के इस 33 साल के खिलाड़ी को ब्रिटेन में चल रहे विश्व कप के लिये अधिकारिक स्टैंडबाई सूची में रखा गया था लेकिन आलराउंडर विजय शंकर के चोटिल होने के बाद उसकी अनदेखी की गयी।
भाषा
03 Jul 2019
Rayadu

मौजूदा विश्व कप के लिये दो बार अनदेखी किये जाने के बाद भारतीय मध्यक्रम के बल्लेबाज अम्बाती रायुडू ने बुधवार को बिना कारण बताये क्रिकेट के सभी प्रारूपों से संन्यास ले लिया। 

आंध्र के इस 33 साल के खिलाड़ी को ब्रिटेन में चल रहे विश्व कप के लिये अधिकारिक स्टैंडबाई सूची में रखा गया था लेकिन आलराउंडर विजय शंकर के चोटिल होने के बाद उसकी अनदेखी की गयी।

टीम प्रबंधन के जोर देने के बाद सलामी बल्लेबाज मयंक अग्रवाल को भारतीय टीम में शामिल कर लिया गया और पता चला है कि रायुडू इन घटनाओं से काफी निराश हो गये। 
रायुडू ने बीसीसीआई को लिखे ईमेल में कहा, ‘‘मैंने खेल से दूर जाने और सभी प्रारूपों और खेल के सभी स्तरों से संन्यास लेने का फैसला किया है। मैं बीसीसीआई और राज्य संघों को शुक्रिया करना चाहूंगा जिसमें हैदराबाद, बड़ौदा, आंध्र और विदर्भ संघ शामिल हैं। ’’

उन्होंने कहा, ‘‘अपने देश का प्रतिनिधित्व करना सम्मानजनक रहा।’’ रायुडू ने भारत के लिये 55 वनडे खेलते हुए 47.05 के औसत से 1694 रन बनाये हैं। यह खिलाड़ी कभी टेस्ट टीम में जगह नहीं बना सका और विश्व कप से पहले वह चर्चा में बना हुआ था।

भारतीय कप्तान विराट कोहली ने कुछ महीने पहले चौथे नंबर के लिये रायुडू के नाम को तरजीह दी थी लेकिन टूर्नामेंट के लिये चुनी गयी अंतिम टीम में रायुडू की अनदेखी की गयी और शंकर को चुना गया।

मुख्य चयनकर्ता एमएसके प्रसाद ने इस फैसले को सही करार दिया था। इसके बाद रायुडू ने इस बयान का मजाक उड़ाते हुए सोशल मीडिया पर ट्वीट किया, ‘‘विश्व कप देखने के लिये त्रिआयामी (थ्री डी) चश्मे का आर्डर किया है।’’

इसके बाद उन्हें स्टैंडबाई सूची में शामिल किया गया, लेकिन उन्हें बुलाया नहीं गया। रायुडू ने लिखा, ‘‘मैं उन कप्तानों का शुक्रिया अदा करना चाहूंगा जिनकी कप्तानी में मैं खेला। महेंद्र सिंह धोनी, रोहित शर्मा और विशेषकर विराट कोहली को जिन्होंने भारतीय टीम के साथ मेरे पूरे करियर में मुझ पर हमेशा भरोसा दिखाया।’’

उन्होंने लिखा, ‘‘इस खेल को खेलने का सफर शानदार रहा और पिछले 25 वर्षों में विभिन्न स्तर के लिये खेलते हुए उतार चढ़ाव से काफी कुछ सीखा।’’ घरेलू सर्किट में साथी क्रिकेटरों के साथ कई बार और यहां तक मैच अधिकारियों के साथ झड़प के कारण रायुडू की छवि तुनकमिजाज खिलाड़ी की बन गयी। 

उसने सीमित ओवर के प्रारूप पर ध्यान लगाने के लिये पिछले साल प्रथम श्रेणी क्रिकेट से संन्यास ले लिया था।  वह 2007 में प्रतिबंधित इंडियन क्रिकेट लीग में खेला था जो राष्ट्रीय टीम में उसके चयन में बाधा बनी थी। 

बाद में वह उन 79 खिलाड़ियों में शामिल रहे जिन्हें बीसीसीआई ने 2009 में बागी लीग में खेलने के लिये माफी दी थी। उसने 2013 में जिम्बाब्वे के खिलाफ राष्ट्रीय वनडे टीम में जगह बनायी। 

आईपीएल शुरू होने के बाद रायुडू को मुंबई इंडियंस ने चुन लिया जिसके बाद वह चेन्नई सुपरकिंग्स के साथ रहे।  पिछले साल रायुडू सुर्खियों में आये जब उन पर सैयद मुश्ताक अली ट्राफी के दौरान मैदानी अंपायर के साथ बहस के कारण दो मैच का प्रतिबंध लगा।

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