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पाकिस्तान
पाकिस्तान :  जमात-उद-दावा सरगना हाफिज सईद गिरफ़्तार
हाफिज सईद की गिरफ्तारी एफएटीएफ की प्रतिबद्धताओं के संबंध में पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के तौर पर देखी जा रही है जिसकी अगली समयसीमा अक्टूबर में है।

 
भाषा
17 Jul 2019
HAFIZ SAEED
Image Courtesy: the indian express

लाहौर : मुंबई आतंकवादी हमले के मास्टरमाइंड और प्रतिबंधित संगठन जमात-उद-दावा (जेयूडी) के सरगना हाफिज सईद को आतंकवाद रोधी विभाग (सीटीडी) ने पाकिस्तान के पंजाब प्रांत से बुधवार को गिरफ्तार किया। पाकिस्तान के प्रधानमंत्री इमरान खान की अमेरिका की पहली यात्रा से कुछ दिन पहले यह कार्रवाई की गई है।

सीटीडी के एक अधिकारी ने पीटीआई-भाषा को बताया कि सईद आतंकवाद वित्तपोषण को लेकर उसके खिलाफ दर्ज मामले में अग्रिम जमानत के लिये लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था, तभी उसे गिरफ्तार कर लिया गया। उसके खिलाफ कई मामले लंबित हैं।

अधिकारी ने बताया, ‘‘जेयूडी प्रमुख बुधवार सुबह लाहौर से गुजरांवाला जा रहा था जब सीटीडी की टीम ने लाहौर से करीब 80 किलोमीटर दूर गुजरांवाला शहर के समीप उसे रोका और आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों पर उसे गिरफ्तार कर लिया।’’

उन्होंने बताया कि गिरफ्तार करने के फौरन बाद सईद को गुजरांवाला में आतंकवाद रोधी अदालत में पेश किया गया जहां उसे न्यायिक हिरासत में भेज दिया गया। इसके बाद उसे उच्च सुरक्षा वाली कोट लखपत जेल भेज दिया गया जहां पूर्व प्रधानमंत्री नवाज शरीफ बंद हैं।

शरीफ अल-अजीजिया मिल्स भ्रष्टाचार मामले में सात साल की जेल की सजा काट रहे हैं।

सीटीडी ने एक बयान में कहा कि सईद को गुजरांवाला में दर्ज एक मामले में गिरफ्तार किया गया और वह एटीसी, गुजरांवाला में मुकदमे का सामना करेगा।

सीटीडी ने पंजाब प्रांत के विभिन्न शहरों में ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के आरोपों पर तीन जुलाई को सईद समेत जेयूडी के 13 शीर्ष नेताओं के खिलाफ 23 प्राथमिकियां दर्ज की थी।

आतंकवाद रोधी अदालत (एटीसी) ने सोमवार को लाहौर में जेयूडी सरगना और तीन अन्य को गिरफ्तारी से पूर्व जमानत दे दी थी। यह मामला भूमि पर कब्जा करने और वहां लश्कर-ए-तय्यबा का मदरसा स्थापित करने से जुड़ा हुआ था।

सईद के नेतृत्व वाला जेयूडी लश्कर-ए-तैयबा का ही संगठन है जो 2008 मुंबई हमलों के लिए जिम्मेदार है। इस हमले में 166 लोग मारे गए थे।

अमेरिका के वित्त विभाग ने सईद को आतंकवादी सूची में डाल रखा है और अमेरिका ने 2012 से ही सईद को सजा दिलाने के लिए सूचना देने के वास्ते एक करोड़ डॉलर का इनाम घोषित कर रखा है।

अंतरराष्ट्रीय समुदाय के दबाव में पाकिस्तानी अधिकारियों ने जेयूडी, लश्कर-ए-तैयबा और उसकी चैरिटी इकाई फलाह-ए-इंसानियत फाउंउेशन (एफआईएफ) के ठिकानों और आतंकवाद के वित्त पोषण के वास्ते निधि जुटाने के लिए ट्रस्टों के इस्तेमाल के मामलों की जांच शुरू की है।

सईद की गिरफ्तारी ऐसे समय में हुई है जब प्रधानमंत्री इमरान खान 21 जुलाई को अमेरिका की यात्रा पर जाएंगे और इस दौरान वह अमेरिका के राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप के साथ बातचीत करेंगे।

अमेरिका लगातार पाकिस्तान से आतंकवादियों की पनाहगाहों को खत्म करने और धन तक उनकी पहुंच रोकने के लिए संयुक्त राष्ट्र सुरक्षा परिषद की प्रतिबद्धताओं का पालन करने के लिए कहता रहा है।

सईद की गिरफ्तारी वित्तीय कार्रवाई बल (एफएटीएफ) की प्रतिबद्धताओं के संबंध में पाकिस्तान पर बढ़ते दबाव के तौर पर देखी जा रही है जिसकी अगली समयसीमा अक्टूबर में है।

पुलवामा हमले के बाद बढ़ते अंतरराष्ट्रीय दबाव के बाद देशभर में मदरसों और मस्जिदों समेत जेयूडी तथा एफआईएफ की संपत्तियों को नियंत्रण में लेने के बाद से सईद अपने लाहौर स्थित जौहर टाउन आवास में रह रहा था और वह चर्चाओं में नहीं था।

यहां तक कि उसे लाहौर और मुरीदके में जेयूडी के मुख्यालय में प्रवेश करने से भी रोक दिया गया था।

अधिकारियों के अनुसार, जेयूडी के नेटवर्क में 300 मदरसे, स्कूल, अस्पताल, एक पब्लिशिंग हाउस और एम्बुलेंस सेवा शामिल हैं।

पाकिस्तानी सरकार ने हाल ही में जेयूडी में दूसरे नंबर के माने जाने वाले अब्दुल रहमान मक्की को सार्वजनिक भाषण देने और आतंकवाद के वित्त पोषण के आरोपों में गिरफ्तार किया था। वह सईद का रिश्तेदार है।

सीटीडी ने बताया कि उसने सईद और उसके 12 सहयोगियों पर ‘‘आतंकवाद के वित्त पोषण’’ के 23 मामले दर्ज कर रखे हैं।

अन्य संदिग्धों में मलिक जफर इकबाल, अमीर हम्जा, मुहम्मद याह्या अजीज, मुहम्मद नईद, मोहसिन बिलाल, अब्दुल रकीब, अहमद दौद,मुहम्मद अयूब, अब्दुल्ला उबैद, मुहम्मद अली और अब्दुल गफार हैं।

बताया जाता है कि जब से सरकार ने इन संगठनों की संपत्तियों को अपने कब्जे में लिया है तब से अन्य संदिग्ध छिपे हुए हैं।

सईद और अन्य ने सीटीडी की प्राथमिकियों को लाहौर उच्च न्यायालय में चुनौती दी जिस पर अदालत ने संघीय सरकार, पंजाब सरकार और सीटीडी को नोटिस जारी किए तथा उनसे 30 जुलाई तक जवाब मांगा।

पंजाब सरकार ने आतंकवाद रोधी कानून 1997 के तहत 31 जनवरी 2017 को सईद और उसके चार साथियों को नजरबंद किया था।

सईद को 2017 नवंबर में नजरबंदी से रिहा किया गया। उसे नवंबर 2008 में मुंबई आतंकवादी हमले के बाद भी नजरबंद किया गया था लेकिन अदालत ने 2009 में उसे रिहा कर दिया था।

 

 

 

 

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Hafiz Saeed
Pakistan
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