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पश्चिम बंगाल में वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं पर पुलिस की बर्बरता, 500 से अधिक घायल
माकपा की छात्र एवं युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने  जब शुक्रवार को सरकार के सचिवालय की तरफ अपने मांगों को लेकर मार्च किया तो सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिस और रैपिड एक्शन बल ने मार्च को रोकने के लिए  निहत्थे कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।तकरीबन 500 से अधिक कार्यकर्त्ता और विद्यार्थी घायल हो गए।  इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं।
न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
13 Sep 2019
left protest
Image courtesy:India Today

पश्चिम बंगाल में युवाओं के वास्ते रोजगार की मांग को लेकर शुक्रवार को राज्य सचिवालय की ओर मार्च कर रहे वाम मोर्चा के कार्यकर्ताओं के मार्च को रोकने के लिए पुलिस ने बर्बरता के साथ कार्रवाई की।  

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ इंडिया (एसएफआई) और डेमोक्रेटिक यूथ फेडरेशन ऑफ इंडिया (डीवाईएफआई) के सदस्यों ने राज्य के युवाओं के लिए रोजगार के अवसरों की मांग करते हुए बृहस्पतिवार को सिंगूर से रैली निकाली थी। ममता के शासन काल में बेरोजगारों हो रहे हजारों  नौजवानों ने इस रैली में हिस्सा लिया। इस रैली का शुक्रवार की दोपहर को राज्य सचिवालय पर समापन होना था।

सूत्रों के अनुसार, माकपा की छात्र एवं युवा शाखा के कार्यकर्ताओं ने  जब शुक्रवार को सरकार के सचिवालय की तरफ अपने मांगों को लेकर मार्च किया तो सचिवालय पहुंचने से पहले ही पुलिस ने उन्हें रोक लिया। इसके बाद पुलिस और रैपिड एक्शन बल ने मार्च को रोकने के लिए  निहत्थे कार्यकर्ताओं और विद्यार्थियों पर आंसू गैस के गोले दागे और लाठीचार्ज किया।तकरीबन 500 से अधिक कार्यकर्त्ता और विद्यार्थी घायल हो गए।  इस समय हॉस्पिटल में भर्ती हैं।  

स्टूडेंट फेडरेशन ऑफ़ इंडिया के सेंट्रल कमिटी ने तृणमूल कांग्रेस कार्रवाई का कड़ी निंदा की है। इसके विरोध के खिलाफ 14 सितंबर यानी शनिवार को पूरे देश में विरोध प्रदर्शन करने का आह्वाहन दिया है। ताकि सरकार को बताये जा सके जनता सत्ता की दमनात्मक कार्रवाई के सामने झुकाने वाली नहीं है।

West Bengal
Left Front
Left activists
CPI M
SFI
SFI Protest
DYFI
Student Federation of India

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