NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
राजनीति
अंतरराष्ट्रीय
फिलिस्तीन
फ़िलिस्तीनी क़ैदी रयान ने इज़रायल द्वारा इलाज में लापरवाही के ख़िलाफ़ भूख हड़ताल शुरू की
रिपोर्टों के अनुसार इज़रायल की जेलों में बंद लगभग 700 फ़िलिस्तीनी क़ैदी विभिन्न प्रकार की बीमारियों से पीड़ित हैं।
पीपल्स डिस्पैच
24 Mar 2021
फ़िलिस्तीनी

एक फिलीस्तीनी कैदी ने दो साल से अधिक समय से आवश्यक इलाज देने में चिकित्सकीय लापरवाही और इजरायल की उदासीनता के विरोध में भूख हड़ताल शुरू कर दिया है। मिड्डल ईस्ट ने मंगलवार 23 मार्च ये रिपोर्ट प्रकाशित किया।

वेस्ट बैंक के कब्जे वाले हेब्रोन (अल-खलील) शहर के 43 वर्षीय मैहर अबू रयान 25 साल की जेल की सजा काट रहे हैं और अतीत में सख्त हिंसक कार्रवाई के परिणाम स्वरुप स्वास्थ्य संबंधी कई समस्याओं से पीड़ित रहे हैं। इस हिंसक कार्रवाई में इजरायली सैनिकों ने 2003 में उन्हें गिरफ्तार किया था।

इजरायल के जेल अधिकारियों ने अतीत में कई वर्षों तक अबू रयान को आवश्यक इलाज देने में देरी की जिससे उन्हें श्वसन संबंधी कई अन्य बीमारियों का शिकार होना पड़ा।

इजरायल के सैनिकों द्वारा उन पर हमले के कारण पिछले कुछ वर्षों में कई सर्जरी होने के बाद भी अबू रयान को अभी भी विशेष इलाज की आवश्यकता है। अबू रयान इजरायल की जेल सेवा (आईपीएस) से मांग करते रहे हैं कि उन्हें आवश्यक साइनस ऑपरेशन की व्यवस्था कराई जाए लेकिन इसे अब दो साल से अधिक का समय गुजर गया है।

हिरासत में किसी कैदी को आवश्यक इलाज देने के बजाय आईपीएस ने गलत तरीके से दावा किया है कि अबू रयान ने सर्जरी कराने से इनकार करते हुए एक शपथ पत्र पर हस्ताक्षर किया है। अंतरराष्ट्रीय कन्वेंन और इजरायल के कानून के अनुसार इजरायली अधिकारी इलाज की व्यवस्था करने के लिए बाध्य हैं।

अबू रयान का मामला अत्यंत क्रूर और दंडात्मक व्यवहार और कार्यवाही का नवीनतम उदाहरण है जब फिलिस्तीनी कैदियों और प्रशासनिक बंदियों को इजरायली कैदी होने के दौरान ऐसा करने के लिए मजबूर किया जाता है। मानवाधिकार समूहों और कैदियों के अधिकार वाले समूहों ने वर्षों से जेल प्रशासन द्वारा अत्यधिक मानसिक, मनोवैज्ञानिक और शारीरिक यातना के बाद फिलिस्तीनी कैदियों की हिरासत में कई मौतों को लेकर दस्तावेज तैयार किया है। समय पर और आवश्यक चिकित्सा न मिलने के परिणामस्वरूप कैदियों के मरने के कई मामले भी सामने में आए हैं। मानवाधिकार समूहों के आंकड़ों के अनुसार 1967 के बाद से इजरायल की जेलों और हिरासत केंद्रों में 230 के करीब फिलिस्तीनी कैदियों की मौत हो गई है। सैकड़ों महिलाएं और बच्चों सहित करीब 5,000 फिलिस्तीनी कैदी वर्तमान में इजरायल में कैद हैं।

Palestine
Israel
prisons in israel
israeli jail authorities
palestine prisoners in israel

Related Stories

फ़िनलैंड-स्वीडन का नेटो भर्ती का सपना हुआ फेल, फ़िलिस्तीनी पत्रकार शीरीन की शहादत के मायने

न नकबा कभी ख़त्म हुआ, न फ़िलिस्तीनी प्रतिरोध

अल-जज़ीरा की वरिष्ठ पत्रकार शिरीन अबु अकलेह की क़ब्ज़े वाले फ़िलिस्तीन में इज़रायली सुरक्षाबलों ने हत्या की

अमेरिका ने रूस के ख़िलाफ़ इज़राइल को किया तैनात

इज़रायली सुरक्षाबलों ने अल-अक़्सा परिसर में प्रार्थना कर रहे लोगों पर किया हमला, 150 से ज़्यादा घायल

लैंड डे पर फ़िलिस्तीनियों ने रिफ़्यूजियों के वापसी के अधिकार के संघर्ष को तेज़ किया

अमेरिका ने ईरान पर फिर लगाम लगाई

ईरान नाभिकीय सौदे में दोबारा प्राण फूंकना मुमकिन तो है पर यह आसान नहीं होगा

शता ओदेह की गिरफ़्तारी फ़िलिस्तीनी नागरिक समाज पर इस्राइली हमले का प्रतीक बन गया है

141 दिनों की भूख हड़ताल के बाद हिशाम अबू हव्वाश की रिहाई के लिए इज़रायली अधिकारी तैयार


बाकी खबरें

  • कृष्णकांत
    भारत को मध्ययुग में ले जाने का राष्ट्रीय अभियान चल रहा है!
    10 May 2022
    भारत किसी एक मामले में फिसला होता तो गनीमत थी। चाहे गिरती अर्थव्यवस्था हो, कमजोर होता लोकतंत्र हो या फिर तेजी से उभरता बहुसंख्यकवाद हो, इस वक्त भारत कई मोर्चे पर वैश्विक आलोचनाएं झेल रहा है लेकिन…
  • सोनाली कोल्हटकर
    छात्रों के ऋण को रद्द करना नस्लीय न्याय की दरकार है
    10 May 2022
    छात्र ऋण अश्वेत एवं भूरे अमेरिकिर्यों को गैर-आनुपातिक रूप से प्रभावित करता है। समय आ गया है कि इस सामूहिक वित्तीय बोझ को समाप्त किया जाए, और राष्ट्रपति चाहें तो कलम के एक झटके से ऐसा कर सकते हैं।
  • khoj khabar
    न्यूज़क्लिक टीम
    अब झूठ मत बोलिए, सरकारी आंकड़ें बोलते- मुस्लिम आबादी में तेज़ गिरावट
    09 May 2022
    खोज ख़बर में वरिष्ठ पत्रकार भाषा सिंह ने बताया कि किस तरह से अंतर्राष्ट्रीय negative ranking से घिरी नरेंद्र मोदी सरकार को अब PR का भरोसा, मुस्लिम आबादी का झूठ NFHS से बेनक़ाब |
  • एम.ओबैद
    बीपीएससी प्रश्न पत्र लीक कांड मामले में विपक्षी पार्टियों का हमला तेज़
    09 May 2022
    8 मई को आयोजित बिहार लोक सेवा आयोग के 67वीं संयुक्त (प्रारंभिक) प्रतियोगी परीक्षा का प्रश्न पत्र लीक होने के बाद परीक्षा रद्द कर दी गई है। इसको लेकर विपक्षी पार्टियों ने सरकार पर हमला करना शुरू कर…
  • सत्यम् तिवारी
    शाहीन बाग़ ग्राउंड रिपोर्ट : जनता के पुरज़ोर विरोध के आगे झुकी एमसीडी, नहीं कर पाई 'बुलडोज़र हमला'
    09 May 2022
    एमसीडी की बुलडोज़र कार्रवाई का विरोध करते हुए और बुलडोज़र को वापस भेजते हुए शाहीन बाग़ के नागरिकों ने कहा कि "हम मुसलमानों के दिमाग़ पर बुलडोज़र नहीं चलने देंगे"।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License