NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पंजाबी यूनिवर्सिटी में महिला छात्रों की 24 घंटे हॉस्टल एंट्री की माँग को लेकर प्रदर्शन जारी
पिछले 20 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन में कई मोड़ आये हैं। फिलहाल छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं और साथ ही छात्र संगठनों द्वारा दिन महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ आयोजित की जा रही है। 
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
04 Oct 2018
punjabi university

18 सितम्बर से पटिलाया की पंजाबी यूनिवर्सिटी में छात्रों का विरोध प्रदर्शन चल रहा है। लेकिन ऐसा लग रहा है कि छात्रों के दबाव में जल्द ही छात्रों की सभी माँगों मान ली जाएँगी। पिछले 20 दिनों से चल रहे विरोध प्रदर्शन में कई मोड़ आये हैं। फिलहाल छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल पर बैठे हैं और साथ ही छात्र संगठनों द्वारा दिन महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ आयोजित की जा रही है। 

यूनिवर्सिटी प्रशासन ने छात्रों के विरोध प्रदर्शन के दबाव में ज़्यादतर माँगे मान ली हैं, लेकिन अब भी महिला छात्रों के लिए 24 घंटे हॉस्टल खुले रखने की माँग को नहीं माना गया है। छात्रों की चार मुख्य माँगे हैं। छात्र माँग कर रहे थे कि परीक्षाओं में कोड़ ऑफ़ कंडक्ट लागू किया जाए क्योंकि परीक्षा के परिणाम समय पर नहीं आ रहे थे। यूनिवर्सिटी के एक छात्र ने समझाया कि अगर दिसंबर में परीक्षा होती है तो उसका परिणाम इतना देर से आता है कि तब तक दूसरा अकादमिक सेशन शुरू हो जाता है। तब छात्रों को जल्दी रिजल्ट पाने के लिए 800 से 900 रुपये फीस देनी पड़ती थी। इसी तरह परीक्षा के परिणामों के बाद जो छात्र रिवैलुएशन का फॉर्म  भरते हैं उनका भी परिणाम नहीं आता था और उससे पहले ही रीअपीयरिंग की तारीख आ जाती थी। इस वजह से छात्रों  फॉर्म भरने पड़ते थे दोनों में ही 800 से 900 रुपये लगते थे। किसी छात्र से ज़्यादा फीस ली जा रही थी किसी से कम। 

छात्रों की दूसरी माँग थी कि परीक्षा के कंट्रोलर की पोस्ट ऐसे व्यक्ति को दी जाए जो और किसी पद पर न हो। बताया जा रहा है कि फिलहाल इस पद पर बैठे व्यक्ति कई और विभागों के पद भी संभाल रहे हैं। इस वजह से उन्हें परीक्षा की समस्याओं पर ध्यान देने का समय नहीं मिलता। तीसरी माँग थी कि लड़कियों का हॉस्टल 24 घँटे के लिए खुले होने चाहिए। लेकिन फिलहाल जिस माँग पर सबसे ज़्यादा विवाद है वह इसी माँग को लेकर है। 

18 सितम्बर को डेमोक्रेटिक स्टूडेंट्स ओर्गनाइजेशन नामक एक वामपंथी संगठन ने इन्ही माँगों को लेकर यूनिवर्सिटी कैंपस एक मार्च निकाला। इस मार्च में करीब 70 छात्र शामिल थे। स्टूडेंटस फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के यूनिवर्सिटी यूनिट सेक्रेटरी गुरमीत रोहाना ने बताया कि इस मार्च के आस-पास 3 स्टूडेंट्स असोसिएशन ऑफ़ पंजाब के लड़के बाइक पर घूमने लगे। वह महिला छात्रों को छेड़ने लगे और छात्रों ने इसका विरोध किया। इसके बाद दोनों गुटों में झड़प हो गयी और एसएपी के तीनो छात्र वहाँ से भाग गए। 

बाद में जब छात्र कुलपति के ऑफिस के सामने धरने पर बैठे थे। तब करीब 60 से 70 एसएपी के छात्रों ने विरोध पर रहे छात्रों पर हमला किया। बताया जा रहा है कि वह कृपाण और डंडे लेकर आये थे। महिला छात्र दहशत में भाग गयीं और वहाँ बचे हुए छात्रों को बहुत चोटें आयीं। इसके बाद पंजाबी यूनिवर्सिटी में मौजूद बाकी वामपंथी छात्र संगठनों जैसे एसएफआई, पीएसयू, एआईएसफ और बाकी संगठनों ने अगले दिन हिंसा के खिलाफ मार्च निकाला। इस मार्च में करीब 400 लोग मौजूद थे इसके साथ ही वामपंथी संगठनों ने गुंडागर्दी के खिलाफ एक यूनाइटेड फ्रंट भी बनाया।  

18 सितम्बर के बाद से वामपंथी संगठन लगातार यूनिवर्सिटी में महिला मुद्दों पर लेक्चर सीरीज़ करवा रहे हैं। यह कुलपति के ऑफिस के सामने या महिला हॉस्टलों में करवाये जा रहे हैं। स्टूडेंटस फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के यूनिवर्सिटी यूनिट सेक्रेटरी गुरमीत रोमाना का कहना है कि इन लेक्चरों में हर रोज़ 300 से 350 छात्र मौजूद रहते हैं। इसके आलावा पिछले 7 दिनों से छात्र अपनी माँगों को लेकर भूख हड़ताल भी कर रहे हैं। 

इस सब को देखते हुए यूनिवर्सिटी प्रशासन भी दबाव में आ गया है और छात्रों की मुख्य माँगों को मान लेने का दवा कर रहा है। लेकिन सब भी 24 हॉस्टल एंट्री के मुद्दे पर पेंच अटका हुआ है। सूत्र बताते हैं कि इसकी वजह है एसएपी और दूसरे सामंती सोच वाले छात्र संगठन। बताया जा रहा है कि अकाली दाल से जुड़ा संगठन स्टूडेंट्स ऑर्गेनाइसेशन ऑफ़ इंडिया और बाकी दक्षिणपंथी संगठन भी लड़कियों के 24 घंटे हॉस्टल एंट्री के खिलाफ हैं। बताया यह भी जा रहा है कि इन संगठनों को प्रशासन के एक धड़े का समर्थन है। 

यूनिवर्सिटी में लगातार बैठकों के दौर चल रहे हैं। सूत्र बताते हैं कि कोई बीच का रास्ता निकाले जाने की उम्मीद है। फिलहाल जहाँ महिलाओं के लिए श्याम 8 बजे तक एंट्री बंद हो जाती है। वहीं यह हो सकता है कि इसकी समय सीमा 12 बजे या रात 10 बजे तक बढ़ जाए। फिलहाल प्रशासन ने पीएचडी और एमफिल की छात्राओं के लिए 24 घंटे हॉस्टल एंट्री की माँग को मान लिया गया है I 

punjabi university
SFI
DSO
Patiyala

Related Stories

दिल्ली: रामजस कॉलेज में हुई हिंसा, SFI ने ABVP पर लगाया मारपीट का आरोप, पुलिसिया कार्रवाई पर भी उठ रहे सवाल

डीवाईएफ़आई ने भारत में धर्मनिरपेक्षता को बचाने के लिए संयुक्त संघर्ष का आह्वान किया

दिल्ली: ''बुलडोज़र राजनीति'' के ख़िलाफ़ सड़क पर उतरे वाम दल और नागरिक समाज

एलएसआर के छात्रों द्वारा भाजपा प्रवक्ता का बहिष्कार लोकतंत्र की जीत है

बैठक में नहीं पहुंचे अधिकारी, छात्र बोले- जेएनयू प्रशासन का रवैया पक्षपात भरा है

‘जेएनयू छात्रों पर हिंसा बर्दाश्त नहीं, पुलिस फ़ौरन कार्रवाई करे’ बोले DU, AUD के छात्र

जेएनयू हिंसा: प्रदर्शनकारियों ने कहा- कोई भी हमें यह नहीं बता सकता कि हमें क्या खाना चाहिए

JNU: मांस परोसने को लेकर बवाल, ABVP कठघरे में !

दिल्ली में गूंजा छात्रों का नारा— हिजाब हो या न हो, शिक्षा हमारा अधिकार है!

SFI ने किया चक्का जाम, अब होगी "सड़क पर कक्षा": एसएफआई


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License