NewsClick

NewsClick
  • English
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • हमारे लेख
  • हमारे वीडियो
search
menu

सदस्यता लें, समर्थन करें

image/svg+xml
  • सारे लेख
  • न्यूज़क्लिक लेख
  • सारे वीडियो
  • न्यूज़क्लिक वीडियो
  • राजनीति
  • अर्थव्यवस्था
  • विज्ञान
  • संस्कृति
  • भारत
  • अंतरराष्ट्रीय
  • अफ्रीका
  • लैटिन अमेरिका
  • फिलिस्तीन
  • नेपाल
  • पाकिस्तान
  • श्री लंका
  • अमेरिका
  • एशिया के बाकी
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें
सब्सक्राइब करें
हमारा अनुसरण करो Facebook - Newsclick Twitter - Newsclick RSS - Newsclick
close menu
भारत
राजनीति
पत्रकारों का यौन उत्पीड़न कतई बर्दाश्त नहीं : यूएनजीए अध्यक्ष
"एस्पिनोसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और यौन हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"
न्यूजक्लिक रिपोर्ट
12 Oct 2018
संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नाडा एस्पिनोसा

संयुक्त राष्ट्र महासभा की अध्यक्ष मारिया फर्नाडा एस्पिनोसा का कहना है कि पत्रकारों के यौन उत्पीड़न को कतई बर्दाश्त नहीं किया जाना चाहिए। एस्पिनोसा की प्रवक्ता मोनिका ग्रेले ने भारत के मीडिया जगत में चल रहे 'मीटू' मूवमेंट पर एक सवाल का यह जवाब देते हुए यह बात कही।

उन्होंने कहा, "एस्पिनोसा ने यह स्पष्ट कर दिया है कि यौन उत्पीड़न, यौन शोषण और यौन हिंसा के खिलाफ जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"

यह पूछे जाने पर कि क्या एस्पिनोसा भारतीय महिला पत्रकारों के साथ एकजुटता दिखाना चाहती हैं, जिन महिलाओं ने भारत के विदेश राज्यमंत्री एम.जे.अकबर के खिलाफ यौन उत्पीड़न के आरोप लगाए हैं।
(इनपुट : आईएएनएस)
इस पर ग्रेले कहती हैं, "जब आप यौन हिंसा, यौन उत्पीड़न या किसी भी तरह के उत्पीड़न के खिलाफ रुख अपनाते हैं फिर चाहे वह प्रेस से जुड़ी महिलाएं हों, तो आप किसी एक चुनिंदा क्षेत्र की महिलाओं की बात नहीं रखते। यह सार्वभौमिक संदर्भ में होता है। इसलिए जीरो टॉलरेंस नीति अपनाई जानी चाहिए।"

आपको बता दें कि इन दिनों भारत में हैशटैग मी टू अभियान हलचल मचाए हुए है और मीडिया और सिनेमा जगत की कई नामचीन शख्सियत का नाम यौन उत्पीड़न में आया है। मोदी सरकार में मंत्री और पूर्व पत्रकार एमजे अकबर वो बड़ा नाम हैं जिनको लेकर लगातार शिकायतें सामने आ रही हैं। कई प्रतिष्ठित महिला पत्रकारों ने अकबर पर यौन हमले और शोषण का आरोप लगाया है लेकिन सरकार ने अभी तक उनके ऊपर कोई कार्रवाई नहीं की है। प्रधानमंत्री या अन्य जिम्मेदार मंत्रियों ने इस बारे में अभी तक कोई आधिकारिक बयान तक नहीं दिया है। इसे लेकर मीडिया जगत और अन्य क्षेत्रों में नाराज़गी है।

#metoo
#MeToo Moment In India
Media and Politics
M J AKBAR
United nations
Maria Fernanda Espinosa Garces

Related Stories

मानवाधिकार संगठनों ने कश्मीरी एक्टिविस्ट ख़ुर्रम परवेज़ की तत्काल रिहाई की मांग की

विश्व आदिवासी दिवस पर उठी मांग, ‘पेसा कानून’ की नियमावली जल्द बनाये झारखंड सरकार

दुनिया में हर जगह महिलाएँ हाशिए पर हैं!

खोरी गांव: मकानों को टूटने से बचाने के लिए यूनाइटेड नेशन को भेजा ज्ञापन

संयुक्त राष्ट्र खाद्य प्रणाली शिखर सम्मेलन: भारत पर इसका असर और नागरिक समाज के बहिष्कार का कारण

हिंदी पत्रकारिता दिवस: अपनी बिरादरी के नाम...

वामपंथ, मीडिया उदासीनता और उभरता सोशल मीडिया

दुनिया की हर तीसरी महिला है हिंसा का शिकार : डबल्यूएचओ रिपोर्ट

मानहानि मामले में प्रिया रमानी बरी, उत्तराखंड त्रासदी में मरने वालों की संख्या बढ़ी और अन्य

प्रिया रमानी की जीत महिलाओं की जीत है, शोषण-उत्पीड़न के ख़िलाफ़ सच्चाई की जीत है!


बाकी खबरें

  • भाषा
    बच्चों की गुमशुदगी के मामले बढ़े, गैर-सरकारी संगठनों ने सतर्कता बढ़ाने की मांग की
    28 May 2022
    राष्ट्रीय अपराध रिकॉर्ड ब्यूरो (एनसीआरबी) के हालिया आंकड़ों के मुताबिक, साल 2020 में भारत में 59,262 बच्चे लापता हुए थे, जबकि पिछले वर्षों में खोए 48,972 बच्चों का पता नहीं लगाया जा सका था, जिससे देश…
  • आज का कार्टून
    कार्टून क्लिक: मैंने कोई (ऐसा) काम नहीं किया जिससे...
    28 May 2022
    नोटबंदी, जीएसटी, कोविड, लॉकडाउन से लेकर अब तक महंगाई, बेरोज़गारी, सांप्रदायिकता की मार झेल रहे देश के प्रधानमंत्री का दावा है कि उन्होंने ऐसा कोई काम नहीं किया जिससे सिर झुक जाए...तो इसे ऐसा पढ़ा…
  • सौरभ कुमार
    छत्तीसगढ़ के ज़िला अस्पताल में बेड, स्टाफ और पीने के पानी तक की किल्लत
    28 May 2022
    कांकेर अस्पताल का ओपीडी भारी तादाद में आने वाले मरीजों को संभालने में असमर्थ है, उनमें से अनेक तो बरामदे-गलियारों में ही लेट कर इलाज कराने पर मजबूर होना पड़ता है।
  • सतीश भारतीय
    कड़ी मेहनत से तेंदूपत्ता तोड़ने के बावजूद नहीं मिलता वाजिब दाम!  
    28 May 2022
    मध्यप्रदेश में मजदूर वर्ग का "तेंदूपत्ता" एक मौसमी रोजगार है। जिसमें मजदूर दिन-रात कड़ी मेहनत करके दो वक्त पेट तो भर सकते हैं लेकिन मुनाफ़ा नहीं कमा सकते। क्योंकि सरकार की जिन तेंदुपत्ता रोजगार संबंधी…
  • अजय कुमार, रवि कौशल
    'KG से लेकर PG तक फ़्री पढ़ाई' : विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं की सभा में उठी मांग
    28 May 2022
    नई शिक्षा नीति के ख़िलाफ़ देशभर में आंदोलन करने की रणनीति पर राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में सैकड़ों विद्यार्थियों और शिक्षा से जुड़े कार्यकर्ताओं ने 27 मई को बैठक की।
  • Load More
सब्सक्राइब करें
हमसे जुडे
हमारे बारे में
हमसे संपर्क करें

CC BY-NC-ND This work is licensed under a Creative Commons Attribution-NonCommercial-NoDerivatives 4.0 International License