NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
अर्थव्यवस्था
प्रधानमंत्री के हमारे मेहुल भाई और रविशंकर प्रसाद के जेंटलमैन चौकसी
“कितना ही बड़ा शो रूम होगा, हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं लेकिन वो जाएगा अपने सुनार के पास ज़रा चेक करो।“
रवीश कुमार
16 Feb 2018
nirav modi
Image Courtesy : Business Today

“कितना ही बड़ा शो रूम होगा, हमारे मेहुल भाई यहां बैठे हैं लेकिन वो जाएगा अपने सुनार के पास ज़रा चेक करो।“

ये शब्द प्रधानमंत्री के हैं। यू ट्यूब पर हैं। PM Narendra Modi at the launch of Indian Gold Coin and Gold Related Schemes नाम से टाइप कीजिए, प्रधानमंत्री का भाषण निकलेगा। इस वीडियो के 27 वें मिनट से सुनना शुरू कीजिए। प्रधानमंत्री हमारे मेहुल भाई का ज़िक्र कर रहे हैं। ये वही मेहुल भाई हैं जिन पर नीरव बैंक के साथ पंजाब नेशनल बैंक को 11 हज़ार करोड़ का चूना लगाने का आरोप लगा है। उनके पार्टनर हैं।

रविशंकर प्रसाद काफी गुस्से में प्रेस कांफ्रेंस करने आए थे। उन्हें लगा कि वे जो बोलेंगे वे जज की तरह फैसला होगा। पत्रकार भी सवाल जवाब नहीं कर सके। आज कल चुप रहने वाले लोग पोलिटिकल एडिटर बन रहे हैं, बोलने वाले निकलवा दिए जा रहे हैं। बहरहार रविशंकर प्रसाद दोबारा अपना प्रेस कांफ्रेंस देख सकते हैं। कितने गुस्से में मेहुल चौकसी का नाम लेते हैं जैसे उनकी हैसियत से नीचे की बात हो उस शख्स का नाम लेना। जबकि प्रधानमंत्री उसी मेहुल भाई को कितना आदर से पुकार रहे हैं। हमारे मेहुल आई। अहा। आनंद आ गया।

इन्हीं के बारे में रविशंकर प्रसाद कह रहे थे कि इनके साथ कांग्रेसी नेताओं की तस्वीरें हैं मगर वो जारी नहीं करेंगे। क्योंकि ये उनकी राजनीति का स्तर नहीं है। दुनिया भर के विरोधी नेताओं की तस्वीरों और सीडी जारी करने की राजनीति के बाद उनके इस आत्मज्ञान पर हंसी आई। गोदी मीडिया की हालत बहुत बुरी है।

13 जनवरी 2016 को पीटीआई की खबर कई अखबारों में छपी है कि अरुण जेटली 100 उद्योगपतियों को लेकर जा रहे हैं। यह ख़बर फाइनेंशियल एक्सप्रेस में भी छपी है। आप ख़ुद भी देख सकते हैं कि उसमें नीरव मोदी का नाम है। किसी भी बिजनेस अख़बार की ख़बर देखिए, उसमें यही लिखा होता है कि प्रधानमंत्री मोदी इन बिजनेसमैन की टोली का नेतृत्व कर रहे हैं। ज़ाहिर है उन्हें पता था कि भारत से कौन कौन वहां जा रहा है। इसलिए रविशंकर प्रसाद को सही बात बतानी चाहिए थी न कि इसे सी आई आई पर टाल देना चाहिए था।

नीरव मोदी 1 जनवरी 2018 को भारत से रवाना हो जाते हैं। उसके एक दिन बाद सीबीआई की जांच शुरू होती है। क्या यह महज़ संयोग था? जांच के दौरान यह शख्स 23 जनवरी को स्वीट्ज़रलैंड के दावोस में प्रधानमंत्री के करीब पहुंचता है, क्या यह भी संयोग था? इतने छापे पड़े, एफ आई आर हुई मगर यह तो मकाऊ में शो रूम का उद्घाटन कर रहा है। क्या ऐसी छूट किसी और को मिल सकती है? 2014 के पहले मिलती होगी लेकिन 2014 के बाद क्यों मिल रही है?

एन डी टी वी की नम्रता बरार की रिपोर्ट है कि नीरव मोदी इस वक्त न्यूयार्क के महंगे होटल में है। सरकार ने कहा है कि पासपोर्ट रद्द कर दिया जाएगा मगर अभी तक तो नहीं हुआ है। इतने दिनों तक उन्हें भागने की छूट क्यों मिली? हंगामा होने के बाद ही सरकार ने ये क्यों कहा जबकि पंजाब नेशनल बैंक ने एफ आई आर में कहा है कि इनके ख़िलाफ़ लुक आउट नोटिस जारी किया जाए। क्यों नहीं तभी का तभी किया?

अब ख़बर आई है कि इंटरपोल के ज़रिए डिफ्यूज़न नोटिस जारी किया गया है। इसका मतलब है कि पुलिस जांच के लिए गिरफ्तारी ज़रूरी है। हंगामे के बाद तो सब होता है मगर लुकआउट नोटिस उस दिन क्यों नहीं जारी हुआ जब एफ आई आर हुई, छापे पड़े।

15 फरवरी को नीरव मोदी के कई ठिकानों पर छापे पड़े हैं जिनमें 5100 करोड़ की संपत्ति के काग़ज़ात ज़ब्त हुए हैं। सभी जगह इसे बड़ा कर छापा गया है जिससे लगे कि बड़ी भारी कार्रवाई हो रही है। इस पर मनी कंट्रोल की सुचेता दलाल ने सख़्त ट्वीट किया है। उनका कहना है कि ख़बर है कि सीबीआई और डीआरई ने 5100 करोड़ के जवाहरात ज़ब्त किया है। अगर नीरव मोदी के पास इतनी संपत्ति होती तो उसे फर्ज़ी लेटर आफ अंडर टेकिंग लेकर घोटाला करने की ज़रूरत नहीं होती। दूसरा प्रक्रिया की बात होती है जो इन छापों से जुड़े अधिकारी बता सकते हैं। इतनी जल्दी संपत्ति का मूल्यांकन नहीं होता है। यह सब ख़बरों का मोल बढ़ाने के लिए किया गया है।

रविशंकर प्रसाद ने कहा कि घोटाला 2011 से शुरु हुआ। लेकिन यह 2017 तक कैसे चलता रहा? क्यों फरवरी 2017 में आठ फर्ज़ी लेटर ऑफ अंडर टेकिंग जारी किए गए? रविशंकर प्रसाद ने यह तथ्य प्रेस कांफ्रेंस में क्यों नहीं कहा?

इंडियन एक्सप्रेस ने लिखा है कि यह घोटाला 17 बैंकों तक भी गया है। 11,300 करोड़ के अलावा भी 3000 करोड़ का घोटाला हुआ है। नीरव मोदी की कई कंपनियां हैं, इन कंपनियों को 17 बैंकों ने 3000 करोड़ रुपये के लोन दिए हैं।

एक्सप्रेस ने लिखा है कि नीरव मोदी और उनके रिश्तेदारों की कंपनी को 2011 से 2017 के बीच 150 लेटर आफ अंटरटेकिंग दिए गए हैं। नियम है कि लेटर आफ अंडर टेकिंग से पैसा लेने पर 90 दिनों के अंदर चुका देना होता है। मगर बिना चुकाए भी इन्हें LOU मिलता रहा है। इतनी मेहरबानी किसके इशारे से हुई?

इस मामले में बैंक मैनेजर को क्यों फंसाया जा रहा है? LOU की मंज़ूरी बैंक के बोर्ड से मिलती है, बैंक के मैनेजर से नहीं। मगर एफ आई आर बैंक के मैनेजर और क्लर्कों के खिलाफ हुई है। बोर्ड के सदस्यों और चेयरमैन के ख़िलाफ़ क्यों नहीं एफ आई आर हुई?

एक दो LOU बैंक के खाते में दर्ज नहीं हो सकते हैं मगर उसके आधार पर जब दूसरे बैंक ने नीरव मोदी को पैसे दिए तो उस बैंक ने पंजाब नेशनल बैंक को तो बताया होगा। अपने पैसे पंजाब नेशनल बैंक से तो मांगे होंगे। कहीं ऐसा तो नहीं कि उन बैंकों से भी पैसे ले लिए गए और वहां भी हिसाब किताब में एंट्री नहीं हुई? इसका जवाब मिलना चाहिए कि पंजाब नेशनल बैंक के बोर्ड ने कैसे LOU को मंज़ूरी दी, बैंक की आडिट होती है क्या उस आडिट में भी 11,000 करोड़ का घपला नहीं पकड़ा गया तो फिर आडिट किस बात की हो रही थी?

इसलिए नौटंकी कम हो ज़रा इस पर, जांच जल्दी हो। 2 जी में भी सारे आरोपी बरी हो गए। एक नेता को बचा कर कितने कारपोरेट को बचाया गया आप खुद भी अध्ययन करें। आदर्श घोटाले में भी अशोक चव्हाण बरी हो गए। इटली की कंपनी अगुस्ता वेस्टलैंड से हेलिकाप्टर खरीदने के घोटाले को लेकर कितना बवाल हुआ। पूर्व वायु सेनाध्यक्ष को गिरफ्तार किया गया मगर इटली की अदालत में सीबीआई सबूत तक पेश नहीं कर पाई। ये सारी मेहरबानियां किस पर की गईं हैं?

बैंक कर्मचारी बताते हैं कि ऊपर के अधिकारी उन पर दबाव डालते हैं। नौकरी बचाने या कहीं दूर तबादले से बचने के लिए वे दबाव में आ जाते हैं। इन ऊपर वाले डकैतों के कारण बैंक डूब रहे हैं और लाखों बैंक कर्मचारी डर कर काम कर रहे हैं। उनकी सैलरी नहीं बढ़ रही है, बीमारियां बढ़ती जा रही हैं। बैंको पर भीतर से गहरी मार पड़ी है। आप किसी भी बैंक कर्मचारी से पूछिए वो बता देंगे अपना बुरा हाल। उनकी मानसिक पीड़ा समझने वाला कोई नहीं।

आप उस महंगी होती राजनीति की तरफ देखिए जहां पैसे से भव्य रैलियां हो रही हैं। वो जब तक होती रहेंगी तब तक बैंक ही डूबते रहेंगे। आखिर बिजनेसमैन भी पैसा कहां से लाकर देगा। इन्हीं रास्तों से लाकर देगा ताकि हुज़ूर रैलियों में लुटा सकें। यह पैटर्न आज का नहीं है मगर इसके लाभार्थी सब हैं।

रवीश कुमार की फ़ेसबुक वॉल से साभार I

नीरव मोदी
मेहुल भाई
नरेंद्र मोदी
बीजेपी के घोटाले
PNB बैंक
कॉर्पोरेट घोटाले

Related Stories

सरकारी बैंकों में अप्रैल-दिसंबर,19 के बीच 1.17 लाख करोड़ रुपये की धोखाधड़ी: आरटीआई

नफ़ा-नुक़सान : पीएमसी पर आरबीआई के प्रतिबंध के मायने और आशंकाएं

रोज़गार में तेज़ गिरावट जारी है

अविश्वास प्रस्ताव: विपक्षी दलों ने उजागर कीं बीजेपी की असफलताएँ

यूपी-बिहार: 2019 की तैयारी, भाजपा और विपक्ष

चुनाव से पहले उद्घाटनों की होड़

अमेरिकी सरकार हर रोज़ 121 बम गिराती हैः रिपोर्ट

जीएसटी ने छोटे व्यवसाय को बर्बाद कर दिया

मोदी के एक आदर्श गाँव की कहानी

पीएमएफबीवाई: मोदी की एक और योजना जो धूल चाट रही है


बाकी खबरें

  • Yeti Narasimhanand
    न्यूज़क्लिक टीम
    यति नरसिंहानंद : सुप्रीम कोर्ट और संविधान को गाली देने वाला 'महंत'
    23 Apr 2022
    यति नरसिंहानंद और अ(संतों) का गैंग हिंदुत्व नेता यति नरसिंहानंद गिरी ने दूसरी बार अपने ज़मानत आदेश का उल्लंघन करते हुए ऊना धर्म संसद में मुसलमानों के ख़िलाफ़ नफ़रती बयान दिए हैं। क्या है यति नरसिंहानंद…
  • विजय विनीत
    BHU : बनारस का शिवकुमार अब नहीं लौट पाएगा, लंका पुलिस ने कबूला कि वह तलाब में डूबकर मर गया
    22 Apr 2022
    आरोप है कि उनके बेटे की मौत तालाब में डूबने से नहीं, बल्कि थाने में बेरहमी से की गई मारपीट और शोषण से हुई थी। हत्या के बाद लंका थाना पुलिस शव ठिकाने लगा दिया। कहानी गढ़ दी कि वह थाने से भाग गया और…
  • कारलिन वान हाउवेलिंगन
    कांच की खिड़कियों से हर साल मरते हैं अरबों पक्षी, वैज्ञानिक इस समस्या से निजात पाने के लिए कर रहे हैं काम
    22 Apr 2022
    पर्यावरण संरक्षण की दिशा में काम करने वाले लोग, सरकारों और इमारतों के मालिकों को इमारतों में उन बदलावों को करने के लिए राजी करने की कोशिश कर रहे हैं, जिनके ज़रिए पक्षियों को इन इमारतों में टकराने से…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    छत्तीसगढ़ :दो सूत्रीय मांगों को लेकर 17 दिनों से हड़ताल पर मनरेगा कर्मी
    22 Apr 2022
    मनरेगा महासंघ के बैनर तले वे 4 अप्रैल से हड़ताल कर रहे हैं। पूरे छत्तीसगढ़ के 15 हज़ार कर्मचारी हड़ताल पर हैं फिर भी सरकार कोई सुध नहीं ले रही है।
  • ईशिता मुखोपाध्याय
    भारत में छात्र और युवा गंभीर राजकीय दमन का सामना कर रहे हैं 
    22 Apr 2022
    राज्य के पास छात्रों और युवाओं के लिए शिक्षा और नौकरियों के संबंध में देने के लिए कुछ भी नहीं हैं। ऊपर से, अगर छात्र इसका विरोध करने के लिए लामबंद होते हैं, तो उन्हें आक्रामक राजनीतिक बदले की…
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License