NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पांच साल में पहली प्रेस कांफ्रेंस और अमित शाह की ओट में छिपे ‘मौन मोदी’!
बीजेपी के नई दिल्ली स्थित ‘पांच सितारा’ कार्यालय में पार्टी को कवर करने वाले रिपोर्टरों के बीच में पांच साल में मोदी पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करने आए लेकिन किसी सवाल के जवाब दिए बिना ही लौट गए।
अमित सिंह
17 May 2019
अमित शाह और नरेंद्र मोदी
(फोटो साभार: बीजेपी/ट्विटर)

अपने कार्यकाल के बचे चंद आखिरी दिनों में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने शुक्रवार को एक प्रेस कांफ्रेंस की। पार्टी के नई दिल्ली स्थित ‘पांच सितारा’ कार्यालय में बीजेपी को कवर करने वाले रिपोर्टरों के बीच में पांच साल में मोदी पहली बार प्रेस कांफ्रेंस करने आए लेकिन किसी सवाल के जवाब दिए बिना ही लौट गए। पत्रकारों के सवालों को लेकर प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी मौन रहे और राष्ट्रीय अध्यक्ष अमित शाह की ओट में छिपते नजर आए। 

पिछले प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह को ‘मौन मोहन सिंह’ बुलाने वाले नरेंद्र मोदी ने पत्रकारों के सवालों को लेकर उनसे बड़ा मौन ओढ़ लिया। आपको बता दें कि मोदी के उल्टा मनमोहन सिंह ने कभी प्रेस वार्ताओं से कतराने की कोशिश नहीं की। उन्होंने हर साल कम से कम दो प्रेस वार्ताएं कीं थी।

वैसे अपने कार्यकाल में हमारे प्रधानमंत्री मोदी ने ढेर सारे इतिहास बनाए। उनके सर्मथकों के बीच भी यह स्लोगन खूब चला था कि इतिहास में ऐसा पहली बार हुआ है। तो शुक्रवार को भी प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपने समर्थकों को निराश नहीं किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी लोकतांत्रिक भारत के इतिहास में ऐसे प्रधानमंत्री के रूप में दर्ज हो जाएंगे जिसने प्रेस कांफ्रेंस में किसी भी पत्रकार के एक भी सवाल का जवाब नहीं दिया है। 

हालांकि अपने कार्यकाल के आखिरी क्षणों में प्रेस कांफ्रेंस करके उन्होंने यह मौका अपने समर्थकों को नहीं दिया कि वे यह दावा कर सकते हैं कि नरेंद्र मोदी इतिहास में एक भी प्रेस कांफ्रेंस न करने वाले पहले प्रधानमंत्री हैं। 

प्रेस कांफ्रेंस में सवाल का जवाब देने की परंपरा किसी भी लोकतंत्र के लिए कितनी मायने रखती है कि इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि प्रेस के कट्टर आलोचक रहे अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप नियमित रूप से पत्रकारों के सवालों का जवाब देते हैं। 

फिलहाल शुक्रवार को हुई प्रेस कांफ्रेंस के दौरान प्रधानमंत्री ने सिर्फ अपने मन की बात की। प्रधानमंत्री मोदी से पूछे गए सवाल को उन्होंने पार्टी अध्यक्ष पर डालते हुए कहा कि वह अनुशासित कार्यकर्ता हैं।

जबकि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी अपने बोलने के लिए ही जाने जाते हैं। वे खूब बोलते हैं। इस चुनाव में भी उन्होंने कितनी रैलियों को संबोधित किया है इसकी भी जानकारी अमित शाह ने ही दी। प्रधानमंत्री ने सिर्फ गर्व से इतना बताया कि उनकी एक भी रैली कैंसिल नहीं हुई है। 

फिलहाल सच्चाई यही है कि चुनावी रैलियों, रेडियो, यूट्यूब, ऐप और कार्यकर्ताओं के बीच खूब और लंबा बोलने वाले प्रधानमंत्री मीडिया के सामने आते ही चुप्पी ओढ़ लेते हैं। वह सिर्फ अपने कुछ पसंदीदा एंकरों को साक्षात्कार देते हुए नजर आते हैं। 

शुक्रवार को प्रेस कांफ्रेंस ने उन्होंने दावा किया कि पांच साल के कार्यकाल के बाद उनकी सरकार दोबारा चुनकर आएगी। तो वहीं अमित शाह ने आखिर में एक सवाल के जवाब में अफसोस भी जाहिर किया कि पिछले पांच साल में हम मीडिया को साथ नहीं ले पाए, इसका मलाल है। 

हालांकि प्रधानमंत्री द्वारा किसी भी सवाल का जवाब नहीं देने पर विपक्षी दलों ने भी तंज कसा। आम चुनाव के प्रचार की समाप्ति पर कांग्रेस ने भी प्रेस कॉन्फ्रेंस की। 

कांग्रेस अध्यक्ष राहुल गांधी की प्रेस कॉन्फ्रेंस में जब पत्रकारों ने बताया कि बीजेपी भी मीडिया से बात कर रही है तो उन्होंने तंज करते हुए कहा, 'वेरी गुड, प्रधानमंत्री का पहला प्रेस कॉन्फ्रेंस चुनाव परिणाम से चार पांच दिन पहले होता है। यह अजीब है कि प्रधानमंत्री अमित शाह के साथ प्रेस कॉन्फ्रेंस कर रहे हैं। सुना है दरवाजा बंद कर दिया गया है और कुछ पत्रकारों को घुसने नहीं दिया जा रहा है। बंद कमरे में प्रेस कॉन्फ्रेंस हो रही है।' 

 


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड: सरकारी लापरवाही का आरोप लगाते हुए ट्रेड यूनियनों ने डिप्टी सीएम सिसोदिया के इस्तीफे की मांग उठाई
    17 May 2022
    मुण्डका की फैक्ट्री में आगजनी में असमय मौत का शिकार बने अनेकों श्रमिकों के जिम्मेदार दिल्ली के श्रम मंत्री मनीष सिसोदिया के आवास पर उनके इस्तीफ़े की माँग के साथ आज सुबह दिल्ली के ट्रैड यूनियन संगठनों…
  • रवि शंकर दुबे
    बढ़ती नफ़रत के बीच भाईचारे का स्तंभ 'लखनऊ का बड़ा मंगल'
    17 May 2022
    आज की तारीख़ में जब पूरा देश सांप्रादायिक हिंसा की आग में जल रहा है तो हर साल मनाया जाने वाला बड़ा मंगल लखनऊ की एक अलग ही छवि पेश करता है, जिसका अंदाज़ा आप इस पर्व के इतिहास को जानकर लगा सकते हैं।
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    यूपी : 10 लाख मनरेगा श्रमिकों को तीन-चार महीने से नहीं मिली मज़दूरी!
    17 May 2022
    यूपी में मनरेगा में सौ दिन काम करने के बाद भी श्रमिकों को तीन-चार महीने से मज़दूरी नहीं मिली है जिससे उन्हें परेशानियों का सामना करना पड़ रहा है।
  • सोन्या एंजेलिका डेन
    माहवारी अवकाश : वरदान या अभिशाप?
    17 May 2022
    स्पेन पहला यूरोपीय देश बन सकता है जो गंभीर माहवारी से निपटने के लिए विशेष अवकाश की घोषणा कर सकता है। जिन जगहों पर पहले ही इस तरह की छुट्टियां दी जा रही हैं, वहां महिलाओं का कहना है कि इनसे मदद मिलती…
  • अनिल अंशुमन
    झारखंड: बोर्ड एग्जाम की 70 कॉपी प्रतिदिन चेक करने का आदेश, अध्यापकों ने किया विरोध
    17 May 2022
    कॉपी जांच कर रहे शिक्षकों व उनके संगठनों ने, जैक के इस नए फ़रमान को तुगलकी फ़ैसला करार देकर इसके खिलाफ़ पूरे राज्य में विरोध का मोर्चा खोल रखा है। 
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License