दिल्ली के जंतर मंतर पर देश भर से आए आदिवासी प्रतिनिधि अगले साल होने वाली जनगणना में अपने लिए अलग धर्मकोड माँग रहे है. उनका मानना है कि आदिवासियों की गणना संविधान के द्वारा दिए गए धर्म चुनने की स्वतंत्रता के अनुरूप हो. प्रतिनिधि बताते है कि आदिवासियों का जनजीवन और संस्कृति हिंदू धर्म से इतर है. उन्हें हिंदू बताना उनकी परंपराओं का अपमान करने जैसा है.