NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
इज़रायल के साथ फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण फिर से संबंध बहाल करेगा
पीए के सूत्रों ने कहा है कि संबंधों को बहाल करने का निर्णय संयुक्त राज्य अमेरिका, यूरोपीय संघ और अन्य 'देशों द्वारा मामले में हस्तक्षेप किए जाने के बाद किया गया।
पीपल्स डिस्पैच
18 Nov 2020
फ़िलिस्तीनी प्राधिकरण

फिलिस्तीनी प्राधिकरण के नागरिक मामलों के मंत्री हुसैन अल-शेख ने मंगलवार 17 नवंबर को एक ट्वीट में कहा कि फिलीस्तीनी राष्ट्रपति महमूद अब्बास ने पीए द्वारा इजरायल से ऑफिशियल और ओरल लेटर प्राप्त करने के बाद इज़रायल से संबंधों को बहाल करने की इच्छा व्यक्त की है जो दोनों पक्षों के बीच पिछले समझौतों के सम्मान में प्रतिबद्धता की पुष्टि करता है। उन्होंने आगे कहा कि ये संबंध मई महीने से पहले जैसे हो जाएंगे।

जॉर्डन घाटी सहित वेस्ट बैंक के क़ब्ज़े वाले बड़े हिस्से को इज़रायल की मिलाने की योजना के ख़िलाफ़ विरोध में क़ब्ज़े वाले वेस्ट बैंक में रामल्ला आधारित पीए ने इस साल मई में इजरायल के साथ सुरक्षा, खुफिया और अन्य तालमेल को समाप्त कर दिया था।

इजरायल के साथ संबंधों को बहाल करने के लिए पीए का फैसला भी तब हुआ है जब इजरायल ने संयुक्त अरब अमीरात और बहरीन के साथ अपने रिश्ते को "सामान्य करने के समझौते" की घोषणा के बाद एनेक्सेशन योजना को स्थगित करने की घोषणा की। फिलिस्तीनी प्रधानमंत्री मोहम्मद इश्तेय के अनुसार संबंधों की बहाली में वित्तीय मामलों, स्वास्थ्य मामलों के साथ ही राजनीतिक और सुरक्षा मुद्दों पर फिलिस्तीनी-इजरायल समन्वय शामिल होगा। उन्होंने किसी अन्य दीर्घकालिक लंबित मुद्दों और मतभेदों के बारे में इजरायल के साथ वार्ता करने के लिए पीए की इच्छा का भी संकेत दिया।

हालांकि इजरायल के साथ संबंधों को बहाल करने के इस निर्णय को लेकर फिलिस्तीनियों ने नाराज़गी जाहिर की है,विशेष रूप से अन्य फिलिस्तीनी राजनीतिक दलों ने पीए पर एकतरफा और मनमाने ढंग से इस फैसले को लेने का आरोप लगाया है। इस फैसले से मिस्र की राजधानी काहिरा में रविवार को जारी गाजा स्थित हमास प्रतिरोध आंदोलन और फतह पार्टी के बीच चल रही सुलह वार्ता को ख़तरे में डालने की भी आशंका है। हमास ने पहले ही पीए के इस फैसले की निंदा की है और कहा हा कि यह "एक क़ब्ज़े वाली सत्ता के साथ सहयोग करने के अलावा और कुछ भी नहीं है।"

विश्लेषकों का कहना है कि पीए के इस निर्णय का एक और कारण संभवतः यह तथ्य हो सकता है कि यह पीए को इजरायल से 890 मिलियन डॉलर से अधिक कर राजस्व प्राप्त करने में सक्षम करेगा जो कि पीए की ओर से इकट्ठा करता है और यह कि संबंधों की समाप्ति के बाद से पीए को जारी करने से रोक दिया गया था। परिणामस्वरूप,फिलीस्तीनी सिविल सेवकों के वेतन को कम करने के लिए पीए को मजबूर किया गया था क्योंकि जारी कोरोनोवायरस महामारी को रोकने के लिए इसकी योजनाओं को बुरी तरह प्रभावित कर रहा था।

Palestine
Palestinian Authority
israel-palestine conflict

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार

इज़राइल, फ़लस्तीन के बीच नए सिरे से हिंसा भड़कने की आशंका : संयुक्त राष्ट्र दूत

फ़िलिस्तीनी प्रशासनिक बंदी लोय अल-अश्क़र ने रिहाई पर हुए समझौते के बाद भूख हड़ताल ख़त्म की

फ़िलिस्तीनियों के खिलाफ़ नई बसाहटों वाले इज़रायलियों द्वारा 451 हिंसक घटनाओं को अंजाम दिया गया


बाकी खबरें

  • वसीम अकरम त्यागी
    विशेष: कौन लौटाएगा अब्दुल सुब्हान के आठ साल, कौन लौटाएगा वो पहली सी ज़िंदगी
    26 May 2022
    अब्दुल सुब्हान वही शख्स हैं जिन्होंने अपनी ज़िंदगी के बेशक़ीमती आठ साल आतंकवाद के आरोप में दिल्ली की तिहाड़ जेल में बिताए हैं। 10 मई 2022 को वे आतंकवाद के आरोपों से बरी होकर अपने गांव पहुंचे हैं।
  • एम. के. भद्रकुमार
    हिंद-प्रशांत क्षेत्र में आईपीईएफ़ पर दूसरे देशों को साथ लाना कठिन कार्य होगा
    26 May 2022
    "इंडो-पैसिफ़िक इकनॉमिक फ़्रेमवर्क" बाइडेन प्रशासन द्वारा व्याकुल होकर उठाया गया कदम दिखाई देता है, जिसकी मंशा एशिया में चीन को संतुलित करने वाले विश्वसनीय साझेदार के तौर पर अमेरिका की आर्थिक स्थिति को…
  • अनिल जैन
    मोदी के आठ साल: सांप्रदायिक नफ़रत और हिंसा पर क्यों नहीं टूटती चुप्पी?
    26 May 2022
    इन आठ सालों के दौरान मोदी सरकार के एक हाथ में विकास का झंडा, दूसरे हाथ में नफ़रत का एजेंडा और होठों पर हिंदुत्ववादी राष्ट्रवाद का मंत्र रहा है।
  • सोनिया यादव
    क्या वाकई 'यूपी पुलिस दबिश देने नहीं, बल्कि दबंगई दिखाने जाती है'?
    26 May 2022
    एक बार फिर यूपी पुलिस की दबिश सवालों के घेरे में है। बागपत में जिले के छपरौली क्षेत्र में पुलिस की दबिश के दौरान आरोपी की मां और दो बहनों द्वारा कथित तौर पर जहर खाने से मौत मामला सामने आया है।
  • सी. सरतचंद
    विश्व खाद्य संकट: कारण, इसके नतीजे और समाधान
    26 May 2022
    युद्ध ने खाद्य संकट को और तीक्ष्ण कर दिया है, लेकिन इसे खत्म करने के लिए, संयुक्त राज्य अमेरिका को सबसे पहले इस बात को समझना होगा कि यूक्रेन में जारी संघर्ष का कोई भी सैन्य समाधान रूस की हार की इसकी…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License