NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पांच महीनों में प्याज की कीमतों में आया 253 फ़ीसदी का उछाल
भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग द्वारा प्याज की कीमतों के नियंत्रण के लिए बाज़ार विश्लेषण पर बीजेपी सरकार ने नहीं दिया ध्यान
पृथ्वीराज रूपावत
11 Dec 2019
capture

प्याज के ऊंचे दामों की समस्या एक बार फिर लोगों के सामने खड़ी हो गई है। लेकिन इस बार तीन महीने से प्याज आम लोगों की जेब काट रही है। इस साल अगस्त और दिसंबर के बीच, देश में औसतन प्याज के दामों में 253 फ़ीसदी का इज़ाफ़ा हुआ है। बाजारों में औसतन प्याज का दाम 100 रुपये किलो है। वहीं कुछ बड़े शहरों में दिसंबर के पहले हफ्ते में प्याज 200 रुपये किलो की दर बिकी है।

2014 में नरेंद्र मोदी सरकार के आने से पहले, यूपीए सरकार की एक बड़ी असफलता प्याज जैसे रेशेदार खाद्यों के दाम पर काबू करने में असफलता थी। इस मुद्दे पर उस वक्त विपक्ष में मौजूद एनडीए ने यूपीए पर खूब हमले भी किए थे। लेकिन तबसे स्थिति और बदतर होती चली गई।

इस बीच किसान संगठनों का अंदाजा है कि अगले सीजन में प्याज का अतिउत्पादन होगा, क्योंकि किसानों ने कभी प्याज के दामों में इतनी बढ़ोत्तरी नहीं देखी। एग्रीकल्चर प्रोड्यूस मार्केट कमेटी, लासलगांव के निदेशक जयदत्त होलकर ने इकनॉमिक टाइम्स को बताया,'' रबी की फसलों के क्षेत्र में अब उछाल आएगा, क्योंकि किसानों ने कभी इतने ऊंचे प्याज के दाम नहीं देखे।'' 

विश्लेषकों का मानना है कि बढ़े हुए दामों की वजह कर्नाटक औऱ महाराष्ट्र में आई भयंकर बाढ़ है। दोनों प्रदेश सब्जियों के सबसे बड़े उत्पादक हैं। लेकिन यह एकमात्र कारण नहीं है। कृषि मंत्रालय के अनुमान के मुताबिक़, कृषि सत्र के अंत में जून 2019 तक 23.28 मिलियन टन प्याज का उत्पादन हो चुका था। यह आंकड़ा पिछले साल की पैदावार के काफ़ी करीब है।

भारतीय प्रतिस्पर्धा आयोग ने प्याज बाज़ार का दो बार विश्लेषण किया है। 2012 और 2015 में किए गए इन विश्लेषणों में समस्या की जड़ तक पहुंचने की कोशिश की गई थी। इन दो अध्ययनों से पता चला कि महाराष्ट्र और कर्नाटक के चुनिंदा बाजारों में व्यापारियों के बीच गठजोड़ से प्याज की कीमतों में उछाल आया था। इसके अलावा मार्केटिंग पर लगने वाला पैसा, खराब इंफ्रास्ट्रक्चर, प्याज की ऊंची कीमतों पर कुछ व्यापारियों का अधिकार, नए व्यापारियों की आवक पर प्रतिबंध, बाज़ार प्रशासकों की अकसर होने वाली हड़तालें भी प्याज के दामों में उछाल लाने में योगदान देती हैं। लेकिन समस्या के समाधान के बजाए सरकार ने दूसरे देशों से प्याज के आयात में ढील दे दी। इस कदम की कृषक संगठनों ने कड़ी आलोचना की है।   

पूर्व सांसद और स्वाभिमान शेतकारी संगठन नाम के कृषक संगठन के स्थापक राजू शेट्टी ने इकनॉमिक टाइम्स से कहा,''हम आयात के खिलाफ नहीं हैं। लेकिन इसका मौका खराब है। सरकार जो आयात करवा रही है, वह तब भारत पहुंचेगा जब स्थानीय उत्पादन अपने चरम पर होगा। प्याज उत्पादन करने वाले किसानों को पिछले दो सालों में बड़ा नुकसान हुआ है। सही होता कि उन्हें अपने नुकसान की भरपाई करने दी जाती।''

रिपोर्टों के मुताबिक़ 2010 से 2014 के बीच प्याज की कीमतों में पांच बार उछाल आया है।

o.JPGSource: Annual Price and Arrival Report, National Horticulture Board

बीजेपी जब सत्ता में आई तो पहली बड़ी बाधा प्याज की बढ़ी हुई कीमतें ही थीं। 2014 में मई और जुलाई के बीच प्याज की कीमतों में 62 फ़ीसदी उछाल आया था। अगले साल, 2015 में जून और सितंबर के बीच कीमतों में 125 फ़ीसदी की बढ़ोत्तरी हुई और कीमतें 60 रुपये किलो तक पहुंच गईं। 2017 में कीमतों में दो बार वृद्धि दर्ज की गई। प्याज की कीमतों में जुलाई से अगस्त के बीच 106 फ़ीसदी और सितंबर से नवंबर में और 60 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी हुई। 

2019 के अगस्त में प्याज का खुदरा मूल्य 27 रुपये प्रति किलो था, इस साल दिसंबर तक प्याज 100 रुपये प्रति किलो की भारी-भरकम कीमत पर बिक रही है। अगस्त से अभी तक इन कीमतों में 253 फ़ीसदी बढ़ोत्तरी हो चुकी है।

डेटा एनालिसिस पीयूष शर्मा ने किया है।

onion price
onion price hike
onion price hike 253 percentage
onion price hike in bjo era
cause behind onion price hike
pyaj ke daam kyun badhe

Related Stories


बाकी खबरें

  • विजय विनीत
    ग्राउंड रिपोर्टः पीएम मोदी का ‘क्योटो’, जहां कब्रिस्तान में सिसक रहीं कई फटेहाल ज़िंदगियां
    04 Jun 2022
    बनारस के फुलवरिया स्थित कब्रिस्तान में बिंदर के कुनबे का स्थायी ठिकाना है। यहीं से गुजरता है एक विशाल नाला, जो बारिश के दिनों में फुंफकार मारने लगता है। कब्र और नाले में जहरीले सांप भी पलते हैं और…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    कोरोना अपडेट: देश में 24 घंटों में 3,962 नए मामले, 26 लोगों की मौत
    04 Jun 2022
    केरल में कोरोना के मामलों में कमी आयी है, जबकि दूसरे राज्यों में कोरोना के मामले में बढ़ोतरी हुई है | केंद्र सरकार ने कोरोना के बढ़ते मामलों को देखते हुए पांच राज्यों को पत्र लिखकर सावधानी बरतने को कहा…
  • kanpur
    रवि शंकर दुबे
    कानपुर हिंसा: दोषियों पर गैंगस्टर के तहत मुकदमे का आदेश... नूपुर शर्मा पर अब तक कोई कार्रवाई नहीं!
    04 Jun 2022
    उत्तर प्रदेश की कानून व्यवस्था का सच तब सामने आ गया जब राष्ट्रपति और प्रधानमंत्री के दौरे के बावजूद पड़ोस में कानपुर शहर में बवाल हो गया।
  • अशोक कुमार पाण्डेय
    धारा 370 को हटाना : केंद्र की रणनीति हर बार उल्टी पड़ती रहती है
    04 Jun 2022
    केंद्र ने कश्मीरी पंडितों की वापसी को अपनी कश्मीर नीति का केंद्र बिंदु बना लिया था और इसलिए धारा 370 को समाप्त कर दिया गया था। अब इसके नतीजे सब भुगत रहे हैं।
  • अनिल अंशुमन
    बिहार : जीएनएम छात्राएं हॉस्टल और पढ़ाई की मांग को लेकर अनिश्चितकालीन धरने पर
    04 Jun 2022
    जीएनएम प्रशिक्षण संस्थान को अनिश्चितकाल के लिए बंद करने की घोषणा करते हुए सभी नर्सिंग छात्राओं को 24 घंटे के अंदर हॉस्टल ख़ाली कर वैशाली ज़िला स्थित राजापकड़ जाने का फ़रमान जारी किया गया, जिसके ख़िलाफ़…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License