NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पशु कारोबार पर तुगलकी फरमान से किसानों की आय दोगुना करने के मंसूबे फेल
सबसे बुरी मार देश के गरीब किसानों पर पड़ी है।
सबरंग इंडिया
17 Jun 2017
पशु कारोबार पर तुगलकी फरमान से किसानों की आय दोगुना करने के मंसूबे फेल

अमूमन यह माना जा रहा है कि मवेशी कारोबार से जुड़े नए नियमों का असर मीट और चमड़ा उद्योग में लगे लोगों के रोजगार और कमाई पर पड़ा है। लेकिन हकीकत कुछ और है। सबसे बुरी मार देश के गरीब किसानों पर पड़ी है।

मोदी सरकार ने भले ही सुप्रीम कोर्ट से कहा हो कि बूचड़खानों के लिए पशु बाजारों में मवेशियों की खरीद-बिक्री से जुड़े नए नियम, इस कारोबार में नियमन के लिए है। लेकिन हकीकत कुछ और है। देश के तमाम पशु बाजारों को नए नियमों ने बुरी तरह प्रभावित किया है और इससे वहां कारोबार घट कर आधा रह गया है।

अमूमन यह माना जा रहा है कि मवेशी कारोबार से जुड़े नए नियमों का असर मीट और चमड़ा उद्योग में लगे लोगों के रोजगार और कमाई पर पड़ा है। लेकिन सबसे बुरी मार किसानों पर पड़ी है। किसानों को अब अपने उन मवेशियों को बेचने में मुश्किल हो रही है जो उनके लिए अब काम के नहीं रहे। उसे एक मवेशी बेच कर दूसरा खरीदना भी मुश्किल हो रहा है।

यूपी के फिरोजाबाद का पचोखड़ा राज्य का दूसरा बड़ा पशु बाजार है। लेकिन यहां पशुओं की बिक्री 25 फीसदी रह गई है। ज्यादातर किसान गोरक्षकों के डर और नियमों की पेचीदगियों की वजह से यहां बिक्री के लिए पशु लेकर ही नहीं आ रहे हैं। पचोखड़ा पशु बाजार के संचालकों का कहना है कि जून से नवंबर तक का महीना पशु कारोबार के लिए व्यस्त सीजन का होता है क्योंकि खेतों में बुआई और खेती के अन्य कामों में उसके पास की नकदी खत्म हो गई होती है। उसे अगली फसल घर में आने के समय तक लिए नकदी चाहिए होती है। ऐसे में वह दूध न देने वाले या अब खेती में काम न आने वाले पशुओं को बेचने के लिए बाजार में आता है। लेकिन नए नियमों की वजह से वह बाजार में पशु लेकर नहीं आ रहा है। बाजार संचालकों के मुताबिक अगर यही आलम रहा तो किसान अपने मवेशियों को आधे से भी कम दाम पर बेचने को मजबूर हो जाएंगे। ज्यादातर किसानों के पास खेती के लायक न रहे या दूध न देने वाले पशुओं को खिलाने की क्षमता नहीं होती। ऐसे में वे उस खुले में छोड़ देते हैं।

 यूपी के पशु हाट संचालकों ने अब सरकार से मिलने का फैसला किया है। उनका कहना है कि गो संरक्षण के नाम पर लादे गए नए नियमों की वजह से बाजार में अब बैल, भैंसे और बकरे भी नहीं आ रहे हैं।। इन संचालकों का कहना है कि अगर सरकार की सख्ती जारी रही तो महाराष्ट्र और मध्य प्रदेश की तरह यहां भी किसानों का आंदोलन शुरू हो जाएगा। आगरा के नजदीक दलशाहपुर पशु मेले के संचालक अशोक कुमार का कहना है कि जो पशु अब प्रजनन के लायक नहीं रह गए हैं, उसका क्या किया जाए, इस बारे में सरकार के पास कोई हल नहीं है। गोशाला नाम मात्र को हैं। किसानों के लिए इन पशुओं का भार ढोना मुश्किल हो रहा है। इससे किसानों के आय के स्त्रोत सूख गए हैं। क्योंकि ज्यादातर किसान पुराने मवेशियों को बेच कर अपने लिए नए दुधारू और खेती लायक पशु खरीदते हैं।

Courtesy: सबरंग इंडिया
किसान आत्महत्या
किसान
गौ रक्षक

Related Stories

किसान आंदोलन के नौ महीने: भाजपा के दुष्प्रचार पर भारी पड़े नौजवान लड़के-लड़कियां

आंदोलन कर रहे पंजाब के किसानों की बड़ी जीत, 50 रुपये प्रति क्विंटल बढ़ी गन्ने की कीमत

योगी की गाय-नीति : कैसे होगा उत्थान; किसान मजबूर, अफसर परेशान

पीएमएफबीवाई- बीमा कंपनियाँ को बेतहाशा मुनाफा और किसान बेहाल

महाराष्ट्र के कारोबारी ने किसानों के नाम पर लिया 5,400 करोड़ रूपये का लोन

किसानी की हालत सुधारनें में फेल हैं सरकारी नीतियाँ

मोदी सरकार किसानों को धोखा दे रही है- विजू कृष्णन, AIKS

ऋतू बंधु योजना के तहत तेलंगाना के पट्टेदार किसानों ने की निवेश सहायता की माँग

मध्यप्रदेश 10-दिन का गाँव बंद : विरोध के पहले सप्ताह में तीन किसानों ने आत्महत्या की

राजस्थान: लहसुन की ऊपज पर लागत से कम दाम मिलने पर 5 किसानों ने की आत्महत्या


बाकी खबरें

  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    मुंडका अग्निकांड के खिलाफ मुख्यमंत्री के समक्ष ऐक्टू का विरोध प्रदर्शन
    20 May 2022
    मुंडका, नरेला, झिलमिल, करोल बाग से लेकर बवाना तक हो रहे मज़दूरों के नरसंहार पर रोक लगाओ
  • रवि कौशल
    छोटे-मझोले किसानों पर लू की मार, प्रति क्विंटल गेंहू के लिए यूनियनों ने मांगा 500 रुपये बोनस
    20 May 2022
    प्रचंड गर्मी के कारण पंजाब, हरियाणा, राजस्थान, मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश और बिहार जैसे गेहूं उत्पादक राज्यों में फसलों को भारी नुकसान पहुंचा है।
  • Worship Places Act 1991
    न्यूज़क्लिक टीम
    'उपासना स्थल क़ानून 1991' के प्रावधान
    20 May 2022
    ज्ञानवापी मस्जिद से जुड़ा विवाद इस समय सुर्खियों में है। यह उछाला गया है कि ज्ञानवापी मस्जिद विश्वनाथ मंदिर को तोड़कर बनाई गई थी। ज्ञानवापी मस्जिद के भीतर क्या है? अगर मस्जिद के भीतर हिंदू धार्मिक…
  • सोनिया यादव
    भारत में असमानता की स्थिति लोगों को अधिक संवेदनशील और ग़रीब बनाती है : रिपोर्ट
    20 May 2022
    प्रधानमंत्री आर्थिक सलाहकार परिषद की रिपोर्ट में परिवारों की आय बढ़ाने के लिए एक ऐसी योजना की शुरूआत का सुझाव दिया गया है जिससे उनकी आमदनी बढ़ सके। यह रिपोर्ट स्वास्थ्य, शिक्षा, पारिवारिक विशेषताओं…
  • न्यूज़क्लिक रिपोर्ट
    हिसारः फसल के नुक़सान के मुआवज़े को लेकर किसानों का धरना
    20 May 2022
    हिसार के तीन तहसील बालसमंद, आदमपुर तथा खेरी के किसान गत 11 मई से धरना दिए हुए हैं। उनका कहना है कि इन तीन तहसीलों को छोड़कर सरकार ने सभी तहसीलों को मुआवजे का ऐलान किया है।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License