NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
पे-टीएम : सीबीआई की तरह एक उलझी-सुलझी कहानी
कहानियां PAYTM की बहुत हैं। इन दिनों के विवाद के कई किस्से हैं तो पिछले दिनों कोबरा पोस्ट का स्टिंग ऑपरेशन कई नयी कहानियाँ सामने लाया था...।
अंकित पांडेय
27 Oct 2018
paytm
Image Courtesy: Financil Express

पे-टीएम (PAYTM) एक बार फिर सुर्खियों में है। इस बार चर्चा का विषय है PAYTM  के  कुछ  कर्मचारियों  द्वारा PAYTM  के  डायरेक्टर  विजय  शेखर शर्मा को  डाटा  लीक  करने  की  धमकी  देना  है। धमकी  देने  वाले  में  विजय  शेखर  शर्मा  की  सेक्रेट्री  सोनिया  धवन  प्रमुख आरोपी हैं। उन्हें  इस  मामले  में  गिरफ़्तार  कर  लिया  गया  है।

लेकिन इसके पीछे कई कहानियां कही जा रही हैं। कहानियां PAYTM की बहुत हैं। पिछले  दिनों  कोबरा  पोस्ट  के  एक  स्टिंग  ऑपरेशन  ने  कई  नयी  कहानियाँ  सामने  लायी  थी। कहने वाले कहते हैं कि PAYTM एक विशेष राजनीति विचारधारा और पार्टी का टूल (औजार) बन गया है।

तकनीकी  का  प्रयोग  आज  हर क्षेत्र में  बढ़ता  जा  रहा  है। ख़बरों को  बनाने  और  उनका  प्रचार  करने  में  आज  तकनीक का  उपयोग  काफी  तेजी  से  बढ़  रहा  है। फेसबुक, ट्विटर , व्हाट्सएप्प   और  अन्य  सोशल  मीडिया  से जुड़े  एप्स  के  माध्यम  से  आज  खबरों  को  प्रचारित  किया  जा  रहा  है। वहीं  खरीदारी, पैसे  के लेन  देन  और  रोज़मर्रा  की  जरूरतों  के  लिए  मार्केटिंग  सेक्टर  के  एप्स  जैसे  PAYTM , फ़ोन पे  आदि  का  उपयोग  किया  जा  रहा  है। तकनीक के  बढ़ते  इस  उपयोग  में  आज अपनी  राजनीतिक  विचारधारा  को  बढ़ाने  का सवाल है। गौरतलब  पिछले  दिनों  में  राजनीतिक  विचारधारा  खासकर  कट्टर विचारधाराओं  को  बढ़ाने  में  फेसबुक, व्हाट्सएप  और  ट्विटर  का  जबरदस्त  रूप  से  उपयोग  किया  गया  है। फेसबुक, ट्विटर और व्हाट्सएप  के  जरिये  फेक  न्यूज़ (झूठी ख़बर) और हेट न्यूज़ (घृणा पर आधारित ख़बर) को भी काफी  हद तक प्रचारित किया गया है।

आरएसएस यानी राष्ट्रीय स्वयंसेवक संघ  हिंदुत्व  की  विचारधारा  पर  काम  करने  वाला  सबसे  बड़ा संगठन है। अगर  आरएसएस  के  क्रिया-कलापों  को  देखा  जाये  तो पिछले  समय  में  आरएसएस  ने  विभिन्न  तरीकों  से  अपनी  विचारधारा  को  फैलाया  है जिसमें  आरएसएस  के  द्वारा  चलाये  जाने  वाले  स्कूल  शिशु  मंदिर  और  विद्या  मंदिर  का  महत्वपूर्ण  स्थान  है। आरएसएस का  अपना  मुखपत्र  पांचजन्य  के  नाम  से  चलता  है। इसके  अलावा  आरएसएस  अपनी  विचारधारा  के  प्रचार  के  लिए  विभिन्न  पत्रिकाओं  जैसे  संस्कृत  ज्ञान परीक्षा, बोधमाला को  अपने  स्कूलों के  माध्यम  से  बांटता  आया  है। आरएसएस ने  जाति  और  धर्म  के  नाम  से  काफी  सारे  छोटे-छोटे  सांस्कृतिक  संगठन  भी  बनाये  हैं, अगर  हम  शमसुल  इस्लाम  की  आरएसएस  के  बारे  में  लिखी  गयी किताबें  पड़ेंगे  तो  इसकी  विस्तृत  जानकारी  मिल  सकती  है। लेकिन अब  आरएसएस  अपनी  विचारधारा  को  फ़ैलाने  के  लिए  नए   तकनीकी  से  जुड़े  तरीकों  का  इस्तेमाल  कर  रहा  है।

मई  2018  में  आये  कोबरा पोस्ट के  स्टिंग  ऑपरेशन  ने  यह  जानकारी  दी  कि  कैसे  वर्तमान  सरकार  सरकार  और  आरएसएस  PAYTM  के  जरिये  अपनी  विचारधारा  को  फ़ैलाने  का काम  कर  रहे  हैं।  कोबरा  पोस्ट  के  पत्रकार  पुष्प  वर्मा  PAYTM  के  सीनियर  वाइस  प्रेसिडेंट  अजय  शेखर  शर्मा  जो  PAYTM  के  फाउंडर  विजय  शेखर  शर्मा  के  भाई  हैं  और  सुधांशु  गुप्ता  जो  PAYTM  के वाइस  प्रेसिडेंट  हैं  का एक  स्टिंग  ऑपरेशन  करते  हैं। इस  स्टिंग  ऑपरेशन  में  पुष्प  वर्मा  भगवत  गीता  के  प्रचार  के  लिए  अजय  शेखर  शर्मा  से  कहते  हैं। इसी  बातचीत  के  जरिये  अजय  शेखर  शर्मा  अपनी  आरएसएस  के  साथ  नजदीकियों  का  जिक्र  करते  हैं  कि  कैसे  PAYTM  के  द्वारा  वो  आरएसएस  की  मुखपत्र  पांचजन्य  का  प्रचार  करते  हैं। वो  अपनी इस बातचीत  के  बीच  में  जिक्र  करते  हैं  कि  एक  दिन  उनको पीएमओ  ऑफिस  से  फ़ोन  आया  और  उन्होंने  PAYTM  से  डाटा  माँगा  ताकि  वो  जम्मू  कश्मीर  में  पत्थरबाजी  कर  रहे  लोगो  की  पहचान  कर  पाए। हालांकि PAYTM ने अपने ऊपर लगाए गए सभी आरोपों को बेबुनियाद बताते हुए खारिज किया। 

अब  गौर  करने  की  बात  यह  है  कि  क्या PAYTM  का  विवाद  आपस  में  धमकी  देने, ब्लैकमेल करने का एक  विवाद  मात्र है या यह  विवाद  सीबीआई  के  विवाद  की  तरह बहुत  सारे  तारों  को  आपस  में  जोड़ता  है?

आरएसएस और बीजेपी  ने पिछले  दिनों  फेसबुक और  व्हाट्सएप  के  जरिये  अपने विचारों को  बड़ी  तेज़ी  से  फैलाया  है। इसके एक पहलू की  जानकारी पत्रकार स्वाति  चतुर्वेदी  की  किताब  'आई  ऍम  अ  ट्रोल'  में  बखूबी  मिल  सकता  है। जिसमें  उन्होंने  बताया  है  कि  बीजेपी की  डिजिटल आर्मी  ने  किस  तरह  ट्रोल  कल्चर  को  बढ़ावा  दिया  और  और  व्हाट्सएप्प  और  फेसबुक  के  मैसेज  के   जरिये जगह  जगह  सांप्रदायिक  तनाव  पैदा  किया।

इकनॉमिक  टाइम्स  में  2017  में  आयी  एक  रिपोर्ट  के  माध्यम  से  पता  चलता  है  कि  PAYTM  के 200 मिलियन  ग्राहक  हैं। नोट  बंदी  के  समय  में  PAYTM  के  ग्राहक  बड़ी  तेज़ी  से  बढ़े  थे  और  PAYTM  को  नोटबंदी से  काफी  फायदा  भी  हुआ  था जो  वर्तमान  सरकार  और  PAYTM  की  दोस्ती  का  एक  नमूना  था।   कोबरा  पोस्ट  के  स्टिंग  ऑपरेशन  से  साफ़ जाहिर  होता है कि वर्तमान  सरकार  इन ग्राहकों  के  डाटा  का इस्तेमाल  अपने  राजनीतिक  फायदे  के  लिए  कर  रही है। अगर  आरएसएस  की  बात  की  जाये  तो  अपनी  हिंदुत्व की  विचारधारा  को  बढ़ाने  में  प्राइवेट  कंपनियों  का  इस्तेमाल  कर  रही  है।

paytm
Digital payments company
BJP-RSS
TECHNOLOGY
KOBRA POST

Related Stories

लखनऊ विश्वविद्यालय: दलित प्रोफ़ेसर के ख़िलाफ़ मुक़दमा, हमलावरों पर कोई कार्रवाई नहीं!

कविता का प्रतिरोध: ...ग़ौर से देखिये हिंदुत्व फ़ासीवादी बुलडोज़र

भारत में सामाजिक सुधार और महिलाओं का बौद्धिक विद्रोह

2023 विधानसभा चुनावों के मद्देनज़र तेज़ हुए सांप्रदायिक हमले, लाउडस्पीकर विवाद पर दिल्ली सरकार ने किए हाथ खड़े

कोलकाता : वामपंथी दलों ने जहांगीरपुरी में बुलडोज़र चलने और बढ़ती सांप्रदायिकता के ख़िलाफ़ निकाला मार्च

बात बोलेगी: मुंह को लगा नफ़रत का ख़ून

सुप्रीम कोर्ट ने जहांगीरपुरी में अतिक्रमण रोधी अभियान पर रोक लगाई, कोर्ट के आदेश के साथ बृंदा करात ने बुल्डोज़र रोके

अब राज ठाकरे के जरिये ‘लाउडस्पीकर’ की राजनीति

जलियांवाला बाग: क्यों बदली जा रही है ‘शहीद-स्थल’ की पहचान

सियासत: दानिश अंसारी के बहाने...


बाकी खबरें

  • शारिब अहमद खान
    ईरानी नागरिक एक बार फिर सड़कों पर, आम ज़रूरत की वस्तुओं के दामों में अचानक 300% की वृद्धि
    28 May 2022
    ईरान एक बार फिर से आंदोलन की राह पर है, इस बार वजह सरकार द्वारा आम ज़रूरत की चीजों पर मिलने वाली सब्सिडी का खात्मा है। सब्सिडी खत्म होने के कारण रातों-रात कई वस्तुओं के दामों मे 300% से भी अधिक की…
  • डॉ. राजू पाण्डेय
    विचार: सांप्रदायिकता से संघर्ष को स्थगित रखना घातक
    28 May 2022
    हिंसा का अंत नहीं होता। घात-प्रतिघात, आक्रमण-प्रत्याक्रमण, अत्याचार-प्रतिशोध - यह सारे शब्द युग्म हिंसा को अंतहीन बना देते हैं। यह नाभिकीय विखंडन की चेन रिएक्शन की तरह होती है। सर्वनाश ही इसका अंत है।
  • सत्यम् तिवारी
    अजमेर : ख़्वाजा ग़रीब नवाज़ की दरगाह के मायने और उन्हें बदनाम करने की साज़िश
    27 May 2022
    दरगाह अजमेर शरीफ़ के नीचे मंदिर होने के दावे पर सलमान चिश्ती कहते हैं, "यह कोई भूल से उठाया क़दम नहीं है बल्कि एक साज़िश है जिससे कोई मसला बने और देश को नुकसान हो। दरगाह अजमेर शरीफ़ 'लिविंग हिस्ट्री' है…
  • अजय सिंह
    यासीन मलिक को उम्रक़ैद : कश्मीरियों का अलगाव और बढ़ेगा
    27 May 2022
    यासीन मलिक ऐसे कश्मीरी नेता हैं, जिनसे भारत के दो भूतपूर्व प्रधानमंत्री अटल बिहारी वाजपेयी और मनमोहन सिंह मिलते रहे हैं और कश्मीर के मसले पर विचार-विमर्श करते रहे हैं। सवाल है, अगर यासीन मलिक इतने ही…
  • रवि शंकर दुबे
    प. बंगाल : अब राज्यपाल नहीं मुख्यमंत्री होंगे विश्वविद्यालयों के कुलपति
    27 May 2022
    प. बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी ने बड़ा फ़ैसला लेते हुए राज्यपाल की शक्तियों को कम किया है। उन्होंने ऐलान किया कि अब विश्वविद्यालयों में राज्यपाल की जगह मुख्यमंत्री संभालेगा कुलपति पद का कार्यभार।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License